Report
बीजेपी नेता के कार्यक्रम में मुस्लिम विरोधी नारे लगाने वाले चेहरे
संसद भवन से कुछ दूर जंतर-मंतर पर हुई एक जनसभा में जमकर मुस्लिम विरोधी, हिंसक नारे लगाए गए और भड़काऊ भाषण दिए गए. यह घटना 8 अगस्त रविवार की है. बीजेपी के पूर्व प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय के कहने पर तमाम हिन्दू संगठन और समर्थक जंतर मंतर पहुंचे थे. कार्यक्रम के आयोजकों की पांच मुख्य मांगें थी- समान शिक्षा, जनसंख्या नियंत्रण, घुसपैठ नियंत्रण, धर्मान्तरण नियंत्रण और समान नागरिक संहिता. लेकिन इस रैली में पहुंचे लोगों की मंशा नफरत और हिंसा भड़काने की दिखी. इस कार्यक्रम का आयोजन बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने किया था.
गाज़ियाबाद के रहने वाले 26 वर्षीय उत्तम उपाध्याय हमारे वीडियो में साफ-साफ मुसलमान विरोधी नारे लगाते दिखे. उत्तम भीड़ को जमा करके कहते हैं- "जय श्री राम. ***** काटे जाएंगे, राम राम चिल्लाएंगे..." न्यूज़लॉन्ड्री ने उत्तम उपाध्याय से बात की. वो कहते हैं, "इस देश को बचाने के लिए मुसलमानों का आर्थिक बहिष्कार करना होगा. उनसे सामान खरीदना बंद कर दो. तभी हम इनको तोड़ पाएंगे." उत्तम उपाध्याय ने हमें बताया कि वो यति नरसिंहानंद सरस्वती से प्रेरित हैं. सरस्वती वो शख्स हैं जो दादरी में एक मुस्लिम बच्चे के साथ पानी पीने के कारण हुई मारपीट से चर्चा में आए थे.
हिन्दू आर्मी के सुशील तिवारी लखनऊ से दिल्ली इस ख़ास कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आये थे. भीड़ को एकत्रित कर वो नारा लगाते हैं, "जो भारत मुर्दाबाद कहे, उसके सीने में गोली हो..." सुशील न्यूज़लॉन्ड्री से कहते हैं, "कट्टरपंथी अपनी जनसंख्या बढ़ाना चाहते हैं. उनका मकसद है दस शादियां करके पचास बच्चे करें. 18 साल बाद वो वोटों में कन्वर्ट हो जाएं और भारत को 'गजवा-ए -हिन्द' घोषित कर दें. जनसंख्या जिहाद को जनसंख्या नियंत्रण कानून से ही रोका जा सकता है. ज़्यादा बच्चे पैदा करने वालों से वोटिंग का अधिकार छीन लिया जाना चाहिए."
इस पूरी घटना के दौरान पुलिस पास ही मौजूद थी लेकिन उसने कोई भी कार्रवाई नहीं की.
सोमवार को इस पूरे मामले में दिल्ली पुलिस ने संज्ञान लेते हुए धरा 153-ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया. दिल्ली पुलिस ने कहा कि आयोजकों को रैली की अनुमति नहीं थी और उन्होंने कोविड-19 दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया है इसलिए उनके खिलाफ डीडीएमए अधिनियम की धारा 188 और 51 में भी मामला दर्ज किया है.
कनॉट प्लेस, संसद मार्ग थाने के एसएचओ ने हमसे कोई बात करने से इनकार कर दिया. इलाके के डीसीपी और पुलिस के पीआरओ ने भी इस मामले में कोई जानकारी दे पाने में असमर्थता जताई.
दिल्ली के सबसे सुरक्षित इलाके में जहां बिना अनुमति के कोई कार्यक्रम नहीं हो सकता, वहां कुछ लोगों ने हिंसक, भड़काऊ नारेबाजी की लेकिन दिल्ली पुलिस का कहना है कि उनसे अनुमति नहीं ली गई. साथ ही वो तमाम हिंसक चेहरे सबके सामने हैं लेकिन पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.
इस मामले में कार्यक्रम के आयोजक अश्विनी उपाध्याय ने हमें बताया, “हमें कार्यक्रम आयोजित करने की इजाजत नहीं थी, लेकिन कल का दिन क्विट इंडिया मूवमेंट की वजह से एतिहासिक था इसलिए हमें नहीं लगता कि इसकी परमीशन लेने की जरूरत थी. दूसरी बात मुझे नहीं पता नारा लगाने वाले कौन लोग थे. यह वीडियो शाम का है जबकि मैं जल्दी ही वहां से आ गया था. मैंने इस बारे में पुलिस से शिकायत कर दी है.”
मंगलवार को दोपहर 12:38 बजे अपडेट किया गया
दिल्ली के जंतर-मंतर पर कथित तौर पर भड़काऊ नारे लगाने के मामले में पुलिस का एक्शन शुरू हो गया है. पुलिस ने नारे लगाने वाली भीड़ से कुछ लोगों की पहचान की है. इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. दिल्ली बीजेपी के पूर्व प्रवक्ता और वकील अश्विनी उपाध्याय को भी पहले पुलिस स्टेशन बुलाया गया, फिर हिरासत में ले लिया गया.
जानकारी के मुताबिक, दीपक सिंह हिंदू, दीपक, विनीत क्रांति, प्रीत सिंह, विनोद शर्मा को भी गिरफ्तार किया गया है. इनमें प्रीत सिंह सेव इंडिया फाउंडेशन का निदेशक है, जिसके बैनर तले 8 अगस्त को जंतर-मंतर पर कार्यक्रम हुआ था.
Also Read: यूपी में जातियों की नाराजगी और राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं पर चर्चा करने से क्यों बच रहा है मीडिया?
Also Read: जातियों की जनगणना पर क्यों मची है रार?
Also Read
-
Two-thirds of Delhi does not have reliable air quality data
-
FIR against Gandhis: Decoding the National Herald case
-
TV Newsance 323 | Distraction Files: India is choking. But TV news is distracting
-
‘Talks without him not acceptable to Ladakh’: Sonam Wangchuk’s wife on reality of normalcy in Ladakh
-
Public money skewing the news ecosystem? Delhi’s English dailies bag lion’s share of govt print ads