Assembly Elections 2022
मीम्स, पॉप कल्चर और सांप्रदायिक नारे: इंस्टाग्राम पर ऐसे हो रहा चुनाव प्रचार
चुनावी मौसम में युवा मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए इंस्टाग्राम पर नृत्य, संगीत और मज़ेदार पॉप कल्चर संदर्भों के माध्यम से सांप्रदायिक संदेश दिए जा रहे हैं. ज्यादातर युवा मतदाता फेसबुक से इंस्टाग्राम पर जा चुके हैं और उनके पीछे-पीछे राजनीतिक दल भी वहीं पहुंच गए हैं.
इंस्टाग्राम के उपयोगकर्ताओं में सबसे बड़ी तादाद भारतीयों की है. ये संख्या अमेरिका से भी अधिक है और इनमें से 79 प्रतिशत 18 से 34 आयु वर्ग के हैं. नतीजतन कई राजनीतिक अभियान, अब रील्स और इंस्टाग्राम स्टोरीज के रूप में डिजाइन किए गए हैं.
उदाहरण के लिए भाजपा के आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल को लें, जिसके 45 लाख फॉलोअर्स हैं. इस हैंडल पर चुनाव प्रचार जनवरी से शुरू हो गया था. इनकी हर पांचवीं-छठी पोस्ट एक वीडियो है. जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते गए इन पोस्ट्स की संख्या बढ़ती गई, जो मुख्यतः उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव पर केंद्रित थे, दूसरे स्थान पर पंजाब संबंधित पोस्ट थे.
फेसबुक की एड लाइब्रेरी की रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा ने इंस्टाग्राम के यूपी हैंडल पर पिछले 30 दिनों में 657 पोस्ट्स को प्रोमोट किया है, जिसके लिए उन्होंने फेसबुक और इंस्टाग्राम दोनों पर 1.5 करोड़ रुपए खर्च किए. इन पोस्ट्स की भाषा आम तौर पर सांप्रदायिक होती है और इनमें समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बारे में अपमानजनक टिप्पणियां की जाती हैं.
जैसे कि सपा के कार्यकाल पर यह वीडियो जिसमें मुस्लिम पुरुषों की तस्वीरों के साथ 'गुंडा राज' जैसे शब्दों का उपयोग किया गया है. वहीं 'सपा के माफिया शासन' पर बनी एक अन्य वीडियो के थंबनेल पर दाढ़ी-टोपी वाले एक व्यक्ति की तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है.
भाजपा की यूपी इकाई ने विपक्षी दलों को निशाना बनाने के लिए मीम कल्चर को भी अपनाया है. उदाहरण के लिए यह वीडियो लीजिए जो भाजपा ने राष्ट्रीय और यूपी दोनों हैंडल्स से पोस्ट किया है- सड़क छाप संगीत के साथ यह वीडियो सपा को 'बेनकाब' करने का दावा करता है, और सपा को निशाना बनाते इसके गीतों के बोल हैं 'गुंडा ले आई, माफिया ले आई' और 'कामचोरी ले आई, सीना जोरी ले आई' आदि.
इसी तरह के गीतों से यह भी बताने का प्रयास हो रहा है कि यूपी कैसे भाजपा को सत्ता में वापस लाना चाहता है.
कुछ पोस्ट्स भाजपा की उपलब्धियां गिनाते हैं जिनमें प्रमुख हैं राज्य में कथित रूप से 'गुंडा राज' की समाप्ति, अनुच्छेद 370 को हटाने, राफेल सौदे की सफलताएं और काशी (वाराणसी) का पुनर्विकास आदि.
उत्तराखंड भाजपा के इंस्टाग्राम हैंडल पर भी राजनीति के अभद्र भाषा के साथ मिश्रण का यही पैटर्न देखने को मिलता है. इस हैंडल के फॉलोअर्स की संख्या 17,500 है और इसके पोस्ट्स की भाषा कुछ इस तरह है: “रावत की सरकार में जुमे की नमाज की छुट्टी, बीजेपी की सरकार में इगास पर्व में अवकाश.”
