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सरकार से नाराज छात्रों का प्रदर्शन तेज, क्या कहती है पुलिस और रेलवे बोर्ड?
पुलिस और छात्रों के बीच हुई झड़प की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. ये तस्वीरें बिहार के पटना और उत्तर प्रदेश के प्रयागराज समेत अन्य कई हिस्सों की हैं. दरअसल रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) ने ग्रुप डी और एनटीपीसी में रिक्त पदों के लिए भर्तियों की घोषणा की थी. जिसमें धांधली और लापरवाही को लेकर छात्र उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं. अब यह प्रदर्शन लगातार बढ़ता जा रहा है. यही नहीं गुस्साए छात्रों ने आरा स्टेशन के पश्चिमी गुमटी के पास खड़ी सासाराम-आरा पैसेंजर के इंजन में भी आग लगा दी.
ग्रुप डी के लिए 1,03,769 पदों की घोषणा की थी. यह परीक्षा भारतीय रेलवे में ट्रैक मेंटेनर व विभिन्न तकनीकी विभागों (इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल और एस एंड टी विभागों) में हेल्पर / असिस्टेंट, असिस्टेंट पॉइंट्समैन के लिए कराई जाती है. इसके लिए पूरे भारत में केवल एक परीक्षा, सीबीटी-1 होती है. लेकिन आरआरबी ग्रुप-डी के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की बड़ी संख्या के चलते आरआरबी ने अब इस परीक्षा को दो चरणों में आयोजित करने का फैसला लिया है.
24 जनवरी 2022 को जारी नोटिस के अनुसार आरआरबी ने दो चरणों वाली कंप्यूटर-आधारित परीक्षा आयोजित करने की घोषणा की है. यानी अब सीबीटी-1 के अलावा चयनित उम्मीदवारों को सीबीटी-2 परीक्षा भी देनी होगी जो 23 फरवरी 2022 से अलग-अलग चरणों में शुरू होगी.
प्रदर्शन कर रहे उम्मीदवारों का कहना है कि रेलवे बोर्ड ने पहले ही तीन साल की देरी की है. अब दूसरे चरण की परीक्षा लेकर वह हजारों छात्रों का भविष्य खराब करना चाहते हैं.
प्रदर्शनकारी छात्र 23 वर्षीय उपेंद्र कुमार कहते हैं, "रेलवे ने इन पदों के लिए आवेदन प्रक्रिया 12 मार्च 2019 से शुरू की. तब से यह परीक्षा स्थगित होती रही. यूं तो परीक्षा एक चरण (सीबीटी-1) में होती है. इसके बाद फिजिकल टेस्ट (पीईटी), मेडिकल और दस्तावेजों की जांच होती है. लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा है जब सीबीटी-2 की परीक्षा ली जा रही है. छात्र दो साल से इस परीक्षा का इंतजार कर रहे हैं. अंतिम समय पर सीबीटी-2 परीक्षा लेना, छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. हम चाहते हैं कि पहले की तरह ही परीक्षा एक चरण में हो."
वहीं रेलवे ने एक अन्य नोटिफिकेशन के द्वारा जूनियर क्लर्क, ट्रेन सहायक, गार्ड, टाइम कीपर से लेकर स्टेशन मास्टर तक विभिन्न श्रेणियों में 35,281 रिक्त पदों पर भर्तियां निकली थीं. सभी भर्तियां लेवल 2 से 6 तक की हैं. इनमें से करीब 10,628 रिक्त पदों के लिए 12वीं पास होना जरूरी है. जैसे लेवल 2 और लेवल 3 जिसकी शुरुआती सैलेरी 19,900 से 21,700 रुपए प्रति माह होती है. वहीं लेवल 4 से लेवल 6 की भर्ती के लिए ग्रेजुएट होना जरूरी है. जिसकी शुरुआती सैलरी 25,500 से 35,400 रुपए प्रति माह होती है. इन पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 1 मार्च 2019 से शुरू हुई थी. परीक्षा के दो चरण होते हैं- प्रीलिम्स और मेंस. परीक्षा दिसंबर 2020 से अप्रैल 2021 के बीच अलग-अलग शिफ्टों में हुई थी. रिजल्ट 14 जनवरी 2022 को आया है.
