Opinion

छत्तीसगढ़: धर्म-संसद के आयोजकों में शामिल थे कांग्रेस के नेता!

एक ओर राहुल गांधी देश में हिंदू धर्म बनाम हिंदुत्‍व की बहस छेड़े हुए हैं और आरएसएस के हिंदुत्‍व को हिंदुओं का दुश्‍मन बता रहे हैं, उधर दूसरी ओर उन्‍हीं की पार्टी के कुछ नेता संघ की ओर से बैटिंग कर के इस अहम राजनीतिक विमर्श की जड़ों में मट्ठा डाल रहे हैं. ताजा प्रकरण रायपुर में आयोजित हुई धर्म संसद का है जिसके बारे में पता चला है कि उसकी आयोजन समिति में कांग्रेस के कुछ नेता शामिल थे.

चौंकाने वाली बात है मगर सच है कि राहुल गांधी की प्रगतिशील, लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष कांग्रेस पार्टी के समानांतर छत्‍तीसगढ़ में भूपेश बघेल की नाक के नीचे एक ‘संघी’ कांग्रेस भी ऑपरेट कर रही है. राजधानी रायपुर में आयोजित हुई धर्म संसद में इस ‘संघी’ कांग्रेस के कई विधायक और नेता न केवल मौजूद थे, बल्कि मुख्य आयोजक थे.

छत्‍तीसगढ़ में आयोजित धर्म संसद में कांग्रेस पार्टी के वर्तमान विधायक सत्यनारायण शर्मा व विकास उपाध्याय मुख्य संरक्षक थे और एक पूर्व विधायक बाबा राम सुंदर दास जी मुख्य आयोजनकर्ता थे. ये वही विकास उपाध्याय हैं जिन्हें राहुल गांधी ने त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में पर्यवेक्षक के तौर पर भेजा था. कांग्रेस के पूर्व मेयर और वर्तमान सभापति प्रमोद दुबे भी आयोजन समिति में शामिल थे. इसके अलावा भाजपा के एक विधायक बृजमोहन अग्रवाल और अन्य वरिष्ठ नेता भी आयोजन समिति में थे.

बाएं से कांग्रेस के प्रमोद दुबे, भाजपा के सच्चिदानंद उपासने और सत्यनारायण शर्मा

बताया जा रहा है कि एक वरिष्ठ भाजपा नेता सच्चिदानंद उपासने के कहने पर ही कालीचरण को धर्म संसद में लाया गया था, जिसके कांग्रेस के इन नेताओं से मधुर संबंध हैं.

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि रायपुर में आयोजित धर्म संसद में जिस वक्त अकोला के कथित संत कालीचरण के द्वारा बापू को भद्दी गाली दी जा रही थी उस वक्त भी कांग्रेस के ये सब नेता वहां युवक कांग्रेस के कुछ लड़कों के साथ बैठे हुए थे. आश्चर्य की बात है कि सबने अपने होंठ सी रखे थे. किसी ने भी उठकर तत्काल प्रतिवाद नहीं किया, सबके चेहरे पर मुर्दनी रही.

स्थानीय दूधाधारी मठ के महंत रामसुंदर दास ने धर्म संसद छोड़ने की बात तो कही, लेकिन कालीचरण को बोलने से ठीक उसी वक्त न रोका. गौरतलब है कि रामसुंदर दास जी का वह वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह धर्म संसद छोड़ने की बात कह रहे हैं.

कांग्रेस के जो विधायक वहां मौजूद थे उनमें से एक सत्यनारायण शर्मा अपने परिवार को आगे बढ़ाने के लिए दिन रात परिश्रम कर रहे हैं. इनके एक पुत्र पंकज शर्मा जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष हैं. दूसरे विधायक विकास उपाध्याय कर्म से पूरे भाजपाई हैं. जब रामजन्म भूमि का शिलान्यास हुआ तब उन्होंने पूरे शहर में दिये जलवाए थे.

छत्‍तीसगढ़ कांग्रेस भूपेश बघेल, रविन्द्र चौबे और मोहम्मद अकबर के नाम से जानी जाती है जिन्होंने कभी भी धर्मनिरपेक्षता से समझौता नहीं किया. सवाल खड़ा होता है कि यह जो भाजपा के एजेंडे पर काम करने वाले नेता हैं उनसे छत्‍तीसगढ़ कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व कैसे निपटेगा?

धर्म संसद की आयोजन समिति का पूरा विवरण.

(साभार- जनपथ)

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