भाजपा ने पिछले 30 दिनों में फेसबुक और इंस्टाग्राम पर 23 पोस्ट्स को प्रोमोट करने में 2,37,476 रुपए खर्च किए हैं. उत्तराखंड भाजपा की टाइमलाइन मुख्य रूप से इस और इशारा करती है कि कांग्रेस की सरकारों में मुसलमानों का 'तुष्टिकरण' किया गया और अगर भाजपा सत्ता में वापस आती है तो वह हिंदुओं की 'उपेक्षा' नहीं करेगी. उत्तर प्रदेश की तरह यहां भी 'हिंदू खतरे में है' का गल्प हावी है.
इसके विपरीत गोवा और पंजाब के हैंडल्स पर भाजपा का प्रचार इतना भड़काऊ नहीं है. उदाहरण के लिए, गोवा पेज के अधिकांश वीडियो भाजपा के उम्मीदवारों के बारे में हैं.
पंजाब में सार्वजनिक धारणा है कि कृषि कानूनों पर भाजपा की पराजय हुई इसलिए पार्टी का आधिकारिक अभियान, अपने वीडियोज में कानूनों का कोई उल्लेख नहीं करता. इसके बजाय यह भाजपा के सिखों के लिए किए गए कार्यों पर प्रकाश डालता है, जैसे करतारपुर कॉरिडोर का खोला जाना. यह कृषि कानूनों के वापस लिए जाने की खबर देती न्यूज़ क्लिप्स का भी प्रयोग करता है और पीछे चलती रिकॉर्डिंग बताती है कि कैसे भाजपा 'पंजाब की जिद के आगे झुक गई'.
पंजाब के लिए भाजपा ने पिछले 30 दिनों में इंस्टाग्राम और फेसबुक पर 123 पोस्ट्स को प्रोमोट करने के लिए लगभग 1,46,343 रुपए खर्च किए हैं.
एक सोशल मीडिया विशेषज्ञ जिन्होंने इन प्लेटफार्मों पर सब्सक्राइबर्स के जुड़ाव और विकास पर काम किया है, न्यूज़लॉन्ड्री को बताते हैं कि भाजपा स्पष्ट रूप से युवा पीढ़ी या पहली और दूसरी बार के मतदाताओं को ध्यान में रख रही है. ऐसा करने के लिए पार्टी प्रत्येक राज्य की बोलचाल की भाषा का उपयोग करती है, जैसे पंजाबी वीडियो के लिए 'गिद्दा नृत्य' और यूपी के वीडियो के लिए 'कव्वाली और खड़ी बोली.’
उन्होंने कहा कि ऐसे पोस्ट व्हाट्सएप पर साझा करने और फॉरवर्ड करने के लिए बेहद उपयुक्त होते हैं और बहुत स्वाभाविक लगते हैं.
अन्य पार्टियां
इंस्टाग्राम पर प्रचार की इस दौड़ में कांग्रेस भी पीछे नहीं है. जहां कांग्रेस के राष्ट्रीय पेज पर केवल रोड-शो और भाषणों के वीडियोज मिलते हैं, वहीं राज्य के हैंडल्स पर राज्य-विशिष्ट रीलें, वीडियो और अन्य रचनात्मक सामग्री पोस्ट की जाती है.
यूपी कांग्रेस के इंस्टाग्राम पर 1,04,000 फॉलोवर्स हैं. इस पर भाषणों और चुनाव प्रचार के वीडियोज के साथ-साथ, जनता के बीच कांग्रेस नेताओं की तस्वीरें और प्रस्तावित नीतियों तथा पार्टी के प्रशासन में यूपी कैसा होगा आदि विषयों के बारे में रील्स पोस्ट की जाती हैं. कांग्रेस ने पिछले 30 दिनों में इंस्टाग्राम और फेसबुक पर 36 पोस्ट्स को प्रोमोट करने के लिए 6,35,010 रुपए खर्च किए हैं.
हालांकि कांग्रेस ने यूपी के लिए अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है, लेकिन 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' के नारे के साथ प्रियंका गांधी वाड्रा इंस्टाग्राम पर पार्टी के अभियान का चेहरा हैं. कुछ पोस्ट्स भाजपा और सपा के बीच की दुश्मनी को निशाना बनाते हुए वादा करते हैं कि कांग्रेस का ध्यान विकास पर है. भाजपा के प्रशासन में यूपी के हालात पर कुछ मीम्स भी मौजूद हैं.
