NL Charcha
एनएल चर्चा 193: क्रिप्टोकरेंसी पर संसद में बिल और मोहन भागवत से साथ टीवी पत्रकारों की बैठक
एनएल चर्चा के इस अंक में विशेषतौर पर क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बातचीत हुई. साथ ही किसान आंदोलन के एक साल पूरा होने, उत्तर प्रदेश में सरकारी खर्च पर पार्टी का प्रचार, जनसंख्या वृद्धि दर में आई कमी, महंगाई और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की टीवी मीडिया के पत्रकारों से मुलाकात आदि मुख्य विषय रहे.
इस बार चर्चा में बतौर मेहमान क्रिप्टो इंडिया के सह संस्थापक आदित्य सिंह शामिल हुए. इसके अलावा न्यूज़लॉन्ड्री के एसोसिएट एडिटर मेघनाद एस और सह संपादक शार्दूल कात्यायन भी चर्चा में शामिल हुए. चर्चा का संचालन कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.
क्रिप्टोकरेंसी पर विस्तृत चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल ने कहा, “इस समय पूरी दुनिया में क्रिप्टो का चलन बढ़ गया है. बढ़ी संख्या में लोग इसमें निवेश कर रहे है. बतौर बिगिनर यह उन लोगों की तरफ से सवाल है जो इसे ठीक से नहीं समझते. क्या है क्रिप्टो करेंसी? और यह बाक़ी अन्य पांरपरिक संपत्तियों, करेंसी से यह अलग कैसे है? इसका कोई भौतिक रूप हमें दिखाई नहीं देता."
इस सवाल पर आदित्य कहते हैं, "हमारे बुज़ुर्ग हमेशा कहते रहे हैं कि सोना-चांदी जमा करो क्योंकि यह ऐसी सम्पत्तियां हैं जो समय के साथ अपना मूल्य नहीं खोते, पहले लेन-देन भी इन्हीं के माध्यम से होता था, लेकिन इनके साथ समस्या यह है कि यह अधिक मात्रा में आप ले जा नहीं सकते. तब सरकारों ने (फिएट करेंसी) प्रिंट करना शुरु कर दिया, जो फिजिकल रुप में मौजूद है. इस करेंसी के साथ समस्या यह है की इसकी सप्लाई अनलिमिटेड है और इसका कंट्रोल किसी केंद्रीय बैंक के पास होता है. इसके साथ सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि इसकी कीमत घटती रहती है. इसकी वजह ये है कि आप इसे लगातार छापते रहते हैं जिससे इसकी कीमत कम होती रहती है. हर देश की सरकार यही करती है.”
आदित्य आगे कहते हैं, “सतोशी नाका मोटो जिन्होंने बिटकॉइन बनाया है, उन्होंने एक वाइट पेपर पब्लिश किया जिसका उद्देश्य था कि एक ऐसी करेंसी बनाई जाए जिसमें फ़िएट करेंसी जैसी गुण ना हो बल्कि सोने और चांदी जैसी विशेषताएं हों. जिस तरह से सोने की वैल्यू इसलिए बढ़ती हैं क्योंकि उसकी मात्रा सीमित है. इसीलिए उन्होंने गोल्ड की विशेषताएं बिटकॉइन में डाली और उसकी शुरुआत की.”
इसी विषय पर मेघनाद कहते हैं, “आगे चलकर क्रिप्टोकरेंसी पूरे विश्व में एक एक्सचेंज के तौर पर काम करेगा. क्रिप्टो पर किसी एक सरकार का कोई अधिकार नहीं है. ना ही इसे प्रिंट किया जा सकता है. जिस प्रकार से सोना सीमित संख्या में धरती पर है उसी तरह बिटकाइन भी सीमित है. इसलिए इसकी कीमत बढ़ेगी और आगे चलकर इसका उपयोग बढ़ेगा.”
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर शार्दूल कहते है, “बिटकाइन का सबसे पहले उपयोग अपराधों और मनीलॉन्ड्रिंग करने वालों ने किया. यह अच्छी बात है कि इस करेंसी पर किसी का कंट्रोल नहीं है, लेकिन बिना किसी अथॉरिटी के आप कुछ गलत हो जाने पर किसी को जिम्मेदार भी नहीं ठहरा सकते. इस करेंसी को ट्रेस भी नहीं किया जा सकता इसलिए इसका उपयोग अपराधियों ने किया. दूसरी बात जो डिजिटल कॉइन (बिटकॉइन) है वह निरंतर इंटरनेट और बिजली पर आधारित है. इससे एक बड़ा पर्यावरणीय चिंता भी जुड़ी है. मुमकिन नहीं है कि यह हमेशा ऐसे ही चलता रहेगा.”
इस विषय के अलावा क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी तमाम बारीकियों पर भी विस्तार से बातचीत हुई. पूरी बातचीत सुनने के लिए हमारा यह पॉडकास्ट सुनें और न्यूज़लॉन्ड्री को सब्सक्राइब करना न भूलें.
पत्रकारों की राय, क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए.
मेघनाद एस
आदित्य का यूट्यूब चैनल क्रिप्टोइंडिया
तन्मय भट्ट का यूट्यूब चैनल
संसद के शीतसत्र की सभी अपडेट के लिए देखें न्यूज़लॉन्ड्री का शो संसद वॉच
नील स्टेपहेनसन का उपन्यास स्नो क्रैश
आदित्य सिंह
बिटकॉइन का वाइट पेपर
जैक वेदरफोर्ड की किताब हिस्ट्री ऑफ़ मनी
शार्दूल कात्यायन
क्रिप्टो इंडस्ट्री के लिए पर्यावरण को लेकर काम करनी वाली क्रिप्टो क्लाइमेट एकॉर्ड
रेजिना ओटमन, मैथिएस पेलस्टर, सासछा वेनग्रिक का कोविड 19 और निवेशकों के व्यवहार पर लेख
क्रिस्टिना क्रिडेल का लेख - बिटकॉइन कंज्यूमर मोर इलेक्ट्रिसिटी देन अर्जेटीना
बीबीसी का लेख - एलन मस्क के निवेश के बाद बढ़े बिटकॉइन के दाम
अतुल चौरसिया
आदित्य सिंह का यूट्यूब चैनल क्रिप्टोइंडिया
फिल्म धमाका
विनोद कापड़ी की किताब - 1232 km: कोरोना काल में एक असम्भव सफ़र
***
***
प्रोड्यूसर- लिपि वत्स
एडिटिंग - उमराव सिंह
ट्रांसक्राइब - अश्वनी कुमार सिंह /तस्नीम फातिमा
Also Read
-
Another Election Show: Hurdles to the BJP’s south plan, opposition narratives
-
‘Not a family issue for me’: NCP’s Supriya Sule on battle for Pawar legacy, Baramati fight
-
‘Top 1 percent will be affected by wealth redistribution’: Economist and prof R Ramakumar
-
Presenting NewsAble: The Newslaundry website and app are now accessible
-
World Press Freedom Index: India ranks 159, ‘unworthy of democracy’