Report
नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने बढ़ाई दुनियाभर की चिंता
कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने दुनियाभर में एक बार फिर से चिंता बढ़ा दी है. डेल्टा वैरिएंट के बाद कोरोना के इस नए वैरिएंट के सबसे अधिक संक्रामक होने की जानकारी सामने आई है. कुछ देशों में इसके संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि 24 नवंबर 2021 को दक्षिण अफ्रीका ने पहली बार बी. 1.1.529 ओमिक्रॉन कोरोना के वैरिएंट के बारे में जानकारी दी. दक्षिण अफ्रीका में महामारी विज्ञान की स्थिति रिपोर्ट में बताए गए मामलों में मुख्य रूप से डेल्टा वैरिएंट था.
हाल के सप्ताहों में संक्रमणों में तेजी से वृद्धि हुई है, जो कि बी.1.1.529 प्रकार का पता लगने के बाद बढ़े हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि पहली बार बी.1.1.529 संक्रमण का नमूना 9 नवंबर 2021 को एकत्र किया गया था.
इसे ओमिक्रॉन क्यों कहा जाता है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बी. 1.1.529 ओमिक्रॉन नाम दिया गया, जिसमें वैरिएंट को ग्रीक अक्षर नाम देने की परंपरा का पालन किया गया.
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा ओमिक्रॉन को 'वैरिएंट ऑफ कंसर्न' की कैटेगरी में डाला है. दक्षिण अफ्रीका में पिछले हफ्ते वैज्ञानिकों ने बताया कि ओमिक्रॉन में अधिक संख्या में म्यूटेशन, उत्परिवर्तन या बदलाव हो रहे हैं जो इसे अधिक संक्रामक और शरीर की प्रतिरक्षा सुरक्षा से बचने में सक्षम बना सकता है.
वैरिएंट ऑफ कंसर्न क्या होता है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक यदि वायरस पर किए गए अध्ययन में पाया जाता है कि वैरिएंट तेजी से फैल रहा है और बहुत संक्रामक है तो उसे ‘वैरिएंट ऑफ कंसर्न' की कैटेगरी में डाल दिया जाता है.
ओमिक्रॉन की पहचान कहां हुई?
ओमिक्रॉन पहली बार दक्षिण अफ्रीका में पहचाना गया था, लेकिन यह कहां से आया है इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों ने हाल ही में वैरिएंट पर आंकड़े सार्वजनिक किए. विशिष्ट अनुक्रम को देखते हुए, इंपीरियल कॉलेज लंदन के एक वायरोलॉजिस्ट टॉम पीकॉक ने कहा कि यह वास्तव में भयानक बहरूपिया वैरिएंट है.
हम नए वैरिएंट के बारे में क्या जानते हैं?
वैज्ञानिकों ने कहा कि अन्य संक्रामक रूपों की तुलना में ओमिक्रॉन की आनुवंशिक रूपरेखा सबसे अलग है, जिसका अर्थ है कि यह वायरस के एक नए वंश से जुड़ा हुआ है.
यह नया वैरिएंट अधिक संख्या में उत्परिवर्तन या बदलाव करता हैं. दक्षिण अफ्रीका में सेंटर फॉर एपिडेमिक रिस्पांस एंड इनोवेशन के निदेशक ट्यूलियो डी ओलिवेरा ने कहा कि इसमें स्पाइक प्रोटीन में 30 से अधिक उत्परिवर्तन हैं. स्पाइक प्रोटीन वायरस का वह हिस्सा जो मानव कोशिकाओं को बांधता है, जिससे इसे प्रवेश मिलता है.
नए वैरिएंट को लेकर क्यों चिंतित हैं वैज्ञानिक?
