Media
मोदी सरकार ने विज्ञापन पर खर्च किए 5,749 करोड़ रुपए
केंद्र सरकार ने अप्रैल 2020 से जून 2021 के दौरान जब देशभर में कोरोना महामारी का प्रकोप सबसे ज्यादा था उस समय विज्ञापन पर 212 करोड़ रुपए खर्च किए. हैरानी की बात है कि जिस समय स्वास्थ्य को लेकर लोग चिंतित थे उस समय में भारत सरकार ने अपने लोकप्रिय योजना आयुष्मान भारत योजना के प्रचार-प्रसार पर मात्र दो लाख 49 हजार खर्च किए.
यह आकंड़े केंद्र सरकार ने बीबीसी द्वारा आरटीआई में पूछे गए सवालों के जवाब में दिए हैं. आरटीआई में मिली जानकारी के अनुसार साल 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने विज्ञापन पर कुल 5749 करोड़ रुपए खर्च किए हैं.
आरटीआई में बताया गया है कि कांग्रेस नीत यूपीए सरकार ने अपने 10 सालों के कार्यकाल में विज्ञापन पर कुल 3,582 करोड़ रुपये ख़र्च किए थे. लेकिन मोदी सरकार ने मात्र सात सालों में वह रिकार्ड तोड़ दिया है.
बीबीसी की रिपोर्ट में बताया गया है कि जिस वक्त कोरोना महामारी देश में क़हर बरपा रही थी, उस वक्त सरकार अपने कार्यकाल में लाए कुछ विवादित क़ानूनों के बचाव और उनके बारे में अधिक जागरुकता फैलाने के लिए विज्ञापन दे रही थी.
इन कानूनों में नागरिकता संशोधन कानून, कृषि कानून और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर शामिल थे जिन्हें लेकर हाल के महीनों में काफी विवाद हुआ है.
आरटीआई में मिली जानकारी के अनुसार, साल 2018 के आखिर से लेकर 2020 की शुरुआत तक सरकार ने आयुष्मान योजना के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए 25 करोड़ रुपयों से अधिक के विज्ञापन दिए हैं.
लेकिन कोरोना महामारी के दौरान इस खर्च को काफी कम कर दिया गया. सरकार ने इस महामारी के वक्त सकारात्मक छवि दिखाने वाले अभियानों पर अधिक खर्च किया. इनमें सरकार का 'मुमकिन है' अभियान है. जिसको लेकर दो करोड़ से अधिक का विज्ञापन दिया गया.
बता दें कि हाल ही में केंद्र सरकार ने संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में बताया कि सरकार ने पिछले तीन सालों के दौरान 2299.9 करोड़ विज्ञापन पर खर्च किए हैं.
Also Read
-
I was at the India-Pakistan Oxford Union Debate and here’s what happened.
-
‘We have to live with air pollution’: Delhi’s athletes, parents and coaches feel they have no choice
-
Beyond ‘divyangjan’, ‘sabka saath’ rhetoric, India is a country of barriers for the disabled
-
Dec 3, 2025: AQI near L-G house far worse than official data
-
From oil to S-400s: The calculus behind Putin’s India visit