Assembly Elections 2022
कितना अहम है गोवा चुनावों में खनन का मुद्दा?
गोवा फाउंडेशन के रिसर्च डायरेक्टर राहुल बसु से हमने राज्य में खनन के मुद्दे पर बातचीत की. दरअसल गोवा फाउंडेशन ही वह संस्था है जिसकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद राज्य में खनन पर रोक लगाई थी. गोवा फाउंडेशन का कहना है कि खनन करने के लिए पूरी तरह से बदलाव की जरूरत है.
बता दें कि गोवा के चुनाव में खनन का मुद्दा काफी महत्व रखता है, इसलिए सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव जितने के लिए अपने प्रचार में इस मुद्दे का भरपूर इस्तेमाल कर रही हैं.
अतुल सवाल करते हैं कि गोवा फाउंडेशन के लिए यह किस तरह का मुद्दा है? इसके जवाब में बसु कहते हैं कि, "गोवा फाउंडेशन आने वाली पीढ़ियों के लिए खनिज के संरक्षण के लिए काम करता है. हम एक्टिविज्म इसलिए करते हैं ताकि हमें जल, जंगल और खनिज मिले. हम जब खनन को देख रहे थे तब हमें पता चला कि गोवा में जो खनन हो रहा था वो अवैध था. सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में बोला था कि 2007 से 2012 तक गोवा में जो खानन हुआ है वो अवैध है. खनिज और प्राकृतिक संसाधन राज्य सरकार की संपत्ति है लेकिन उसका इनपर कोई हक नहीं है. इस सोच के साथ अगर किसी ने अवैध खनन किया है तो उसने सार्वजानिक संपत्ति की चोरी की है."
बासु आगे कहते हैं, "हमारे पांच सिद्धांत हैं. पहला खनिज सामुदायिक संपत्ति है. दूसरा हमें आने वाली पीढ़ियों के लिए इसे बचाना है. तीसरा सिद्धांत यदि हम इस खनिज को बेचते हैं तो उसका पूरा पैसा राज्य सरकार के पास होना चाहिए बिना किसी घाटे के साथ. चौथी चीज खनिज बेच कर जो पैसा मिला है उससे आने वाली पीढ़ियों के लिए फंड तैयार किया जाए. आखिरी, जो भी पैसा खनिज बेच कर अता है उसे गोवा की जनता के बीच बराबर हिस्सों में बांटा जाए."
देखिए पूरा इंटरव्यू-
Also Read
-
Let Me Explain: How the Sangh mobilised Thiruparankundram unrest
-
TV Newsance 325 | Indigo delays, primetime 'dissent' and Vande Mataram marathon
-
The 2019 rule change that accelerated Indian aviation’s growth journey, helped fuel IndiGo’s supremacy
-
You can rebook an Indigo flight. You can’t rebook your lungs
-
‘Overcrowded, underfed’: Manipur planned to shut relief camps in Dec, but many still ‘trapped’