Khabar Baazi
इंदौर: पत्रकार पर एक करोड़ रुपए मांगने का आरोप, दिया इस्तीफा
इंदौर में एक पत्रकार, बैंक और शराब माफियाओं के गठजोड़ का पर्दाफाश करने की बजाए उनसे ही एक करोड़ की उगाही करने लगा. यह ताजा मामला दैनिक भास्कर के पत्रकार संजय गुप्ता से जुड़ा है. जिन्होंने कंपनी से इस्तीफा दे दिया है.
गुप्ता इंदौर भास्कर में प्रशासनिक बीट को कवर करते थे. उन्होंने चार महीने पहले शराब माफिया और बैंक के गठजोड़ को लेकर एक रिपोर्ट की थी. इस रिपोर्ट में बताया गया था कि बैंक ने आधे-अधूरे कागजों पर माफियाओं को लोन दिया.
क्या है पूरा मामला?
पत्रकार संजय गुप्ता दैनिक भास्कर इंदौर में करीब 12 साल से काम कर रहे थे. वह यहां प्रशासनिक बीट कवर करते थे. उन्होंने शराब माफिया और बैंकों के बीच मिलीभगत का पर्दाफाश किया. जिसमें बताया गया था कि शराब कारोबारियों ने आधे-अधूरे दस्तावेजों के आधार पर बैंक गारंटी और ओवर ड्राफ्ट लेकर शराब ठेके लिए. भास्कर की इस रिपोर्ट में 150 करोड़ के घोटले की बात कही गई थी.
दरअसल, शराब ठेका लेने के लिए ठेके की राशि के 12 प्रतिशत की बैंक गारंटी देनी होती है. बाकी की रकम किस्तों में दी जाती है. खास बात है कि इंदौर के ज्यादातर शराब कारोबारियों का खाता इंदौर के राजबाड़ा स्थित पंजाब एंड सिंध बैंक में है.
इंदौर के एक अखबार के क्राइम रिपोर्टर नाम नहीं छापने की शर्त पर कहते हैं, “इस रिपोर्ट के बाद बैंक के अधिकारियों और संजय गुप्ता के बीच डील हुई. पहले एक करोड़ की मांग की गई लेकिन फिर बात 50 लाख में फाइनल हुई. बैंक के अधिकारियों को पैसे शराब माफिया दे रहे थे. 30 लाख रुपए देने की व्यवस्था बन गई थी. इस बीच भास्कर के सीएमडी सुधीर अग्रवाल से किसी ने पत्रकार की शिकायत कर दी. जिसके बाद पत्रकार के खिलाफ कार्रवाई की गई.”
भास्कर के इंदौर ऑफिस में काम करने वाले एक पत्रकार नाम नहीं छापने की शर्त पर कहते हैं, जैसा यह मामला मीडिया में दिखाया जा रहा है. वैसा नहीं है. बाहर बहुत बढ़ा-चढ़ाकर बताया जा रहा है. भास्कर ने पत्रकार के खिलाफ शिकायत पर अंदरुनी जांच कराई थी. जांच में पत्रकार के खिलाफ कुछ संदिग्ध जानकारी मिली थी जिसके बाद पत्रकार से इस्तीफा ले लिया गया.”
टीवी चैनल में काम करने वाले एक रिपोर्टर कहते हैं, “मामला शराब सिंडेकट से जुड़ा था इसलिए बैंक इतना पैसा देने के लिए तैयार हो गया. इंदौर जैसे शहर में एक पत्रकार द्वारा एक करोड़ की मांग करना बहुत बड़ा मामला है. ऐसा पहले नहीं हुआ था. क्योंकि संजय गुप्ता काफी साल से इस बीट को कवर करते हैं इसलिए उनकी पहचान है शायद इसलिए पैसे देने के लिए शराब माफिया तैयार भी हो गए.”
हालांकि संजय गुप्ता के निकाले जाने की खबर गलत थी बल्कि उन्होंने खुद ही इस्तीफा दे दिया था.
(इस खबर को 26 दिसंबर,2022 को अपडेट किया गया है)
Also Read
-
Exclusive: India’s e-waste mirage, ‘crores in corporate fraud’ amid govt lapses, public suffering
-
4 years, 170 collapses, 202 deaths: What’s ailing India’s bridges?
-
‘Grandfather served with war hero Abdul Hameed’, but family ‘termed Bangladeshi’ by Hindutva mob, cops
-
India’s dementia emergency: 9 million cases, set to double by 2036, but systems unprepared
-
ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा का सार: क्रेडिट मोदी का, जवाबदेही नेहरू की