वैज्ञानिक इस बात से चिंतित हैं कि वे म्यूटेशन, उत्परिवर्तन या बदलाव ओमिक्रॉन को अधिक संक्रामक बना सकते हैं और यह प्रतिरक्षा सुरक्षा को धोखा दे सकता है, जिससे चलते टीके कम प्रभावी हो सकते हैं. डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि अन्य प्रकारों की तुलना में यह पुन: संक्रमण के खतरे को बढ़ा सकता है.
ओमिक्रॉन के प्रसार को रोकने के लिए क्या किया जा रहा है?
ओमिक्रॉन वैरिएंट की खोज के कुछ दिनों के भीतर, कई देशों ने दक्षिण अफ्रीका और उसके पड़ोसियों के लिए उड़ानों पर प्रतिबंध लगाना शुरू कर दिया.
इज़राइल ने अपनी सीमाओं को "सभी देशों के विदेशियों" के लिए बंद कर दिया. ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, जापान, थाईलैंड और संयुक्त राज्य अमेरिका दक्षिण अफ्रीका से यात्रा पर अंकुश लगाने वाले या इस क्षेत्र से आने वालों के लिए नए नियम लागू करने वाले देशों में से हैं.
दक्षिण अफ्रीका के अधिकारियों ने यात्रा प्रतिबंधों के बारे में चिंता व्यक्त की, जबकि कुछ विशेषज्ञों ने प्रतिबंधों की प्रभावशीलता पर संदेह व्यक्त किया है.
क्या टीके ओमिक्रॉन के खिलाफ प्रभावी हैं?
विशेषज्ञों का कहना है कि भले ही वैरिएंट टीकों की प्रभावशीलता को सीमित करता है, लेकिन यह संभवतः टीकों द्वारा प्रदान की जाने वाली सुरक्षा को पूरी तरह से नष्ट नहीं कर सकता है.
विशेषज्ञों ने कहा कि इस प्रकार के म्यूटेशन, उत्परिवर्तन टीके या पूर्व संक्रमण से उस प्रकार के एंटीबॉडी बेअसर करने या पूरी तरह से बचने वाले नहीं हैं.
जानकारी के मुताबिक बोत्सवाना में ओमिक्रॉन के चारों मामले ऐसे लोगों में सामने आए हैं जिन्हें कोरोना के दोनों टीके लग चुके थे. नया वैरिएंट टीके लग चुके लोगों को भी संक्रमित कर रहा है.
विशेषज्ञों ने कहा कि चाहे यह नया वैरिएंट फैल रहा हो या नहीं, सुझाव यह है कि लोग सार्स-सीओवी-2 से संक्रमित होने की संभावना को कम करने के लिए जो कर सकते हैं वह करें. कुछ स्पष्ट चीजें हैं जो आप कर सकते हैं- टीका लगवाएं, बूस्टर टीकाकरण प्राप्त करें, मास्क पहनें, दूरी बनाए रखें.
क्या ओमिक्रॉन के कारण गंभीर बीमारी हो सकती है और क्या मौजूदा उपचार काम करेंगे?
मामलों की संख्या कम है, इसके बारे में जानना कठिन है. जबकि दक्षिण अफ्रीका में एक चिकित्सक ने कहा कि प्रारंभिक रोगियों में हल्के लक्षण थे, दूसरे ने चेतावनी दी कि इससे वयस्कों में मध्यम से गंभीर बीमारी देखी जा रही है.
अफ्रीका स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान के सदस्य एलेक्स सिगल ने बताया कि इस समय एक सामान्य निष्कर्ष निकालना शायद ठीक नहीं होगा.
(डाउन टू अर्थ से साभार)
Also Read: पारिस्थितिकी और वायरस का विकास
Also Read
-
Two years on, ‘peace’ in Gaza is at the price of dignity and freedom
-
4 ml of poison, four times a day: Inside the Coldrif tragedy that claimed 17 children
-
Delhi shut its thermal plants, but chokes from neighbouring ones
-
Hafta x South Central feat. Josy Joseph: A crossover episode on the future of media
-
Encroachment menace in Bengaluru locality leaves pavements unusable for pedestrians