गौरतलब है कि इन पदों के लिए एक करोड़ से ज्यादा उम्मीदवारों ने रजिस्ट्रेशन कराया था. जिसके बाद रेलवे विभाग ने सीटीबीटी-1 (कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट) कराया. इसमें गौर देने की बात यह है कि एक ग्रेजुएट लेवल 5 और लेवल 6 के अलावा उस पद के लिए भी आवेदन कर सकता है जिसकी न्यूनतम योग्यता 12वीं पास है (लेवल 2 और लेवल 3). 2019 में इन खाली पदों के लिए फॉर्म निकाला गया. प्रवेश परीक्षा सितम्बर 2019 में होनी थी जो कि मार्च 2020 तक स्थगित कर दी गई. कोविड लॉकडाउन के कारण सीटीबीटी-1 की परीक्षा अप्रैल से जुलाई 2020 के बीच कई चरणों में कराई गई.
दो साल के इंतजार के बाद रिजल्ट की घोषणा 14 जनवरी 2022 को हुई. इसके बाद 35,281 रिक्त पदों को भरने के लिए होने वाली एनटीपीसी की दूसरी परीक्षा के लिए सात लाख से अधिक उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया गया.
इन नौकरियों के लिए अधिक से अधिक लोगों को प्रतिस्पर्धा में सुनिश्चित करने के लिए, रेलवे का एक नियम बना हुआ है. इस बार दूसरे चरण की परीक्षा के लिए कुल रिक्त पदों के लिए 20 गुना अधिक उम्मीदवारों को बुलाया जाएगा. 2016 की भर्ती में, रेलवे ने रिक्त पदों के लिए 15 गुना उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया था.
इस नियम से इस बार, 35281 रिक्तियों के लिए, अगले दौर के लिए चुने गए आवेदकों की कुल संख्या 7 लाख से अधिक है. लेकिन वाकई में 3.84 लाख उम्मीदवारों का चयन किया गया है.
कैसे?
एनटीपीसी उम्मीदवार नीरज कुमार समझाते हैं, "कक्षा 12 पास उम्मीदवार, उसकी पसंद और परीक्षा स्कोर के आधार पर, लेवल- 2 और लेवल- 3 दोनों रिक्तियों के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया हो सकता है. इसी तरह एक स्नातक (ग्रेजुएट) उम्मीदवार को सभी लेवल, में सभी रिक्तियों के लिए शॉर्टलिस्ट किया जा सकता है. इस तरह सीबीटी-2 के लिए शॉर्टलिस्ट किए गए लोगों की संख्या 7 लाख पहुंच गई है. यदि किसी स्नातक पास व्यक्ति ने लेवल- 2 और लेवल- 5 के लिए भी आवेदन किया है, तो वह व्यक्ति के स्कोर के आधार पर, शॉर्टलिस्ट किए जाने पर, दोनों श्रेणियों में गिना जाएगा."
नीरज का चयन लेवल-5 श्रेणी में हुआ है. वह आगे बताते हैं, "रेलवे का कहना है 20 गुना उम्मीदवारों का चयन किया है लेकिन ऐसा नहीं है. ओवरलैपिंग के कारण यह आंकड़ा 7 लाख दिखा रहा है. यह उन उम्मीदवारों के साथ धोखा है जो केवल 12वीं पास हैं और उन्हें स्नातक पास उमीदवार के साथ परीक्षा में बैठाया जाता है."