कांग्रेस की सोशल मीडिया रणनीति में दिलचस्प बात यह है कि पार्टी अपने आधिकारिक हैंडल के बजाय यूपी इंस्टाग्राम पेज पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रही है. उदाहरण के लिए, इस पेज के 7,000 फॉलोअर्स हैं और यह सक्रिय रूप से प्रियंका गांधी की अगुआई में महिला सशक्तिकरण को प्रचार के केंद्र में रखे हुए है. उत्तराखंड की तरह यहां भी भाजपा और कांग्रेस की विचारधाराओं के बीच तुलना की जाती है. कांग्रेस कहती है कि दोनों में अंतर स्पष्ट है. पार्टी ने फेसबुक और इंस्टाग्राम पर 229 पोस्ट्स को प्रोमोट करने पर 44,43,201 रुपए खर्च किए हैं.
कांग्रेस ने अपने पंजाब पेज पर 63,28,618 रुपए खर्च करके 942 पोस्ट प्रोमोट की हैं. इस पेज पर कांग्रेस उम्मीदवारों के वीडियो, उनके भाषण और नीतियां आदि उपलब्ध हैं. वहीं उत्तराखंड कांग्रेस का पेज वीडियोज से भरा पड़ा है लेकिन इनमें से अधिकांश को मुश्किल से 2,000 बार देखा गया है. कांग्रेस का गोवा पेज संयुक्त रूप से वीडियोज और पोस्ट्स के साथ भाजपा को निशाना बनाता है और महंगाई जैसे मुद्दों पर चर्चा करता है.
उत्तर प्रदेश चुनावों में भाजपा को कड़ी टक्कर दे रही सपा का इंस्टाग्राम अकाउंट नहीं है. पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव का एक व्यक्तिगत अकाउंट है, जहां वह अपने चुनाव अभियान की तस्वीरें पोस्ट करते हैं. वीडियो कंटेंट, जो कि अन्य पार्टियों के अभियान की रीढ़ हैं, यहां पूरी तरह से नदारद हैं.
आम आदमी पार्टी, जो मणिपुर को छोड़कर बाकी सभी राज्यों में चुनाव लड़ रही है, अधिकतर पंजाब और गोवा पर केंद्रित इंस्टाग्राम पेज रील्स और वीडियोज का ज्यादा उपयोग करती है. फिर भी भाजपा की तुलना में इनके आधिकारिक हैंडल पर आकर्षक पॉप संस्कृति वाले कंटेंट का बहुत आभाव है.
लेकिन इंस्टाग्राम पर इनके राज्यों के हैंडल पर ऐसा नहीं है. उदाहरण के लिए, यूपी में संजय सिंह अपने इंटरव्यू और मीम्स की रील्स से सुर्खियों में हैं. वे भी अपनी रील्स में 'योगी जी, तुमसे ना हो पायेगा' जैसे पॉप कल्चर संदर्भों का उपयोग कर रहे हैं. यह एक दिलचस्प बात है कि ये रील्स कुछ सबसे अधिक बार देखी जाने वाली पोस्ट्स में से एक हैं.
पंजाब में मुख्मंत्री पद के लिए भगवंत मान आप की ओर से दावेदार हैं और इंस्टाग्राम और अन्य जगहों पर फीड के जरिए यह बताने की कोशिश की जाती है कि आप कैसे 'एक बदलाव लाएगी'. इसके गोवा और उत्तराखंड अभियान दिल्ली मॉडल पर केंद्रित हैं.
अंत में आती है तृणमूल कांग्रेस जो गोवा में चुनाव लड़ रही है. टीएमसी गोवा के इंस्टाग्राम पेज पर कई वीडियोज बंगाली में हैं, हालांकि राज्य में बंगाली बोलने वालों की संख्या 2011 की जनगणना के अनुसार कुल आबादी का केवल 0.4 प्रतिशत है.
Also Read
-
Another Election Show: Hurdles to the BJP’s south plan, opposition narratives
-
‘Not a family issue for me’: NCP’s Supriya Sule on battle for Pawar legacy, Baramati fight
-
‘Top 1 percent will be affected by wealth redistribution’: Economist and prof R Ramakumar
-
Presenting NewsAble: The Newslaundry website and app are now accessible
-
Never insulted the women in Jagan’s life: TDP gen secy on Andhra calculus, BJP alliance