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आगरा में सरकारी घर क्यों छोड़ने को मजबूर हैं गरीब?

चुनावी कवरेज के लिए न्यूज़लॉन्ड्री की टीम आगरा में है. इस दौरान हमने आगरा के कालिंदी विहार इलाके में कांशीराम कॉलोनी का जायजा लिया. यह कॉलोनी 2007-12 के बीच बसपा सुप्रीमो मायावती के कार्यकाल के दौरान बनवाई गई थी. यहां पर हर तबके के लोगों को आवास दिया गया लेकिन अब लोग यहां की बदहाल हालत के चलते यह कॉलोनी छोड़ने को मजबूर हैं.

कॉलोनी में हमारी मुलाकात स्वरूप चंद से हुई. वह बताते हैं, "इस कॉलोनी में 288 मकान हैं लेकिन यहां सिर्फ 80-90 परिवार ही रहते हैं. यहां पर गरीब लोगों को घर दिया गया था. शुरुआत में यहां काफी लोग रहा करते थे लेकिन रोजगार, गंदगी और पानी की समस्या के चलते ज्यादातर लोग कॉलोनी छोड़कर चले गए. यहां पर 15 दिन में एक बार सफाई कर्मचारी आते हैं. हमारी यहां कोई सुनवाई नहीं है."

शौच की समस्या पर एक वृद्ध महिला बताती हैं, "सीवर लाइन पूरी भर चुकी है. कई जगह से पाइप भी टूटे हुए हैं. शौच करने के लिए बाहर जाना पड़ता है. आस-पास कॉलोनी बन गई हैं कई बार लोग डांट देते हैं. घरों में बहुत बदबू रहती है जिसके कारण घर में उठने बैठने में भी परेशानी होती है."

बिल्डिंग की खस्ता हालत पर स्थानीय निवासी विशाल कहते है, "भविष्य में यहां पर बहुत बड़ी दुर्घटना हो सकती है क्योंकि बिल्डिंग का ढांचा बहुत कमजोर है. यहां पर 2011 से पानी की समस्या है जिसका कोई हल नहीं निकला है. हम हर महीने करीब तीन हजार रूपए पानी पर खर्च करते हैं. बिजली का बिल काफी ज्यादा आता है. सीवर लाइन की कभी सफाई नहीं होती है. सफाई कर्मचारी केवल देख कर चले जाते हैं. यहां निजी व्यापार को ध्यान में रख कर सब पैसा कमा रहे हैं. हमने इसके बारे में नेताओं को भी बताया है."

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