उम्मीदवार का प्रदर्शन तेज
इन सभी मुद्दों को लेकर उम्मीदवारों में गुस्सा है. जिसके बाद से बिहार और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में बीते कुछ दिनों से रेलवे परीक्षा में शामिल हुए लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन की वजह से रेल यातायात पर असर भी हुआ. आंदोलन का असर मंगलवार को बिहार जले के नालंदा और नवादा में देखने को मिला. सुबह से ही सैकड़ों की संख्या में उम्मीदवार बिहार शरीफ रेलवे स्टेशन पर पहुंचे और रेल ट्रैक को जाम करते हुए सरकार और रेलवे बोर्ड के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
इससे पहले रविवार को राजेंद्र नगर टर्मिनल पर प्रदर्शनकारियों ने पांच से छह घंटे तक रेलगाड़ियों का आवागमन रोक दिया था. बाद में देर रात पुलिस ने लाठी चार्ज कर प्रदर्शनकारियों को तितर बितर कर दिया था.
वहीं उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में छात्रों और पुलिस के बीच जबरदस्त झड़प हुई. पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों पर लाठीचार्ज की और दर्जनों छात्रों को उनके हॉस्टलों और घरों से हिरासत में ले लिया. घटना के कुछ चकौने वाले वीडियो भी सामने आए.
पुलिस ने क्या कहा
झड़प की वीडियो सामने आते ही राजनीतिक प्रतिक्रियाओं का आना भी शुरू हो गया. प्रियंका गांधी ने एक वीडियो साझा किया, जिसमें पुलिसवाले छात्रों पर बल प्रयोग करते नजर आ रहे हैं. प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर लिखा, "गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर अपने हक की बात कह रहे छात्र-छात्राओं के साथ डबल इंजन की सरकार की पुलिस का व्यवहार देखिए. युवाओं के दमन के खिलाफ देश भर में इंकलाब होगा और बीजेपी का अहंकार चूर-चूर होगा. युवा रोजगार का हक लेकर रहेंगे."
एसएसपी (प्रयागराज) अजय कुमार ने बताया, "यह पूरा प्रकरण थाना कर्नल गंज (प्रयागराज) का है. पुलिस को सूचना मिली थी कि हजारों की संख्या में छात्र प्रयागराज स्टेशन पर प्रदर्शन कर रहे हैं. रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया है और इनमें से कुछ लोग रेल में आग लगा सकते हैं. पुलिस ने इन छात्रों को वहां से हटा दिया था. इनमें से कुछ छात्रों ने पुलिस पर पथराव किया था. ये लोग आसपास के लॉज में जाकर छुप गए थे. उन्हीं को पुलिस बहार निकाल रही थी. इस दौरान पुलिस ने भी अनावश्यक बल का प्रयोग किया ऐसा वीडियो में देखा जा रहा है. पुलिस पूरे घटनाक्रम की जांच की जा रही है. इस मामले में चाहे छात्र हों या पुलिसकर्मी किसी भी हालत में अराजकता और अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी."
रेलवे ने क्या कहा
बढ़ते विरोध के बीच, रेल मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान जारी कर उम्मीदवारों को रेलवे की नौकरी पाने से 'जीवन भर के लिए प्रतिबंधित' करने की चेतावनी दी. एनटीपीसी के विरोध के संबंध में रेल मंत्रालय के आधिकारिक नोटिस में कहा गया है कि जो उम्मीदवार गैरकानूनी गतिविधियों या तोड़फोड़ में लिप्त पाए जाएंगे, उन्हें रेलवे / सरकारी नौकरियों के लिए 'अनुपयुक्त' माना जाएगा.
छात्रों के इस विरोध प्रदर्शन के बाद अब रेल मंत्रालय ने रेलवे की दोनों परीक्षाओं पर रोक लगा दी है. जानकारी के अनुसार फिलहाल के लिए एनटीपीएस और लेवल-1 दोनों परीक्षाओं पर ये रोक लगाई गई है. साथ ही रेल मंत्रालय ने कमेटी गठित की है जो परीक्षा में पास आउट स्टूडेंट और फेल किए गए स्टूडेंट की बातों को सुनेंगे. कमेटी इसकी रिपोर्ट रेल मंत्रालय को सौपेंगी. उसके बाद रेल मंत्रालय आगे का निर्णय लेगा.
