Media
झांसी: डीएम द्वारा पत्रकार को नौकरी से निकलवाने का क्या है पूरा मामला?
उत्तर प्रदेश के झांसी में ईटीवी भारत के पत्रकार लक्ष्मी नारायण शर्मा ने जिले के कलेक्टर आन्द्रा वामसी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि खबर से नाराज डीएम ने अपने संबंधों का उपयोग कर उन्हें नौकरी से निकलवा दिया.
पत्रकार ने डीएम के इस कृत्य के खिलाफ झांसी मंडल के कमिश्नर को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है. लक्ष्मी नारायण ने अपने पत्र को फेसबुक पर भी साझा किया है.
उन्होंने लिखा, वह झांसी के डीएम आन्द्रा वासमी के व्यवहार से प्रताड़ित हैं. वह पद की गरिमा का उल्लंघन कर मेरे निजी जीवन में ताकझांक कर रहे हैं.
पत्र में आगे लिखा कि वह, इस समय मानसिक अवसाद की स्थिति में हैं और उसके साथ होने वाली किसी भी अप्रिय घटना के लिए आन्द्रा वामसी निजी तौर पर जिम्मेदार होंगे.
पत्र में बताया गया है कि कैसे डीएम ने पत्रकार को उन खबरों के लिए परेशान करना शुरू कर दिया, जो प्रशासन की पोल खोलती थीं. इसका एक उदाहरण भी दिया गया है जिसमें जिलाधिकारी ने पत्रकार को मई 2020 में सरकारी आवास पर बुलाकर अपशब्द कहे, धमकी दी और दुर्व्यवहार किया.
ईटीवी भारत में काम करने वाले पत्रकार लक्ष्मी नारायण ने कहा कि वह पहले एक बार डीएम के खिलाफ एसएसपी को तहरीर दे चुके हैं, जिसके बाद डीएम काफी नाराज हुए थे.
वह पत्र में आगे लिखते हैं कि कलेक्टर आन्द्रा वामसी मूल रूप से दक्षिण भारत के रहने वाले हैं और उन्होंने अपने निजी संबंधों का उपयोग कर दक्षिण भारत केंद्रित मेरे संस्थान ईटीवी भारत से मुझे निकलवा दिया.
पत्रकार ने कमिश्वर ने मांग की है कि वह, इन शिकायतों की किसी निष्पक्ष एजेंसी से जांच कराकर इस मामले में झांसी के डीएम आन्द्रा वामसी के खिलाफ कार्रवाई करे.
न्यूज़लॉन्ड्री से बात करते हुए झांसी से राष्ट्रीय चैनल के लिए काम करने वाले पत्रकार नाम नहीं बताने की शर्त पर कहते हैं, “डीएम पहले भी कई पत्रकारों को धमका चुके हैं. यह पहली बार नहीं है. यह सरासर गलत है कि वह किसी पत्रकार के निजी फोटो को लेकर सार्वजनिक तौर पर बयान दें.”
पत्रकार आगे कहते हैं, “जब फोटो डीएम ने वायरल नहीं करवाया है तो उन्हें जांच करवानी चाहिए ताकि लोगों को पता चले की जिस अकांउट से फोटो शेयर किया गया उसका और डीएम का क्या संबंध है.”
इस पर एक स्थानीय पत्रिका दैनिक राष्ट्रबोध चलाने वाले पत्रकार रवींद्र शुक्ल कहते हैं, “डीएम को किसी की निजी चीज को लेकर सार्वजनिक तौर पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. अगर मेरे साथ किसी महिला या किसी अन्य का फोटो है तो उससे किसी को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए.”
“डीएम ने गलत तो किया है साथ ही पत्रकार (लक्ष्मी नारायण) को भी फेसबुक या अन्य माध्यम पर नहीं लिखना चाहिए था. यह उन्होंने गलत किया. लक्ष्मी नारायण बहुत ही ईमानदारी से अपना काम करते हैं, इसमें कोई दो राय नहीं है.”
