Media
दैनिक भास्कर के दफ्तरों पर आयकर विभाग ने की छापेमारी
दैनिक भास्कर के कार्यालयों पर गुरुवार सुबह आयकर विभाग ने छापेमारी की है. शुरुआती जानकारी के अनुसार भोपाल, इंदौर, नोएडा, मुंबई, जयपुर और अहमदाबाद में यह छापे मारे गए हैं.
एबीपी न्यूज की खबर के अनुसार, रात ढाई बजे के बाद से दैनिक भास्कर के कार्यालयों पर यह छापेमारी की जा रही है. पूरा सर्च ऑपरेशन दिल्ली और मुंबई टीम के द्वारा संचालित किया जा रहा है. इस छापेमारी में 100 से ज्यादा अधिकारी कर्मचारी शामिल हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह छापेमारी टैक्स चोरी और फेमा कानून के उल्लंघन के बाद की गई है. जांच एजेंसियों ने बताया है कि यह चोरी कई सालों से की जा रही थी. यह रेड आज शाम तक चल सकती है.
बता दें कि कोविड की दूसरी लहर के दौरान अपनी रिपोर्टिंग से सभी का ध्यान खींचने वाले दैनिक भास्कर पर इस छापे के बाद से सोशल मीडिया पर लोग अखबार के समर्थन में खड़े होते नजर आ रहे है.
एक कर्मचारी ने नाम ना जाहिर करने की शर्त पर न्यूज़लॉन्ड्री से बातचीत में कहा, "यह स्पष्ट है कि हमें उस रिपोर्टिंग के कारण लक्षित किया गया है जो हमने महामारी के दौरान की थी. लेकिन हम इस तरह की दबाव रणनीति से डरते नहीं हैं. हम अपना काम करना जारी रखेंगे जैसा कि हम करते रहे हैं कर रहे हैं. हमारा किसी सरकार के खिलाफ एजेंडा नहीं है, हम तथ्यों के आधार पर रिपोर्ट करते हैं. हम जो देखते और सुनते हैं हम रिपोर्ट करते हैं. अगर सरकार अच्छा काम करती है तो हम उनके अच्छे काम पर रिपोर्ट करेंगे, अगर वे बुरा काम करेंगे उनके बुरे काम के बारे में रिपोर्ट करें."
जयपुर एडिशन के एक पत्रकार ने रेड की पुष्टि करते हुए कहा कि, "हमारे यहां सुबह से रेड जारी है. पहली बार भास्कर पर छापा पड़ा है. हमारी कोविड रिपोर्टिंग के कारण ही यह छापेमारी हो रही है."
आईटी रेड पर भास्कर ने जानकारी देते हुए अपनी वेबसाइट पर खबर भी प्रकाशित की है. खबर में अखबार ने लिखा, "कोरोना की दूसरी लहर के दौरान देश के सामने सरकारी मिसमैनेजमेंट की असल तस्वीर रखने वाले दैनिक भास्कर ग्रुप के कई दफ्तरों पर गुरुवार तड़के इनकम टैक्स विभाग ने छापा मारा है. विभाग की टीमें दिल्ली, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान स्थित दफ्तरों पर पहुंची है और कार्रवाई जारी है."
फिलहाल अधिक जानकारी का इंतजार है.
Also Read
-
TV Newsance 310: Who let the dogs out on primetime news?
-
If your food is policed, housing denied, identity questioned, is it freedom?
-
The swagger’s gone: What the last two decades taught me about India’s fading growth dream
-
Inside Dharali’s disaster zone: The full story of destruction, ‘100 missing’, and official apathy
-
August 15: The day we perform freedom and pack it away