Khabar Baazi
दिल्ली हाईकोर्ट ने आयकर विभाग से कहा, ‘सर्वे’ के दौरान लिया गया डेटा नहीं होना चाहिए लीक’
न्यूज़लॉन्ड्री द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने आयकर विभाग के वकील को अंडरटेकिंग देने के लिए कहा है कि ‘सर्वे’ के दौरान लिया डेटा लीक नहीं होना चाहिए.
न्यूज़लॉन्ड्री ने यह याचिका आयकर विभाग के सर्वे को लेकर दायर की है. जस्टिस मनमोहन और नवीन चावला की बेंच ने आईटी अधिकारियों से कहा, “आपको सावधानी बरतनी होगी कि यह (डेटा) लीक ना हो.”
अदालत ने कहा, “हमने न्यूज चैनलों पर लोगों का डेटा लीक होते देखा है, इसलिए मामला अलग है. लेकिन आम तौर पर किसी का डेटा लीक नहीं होना चाहिए.” न्यूज़लॉन्ड्री की तरफ से पेश सीनियर वकील सिद्धार्थ दवे ने कहा, ‘सर्वे’ पूरी तरह अवैध, गलत और मनमाना था.
सीनियर वकील ने कहा कि न्यूज़लॉन्ड्री दफ्तर पर पिछले हफ्ते आयकर विभाग का आना दूसरी बार था. उन्होंने कहा, "आईटी अधिनियम की धारा 131(1ए) के तहत पहला नोटिस या समन 29 जून को जारी किया गया था, जिसमें याचिकाकर्ता को आईटी विभाग के उप निदेशक के कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया. हालांकि यह पूरी तरह निराशाजनक है कि 30 जून 2021 को याचिकाकर्ता को एक दूसरा नोटिस इसी धाराओं के तहत भेजा गया.”
दवे ने आगे कहा, “उक्त नोटिस की तारीख और समय को आईटी अधिकारियों ने बिना कोई कारण बताए बदल दिया और पहले नोटिस में बताई गई तारीख से पहले ही अधिकारी याचिकाकर्ता के दफ्तर में 29 जून को पहुंच गए.”
फिर भी, याचिकाकर्ता ने ‘सर्वे’ में पूरा सहयोग किया और आईटी अधिकारियों को सभी दस्तावेज मुहैया कराए जो वह चाहते थे. सीनियर वकील ने कहा, अभिनंदन सेखरी ने अधिकारियों के उन सभी सवालों के जवाब दिए जो उनसे पूछे गए, जिसमें कंपनी के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के बारे में जानकारी भी शामिल है.
10 सितंबर को, आईटी अधिकारी फिर से न्यूज़लॉन्ड्री के दिल्ली कार्यालय पहुंचे और उन्होंने फिर वही सवाल किए और दस्तावेज मांगे. दवे ने कहा, “यह अचानक दिया गया नोटिस था. दोपहर 1 बजे से रात 12:43 तक जारी सर्वे के दौरान, कागजात समेत अधिकारियों ने हार्ड डिस्क, न्यूज़लॉन्ड्री के अकाउंट्स विभाग के डेस्कटॉप, अभिनंदन का लैपटॉप और आईफोन जब्त कर लिया.”
वकील ने कहा कि उन्हें डर है कि निजी डेटा जो आईटी "सर्वे" या किसी अन्य कानूनी कार्यवाही के लिए जरूरी नहीं है. वह आईटी अधिकारियों के हाथों में "सुरक्षित नहीं" है और हो सकता है कि वह सार्वजनिक तौर पर अवैध रूप से दुरुपयोग या लीक हो सकता है.
दवे ने तर्क दिया, “अधिकारियों द्वारा लिया गया डेटा ‘सर्वे’ के दायरे से बाहर है. यह मेरे निजता के अधिकारों का उल्लंघन करता है. डेटा में कुछ इनवेस्टिगेटिव स्टोरीज हो सकती हैं जो सरकार के खिलाफ हो सकती हैं या इसमें याचिककर्ता की पारिवारिक तस्वीरें हो सकती हैं. सर्वे के काम के लिए, आप अकाउंट्स के कागज जमा कर सकते हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “आयकर विभाग ने जब्त किए गए डेटा का हैश वैल्यू भी नहीं दिया.”
दवे ने अदालत से अभिनंदन सेखरी को आयकर कार्यालय में जाकर सर्वे के दौरान एकत्रित व्यक्तिगत डेटा को डिलीट करने की अनुमति देने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, “इसके अलावा और कोई और उपाय नहीं है.”
इस पर अदालत ने कहा, “याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में व्यक्तिगत जानकारी लीक न हो उसकी मांग की है ना की इसे डिलीट करने की.” जस्टिस मनमोहन ने कहा, “आपने डेटा डिलीट करने की बात याचिका में नहीं की है.”
अदालत में जवाब देते हुए सीनियर वकील ने कहा, “अगर याचिकाकर्ता को व्यक्तिगत डेटा डिलीट करने की अनुमति दी जाती है तो यह सराहनीय होगा, क्योंकि हो सकता है इसका इस्तेमाल उसकी गोपनीयता भंग करने के लिए किया जा सकता है.”
इस पर आयकर विभाग की तरफ से पेश वकील अजित शर्मा ने कहा, “याचिकाकर्ता को सिर्फ ‘आशंका’ है कि उसका डेटा लीक हो जाएगा. हम सभी का डेटा सुरक्षित रखते है.”
कोर्ट ने बीच में रोकते हुए आयकर विभाग के वकील को आईटी अधिनियम की धारा 133 ए के तहत एक अंडरटेकिंग जमा करने के लिए कहा. मामले की अगली सुनवाई 21 सिंतबर को होगी. वहीं आयकर विभाग के वकील अजित शर्मा से कहा, “अगली सुनवाई में अधिकारी भी कोर्ट में मौजूद रहें, ताकि हम उसी दिन इस मामले को समाप्त कर सकें.”
गौरतलब है कि 10 सिंतबर को आईटी विभाग के आठ अधिकारी ‘सर्वे’ के लिए न्यूज़लॉन्ड्री के दफ्तर आए थे, यह कार्रवाई रात करीब एक बजे तक चली.
अधिकारियों ने न्यूज़लॉन्ड्री के सीईओ अभिनंदन सेखरी के निजी फोन और लैपटॉप को अपने कब्ज़े में ले लिया और कंपनी के लैपटॉप और अन्य उपकरणों के डेटा को कॉपी कर लिया. करीब 13 घंटे चली इस कार्रवाई में आयकर विभाग के अधिकारियों ने सेखरी को अपने वकील से बात करने की भी इजाजत नहीं दी.
Also Read
-
7 FIRs, a bounty, still free: The untouchable rogue cop of Madhya Pradesh
-
‘Waiting for our school to reopen’: Kids pay the price of UP’s school merger policy
-
Putin’s poop suitcase, missing dimple, body double: When TV news sniffs a scoop
-
The real story behind Assam’s 3,000-bigha land row
-
CEC Gyanesh Kumar’s defence on Bihar’s ‘0’ house numbers not convincing