Assembly Elections 2022
उत्तराखंड चुनाव: सरकार वही है, सिर्फ काम करने वालों के चेहरे बदल गए हैं: सुरेश जोशी
न्यूज़लॉन्ड्री की टीम चुनावी कवरेज के लिए उत्तराखंड में है. यहां हमारी मुलाकात भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता सुरेश जोशी से हुई. सुरेश जोशी उत्तराखंड की बीजेपी इकाई के महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं. वह राज्य के उपाध्यक्ष और महासचिव भी रह चुके हैं. सुरेश जोशी ने राज्य के विभिन्न मुद्दों पर हमसे खुलकर बातचीत की.
अतुल सवाल करते हैं, "पहले चुनावों में प्रधानमंत्री की शारीरिक उपस्थिति रहती थी जो लोगों को आकर्षित करती थी लेकिन इस बार वो स्थिति नदारद है. आपको क्या लगता है उनकी अनुपस्थिति से नुकसान हो सकता है ?"
जवाब में सुरेश जोशी कहते हैं, "भाजपा का संगठन बहुत मजबूत है. उत्तरखंड से प्रधानमंत्री का लगाव है. बीजेपी के पांच वर्षों के कार्यकाल में उत्तराखंड का इंफ्रास्ट्रक्चर बहुत मजबूत हुआ है. प्रधानमंत्री ने राज्य को तीन मेडिकल कॉलेज दिए हैं. उत्तराखंड देश का पहला राज्य होगा जहां 180 विद्यालयों में एक साथ सीबीएसई पैटर्न और नई शिक्षा निति लागू कर दी गई है.उत्तराखंड की जनता का प्रधानमंत्री पर एक अटूट विश्वास है."
वहीं हृदयेश जोशी सवाल करते हैं, “हमने ग्राउंड पर देखा की नरेंद्र मोदी के नाम से लोग खिंचे चले आते हैं लेकिन चुनवी वर्ष में तीन मुख्यमंत्रियों को हटाने से क्या यह संदेश पहुंचता है कि जिन कामों का अपने दवा किया है वो लोगों तक नहीं पहुंचा है.”
इसके जवाब में सुरेश जोशी कहते हैं, "सरकार पहले जैसे ही है उसका काम करने का तरीका भी पहले जैसा है सिर्फ काम करने वालो के नाम बदले गए हैं. विपक्ष ने इस विषय को भी मुद्दा बनाने का प्रयास किया लेकिन वे सफल नहीं हुए. उन्होंने पूरे चुनाव कैंपेन को हिन्दू मस्लिम की तरफ मोड़ दिया. उत्तरखंड की राजनीति को देखें तो कांग्रेस हर तरफ से जनता के सामने खड़े होने की स्थिति में नहीं है. यहां पर चुनाव होने का मूल विषय हमारे द्वारा शुरू किए गए प्रोजेक्ट को तेजी से आगे बढ़ाना और प्रधानमंत्री ने जो सोचा है उसे पूरा करने का होगा. इस राज्य की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर है. विपक्ष काम करने का दवा करता है लेकिन वो यह नहीं बताता कि कहां से करेगा."
Also Read
-
Hafta x South Central feat. Josy Joseph: A crossover episode on the future of media
-
Encroachment menace in Bengaluru locality leaves pavements unusable for pedestrians
-
October 6, 2025: Can the BJP change Delhi’s bad air days?
-
सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश
-
11 years later, Swachh Bharat progress mired in weak verification