भर्ती पर चल रहे बवाल को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को मीडिया से बात की. उन्होंने कहा, "नोटिस में स्पष्ट किया था कि फार्म की संख्या के आधार पर काउंटिंग करेंगे, जबकि प्रतिभागी चाहते हैं कि यूनिक नंबर ही जोड़ा जाए. इसी को लेकर बोर्ड ने कमेटी गठित की है जो इसका रास्ता निकालेगी. परीक्षा पूरी तरह से पारदर्शी होंगी. प्रतिभागियों को भी तीन सप्ताह का समय दिया गया है ताकि वो अपना पक्ष रख सकते हैं."
न्यूनतम शैक्षिक योग्यता पर उठ रहे सवाल का जवाब देते हुए अश्विनी वैष्णव कहते हैं, "किसी भी नौकरी के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य की जा सकती है, पर अधिकतम नहीं कर सकते हैं."
रेल मंत्री ने उम्मीदवारों से शांति बनाए रखने का भी आग्रह किया है.
बेरोजगार युवाओं के आंकड़े छुपाने की कोशिश
सीएमआई के आंकड़ों के मुताबिक देश में बेरोज़गारी दर 6.9 फीसदी है.
देश भर में बढ़ती बेरोजगारी दर के बीच, दिसंबर 2021 में पीलीभीत के भाजपा सांसद वरुण गांधी ने केंद्र सरकार और सरकारी नौकरी परीक्षाओं से संबंधित उसकी नीतियों पर पलटवार किया था. युवाओं से संबंधित मुद्दों पर आलोचना और टिप्पणी करने वाले सांसद ने ट्वीट कर केंद्र सरकार और संबंधित एजेंसियों से लंबित और चल रही रेलवे एनटीपीसी, ग्रुप डी, एसएससी और अन्य केंद्रीय स्तर की भर्ती परीक्षाओं का संज्ञान लेने का आग्रह किया था.
वरुण गांधी ने ट्वीट कर लिखा था, "पहले तो सरकारी नौकरी ही नहीं है, फिर भी कुछ मौका आए तो पेपर लीक हो, परीक्षा दे दी तो सालों साल रिजल्ट नहीं, फिर किसी घोटाले में रद्द हो. रेलवे ग्रुप डी के सवा करोड़ नौजवान दो साल से परिणामों के इंतजार में हैं. सेना में भर्ती का भी वही हाल है. आखिर कब तक सब्र करे भारत का नौजवान??"
इससे पहले 29 नवंबर 2021 को वरुण गांधी ने उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) के पेपर लीक मामले पर ट्वीट किया था.
बता दें कि दिसंबर 2021 में परीक्षा शुरू होने से पहले पेपर लीक हो गया था जिसके कारण यूपीटीईटी 2021 की परीक्षा स्थगित कर दी गई थी. यह परीक्षा 26 नवंबर को होनी थी.
ऐसे में छात्र सालों-साल मेहनत करते हैं. लेकिन परीक्षा और उसके परिणामों की घोषणा में तीन साल लग जाते हैं.
उम्मीदवार गौरव कुमार कहते हैं, "परीक्षा या तो स्थगित होती रहती है या रिजल्ट आने में दो-तीन साल का समय लग जाता है. इस बीच उम्मीदवार यही सोचते हैं कि उनका नम्बर आया होगा या नहीं. मान लीजिए परीक्षा के समय किसी उम्मीदवार की उम्र 32 वर्ष है. तीन साल के बाद उसकी उम्र 35 वर्ष हो जाएगी. अगर उसकी भर्ती नहीं हुई तो उम्मीदवारों की उम्र बढ़ जाती है और वह अगली परीक्षा के लिए योग्य नहीं रहता."
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