Khabar Baazi
पेगासस जासूसी मामले पर केंद्र सरकार ने हलफनामा दाखिल करने से किया इंकार
केंद्र सरकार ने पेगासस जासूसी मामले पर हलफनामा दाखिल करने से इंकार कर दिया है. सरकार ने कहा कि यह सार्वजनिक चर्चा का विषय नहीं है. इसलिए हलफनामा दाखिल नहीं कर सकते. लेकिन वह जासूसी के आरोपों की जांच के लिए पैनल गठित करने के लिए राजी है.
सीजेआई एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच ने सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से नाराजगी जताई. सीजेआई ने कहा कि आप बार-बार उसी बात पर वापस जा रहे हैं. हम जानना चाहते हैं कि सरकार क्या कर रही है. हम राष्ट्रीय हित के मुद्दों में नहीं जा रहे हैं. हमारी सीमित चिंता लोगों के बारे में है.
सीजेआई ने आगे कहा कि हमने केंद्र को हलफनामे के लिए बार-बार मौका दिया. अब हमारे पास आदेश जारी करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है.समिति नियुक्त करना या जांच करना यहां सवाल नहीं है अगर आप हलफनामा दाखिल करते हैं तो हमे पता चलेगा कि आपका स्टैंड क्या है.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार, निगरानी के बारे में सभी तथ्यों को एक विशेषज्ञ तकनीकी समिति के समक्ष रखने के लिए तैयार है, जो अदालत को एक रिपोर्ट दे सकती है. अगर सरकार हलफनामा दायर करेगी तो आतंकवादी या राष्ट्रविरोधी ताकतें इसका गलत इस्तेमाल करेंगी. आशंका है कि आतंकी इसे मॉडिफाई कर ट्रैकिंग से बच जाएंगे.
बता दें कि अदालत एमएल शर्मा, माकपा सांसद जॉन ब्रिटास, पत्रकार एन राम, पूर्व आईआईएम प्रोफेसर जगदीप चोककर, नरेंद्र मिश्रा, परंजॉय गुहा ठाकुरता, रूपेश कुमार सिंह, एसएनएम आब्दी, पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया सहित 12 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है.
Also Read
-
TV Newsance 250: Fact-checking Modi’s speech, Godi media’s Modi bhakti at Surya Tilak ceremony
-
What’s Your Ism? Ep 8 feat. Sumeet Mhasker on caste, reservation, Hindutva
-
‘1 lakh suicides; both state, central govts neglect farmers’: TN farmers protest in Delhi
-
Reporters Without Orders Ep 319: The state of the BSP, BJP-RSS links to Sainik schools
-
सूरत का सूरत-ए-हाल: नामांकन के दिन ही ‘फिक्स’ था चुनाव