लक्ष्मी नारायण न्यूज़लॉन्ड्री से कहते है, “प्रशासन के खिलाफ खबर करने पर मुझे कई बार परेशान किया गया है. इस बार उन्होंने सार्वजनिक तौर पर मेरे निजी फोटो की बातचीत की, जो सरासर गलत बात है. यह सबकुछ उन्होंने सांसद के सामने कहा है. मेरी कोई निजी दुश्मनी नहीं है लेकिन वह अपने काम की बजाय मेरे मामले में दखल दे रहे हैं.”
वे कहते हैं, मेरी शिकायत पर सीओ सिटी ने जो जांच रिपोर्ट एसएसपी ऑफिस को दी, उसमें मुझे बताया गया कि इस मामले में जिला अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं हो सकती. मुझे कोर्ट में परिवारवाद दायर करने की सलाह दी गई.
पत्रकार आगे कहते है, “सीओ सिटी ने मामले की सही से जांच नहीं की है. उन्होंने मेरे लिखित बयान देने के बावजूद कहा कि मैने मौखिक बयान दिया, जो की झूठ है. उनपर जांच दबाने का दवाब है, इसलिए उन्होंने यह रिपोर्ट बनाई है.”
“मैनें डीएम के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर कमिश्नर, यूपी शासन को भी पत्र लिखा है, उम्मीद है वहां से डीएम के खिलाफ जांच की जाएगी और उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.” लक्ष्मी नारायण कहते हैं.
नौकरी से निकाले जाने के सवाल पर पत्रकार ने कहा, “जब भी मैनें डीएम के खिलाफ रिपोर्ट की है, तब-तब मुझे फोन आता रहा है. पहले लखनऊ से आया, फिर हैदराबाद से. क्योंकि डीएम खुद भी हैदराबाद से हैं और उनके संबंध हमारी कंपनी (ईटीवी) में हैं जिसकी वजह से मुझपर कई बार डीएम के खिलाफ खबर ना करने की सलाह दी गई. इस बार जब मैंने 19 तारीख को हुए विवाद के बाद फेसबुक पर लिखा. मैंने कमिश्नर से शिकायत भी की कि डीएम व्यक्तिगत मुद्दों को सार्वजनिक कर रहे हैं. उसके बाद मैंने यह सबकुछ फेसबुक पर लिखा.”
“मुझे ईटीवी प्रदेश हेड धंनजय दीक्षित का फोन आया था कि, आपने जो फेसुबक पर लिखा है वह डिलीट कर दें, या नौकरी छोड़ दें. जिस मामले में मैं पीड़ित हूं, वह मेरा साथ देने की बजाय मुझसे पोस्ट डिलीट करने के लिए कह रहे हैं. इसलिए मैंने नौकरी छोड़ने का फैसला किया.” उन्होंने कहा.
न्यूज़लॉन्ड्री ने ईटीवी भारत के स्टेट हेड धंनजय दीक्षित से पत्रकार लक्ष्मी नारायण द्वारा लगाए गए आरोपों पर बात की. उन्होंने कहा, “मैं कंटेंट देखता हूं, इन आरोपों के बारे में आप मैंनेजमेंट के लोगों से बात कीजिए मुझसे नहीं.” यह कहकर उन्होेंने फोन काट दिया.
न्यूज़लॉन्ड्री ने पत्रकार लक्ष्मी नारायण के आरोपों पर डीएम आन्द्रा वामसी से बातकर उनका पक्ष लेना भी चाहा, उनके दफ्तर में हमारे सवालों को लिख लिया गया है लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है. जवाब आते हैं इस खबर में जोड़ दिया जाएगा.
न्यूज़लॉन्ड्री ने झांसी मंडल के कमिश्नर और एसएसपी से भी संपर्क किया, इस दौरान कमिश्नर आफिस से कहा गया वह मीटिंग में व्यस्त है. जबकि एसएसपी से संपर्क नहीं हो सका.
Also Read
-
Newsance 274: From ‘vote jihad’ to land grabs, BJP and Godi’s playbook returns
-
‘Want to change Maharashtra’s political setting’: BJP state unit vice president Madhav Bhandari
-
South Central Ep 1: CJI Chandrachud’s legacy, Vijay in politics, Kerala’s WhatsApp group row
-
‘A boon for common people’: What’s fuelling support for Eknath Shinde?
-
हेट क्राइम और हाशिए पर धकेलने की राजनीति पर पुणे के मुस्लिम मतदाता: हम भारतीय हैं या नहीं?