Media
टीवी एंकर अतुल अग्रवाल ने पारिवारिक कारणों से लूट की झूठी कहानी गढ़ी: यूपी पुलिस
हिंदी खबर न्यूज़ चैनल के एडिटर-इन-चीफ और एंकर अतुल अग्रवाल ने कुछ दिनों पहले दावा किया था कि उनके साथ कुछ लोगों ने बंदूक की नोक पर लूटपाट की. 20 जून को अग्रवाल ने एक लंबा फेसबुक पोस्ट इस बाबत लिखा था. इस पोस्ट में उन्होंने बताया था कैसे पांच बदमाशों ने उनकी गाड़ी को घेरकर, उन्हें बंदूक की नोक पर लूटने की कोशिश की.
नोएडा पुलिस ने मामले का संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की. पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि अतुल अग्रवाल की कथित पोस्ट झूठी कहानी पर आधारित है. उन्होंने निजी पारिवारिक कारणों की वजह से यह झूठी कहानी गढ़ी थी.
इस मामले में शुरू से ही संदेह पैदा हो गया था क्योंकि अतुल अग्रवाल ने पूरी कहानी सोशल मीडिया पर पोस्ट की लेकिन पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराई. बाद में नोएडा पुलिस ने खुद ही मामले की पड़ताल शुरू की. पुलिस के अनुसार उन्होंने अतुल को घटनास्थल पर आने और शिकायत दर्ज करवाने का अनुरोध किया लेकिन अतुल नहीं आये.
21 जून को वो पुलिस के पास आए लेकिन उन्होंने एक बार फिर शिकायत दर्ज करने से मना कर दिया. मामले को महत्वपूर्ण मानते हुए पुलिस ने स्वत: ही एक केस दर्ज किया. पुलिस ने जांच के लिए पांच एसओजी टीमों का गठन किया और क्राइम सीन को रीक्रिएट किया गया.
शुरुआती जांच के बाद शुक्रवार, 25 जून को नोएडा पुलिस ने एक प्रेस रिलीज जारी कर जांच में पाए गए सभी तथ्यों को सामने रखा. पुलिस ने बताया, "अतुल 19 जून की रात 10:40 पर नोएडा सेक्टर 45 से निकले थे और 22:53 पर राईस चौकी के पास दिखे. ग्यारह बजे वो अपने घर गए. कुछ समय बाद वो अपनी गाड़ी लेकर घर से निकल गए. रात बारह बजे के करीब वो सेक्टर 121 में ओयो होटल में थे."
पुलिस ने ओयो होटल के रिकॉर्ड, बैंक स्टेटमेंट, इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य और सीसीटीवी की मदद से मामले की जांच की और पाया कि अतुल अग्रवाल 19 जून को शाम सात बजे अपने किसी महिला मित्र के घर खाना खाने गए थे. वहीं पर उनकी पत्नी और आज तक चैनल में एंकर चित्रा त्रिपाठी का फोन आया. पुलिस ने उस महिला से भी बात की. रात एक बजे अतुल ने इस महिला मित्र को फिर से कॉल किया था और रात बिताने के लिए ओयो रूम के बारे में पूछा लेकिन उस दौरान अतुल ने लूटपाट को कोई जिक्र नहीं किया.
क्या है पूरा मामला?
पत्रकार अतुल अग्रवाल ने 20 जून को एक फेसबुक पोस्ट लिखकर आरोप लगाया था कि पिछले हफ्ते नोएडा एक्सटेंशन के पास हथियारबंद हमलावरों ने उनसे 5,000 रुपये लूट लिए थे. पोस्ट में उन्होंने दावा किया था कि वह अपनी सफारी कार में थे, जब उन्हें बिसरख में एक पुलिस बूथ के पास मोटरसाइकिल पर सवार पांच लोगों ने रोका.
अतुल ने दावा किया कि अपराधियों ने बंदूक निकाली और कीमती सामान सौंपने को कहा. उन्हें रुपये देने के लिए मजबूर किया गया. जब उन्होंने बताया कि वह पीआईबी अधिकृत पत्रकार हैं, तब बदमाशों ने उनका मोबाइल आदि लौटा दिया. इस मामले में इसलिए भी संदेह पैदा हो रहा है क्योंकि इतनी गंभीर घटना का दावा करने के बावजूद अग्रवाल की पत्नी चित्रा त्रिपाठी जो खुद भी सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं, उन्होंने अपने पति के साथ हुई घटना पर कोई बयान नहीं दिया.
यहां दो बाते हैं. क्या अतुल अग्रवाल ने जो पोस्ट किया वो सच था? पुलिस की पड़ताल इसे गलत साबित करती है. सवाल है कि अगर अतुल ने झूठी कहानी गढ़ी है तो उसका मकसद क्या था?
बिसरख थाने की एसएचओ अनीता चौहान ने कहा, "हम इस पर टिप्पणी नहीं कर सकते कि उनके (अतुल अग्रवाल) फेसबुक पोस्ट और हमारी पड़ताल में इतना फर्क क्यों है. अतुल ने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है. हमने अपनी तरफ से मामले की जांच की और जो तथ्य हैं सब आपके सामने है. अगर अतुल को लगता है कुछ गड़बड़ है वो हमें सूचित कर देंगे."
न्यूज़लॉन्ड्री ने बिसरख पुलिस क्षेत्राधिकारी योगेंद्र सिंह से बात की. उन्होंने बताया, "पुलिस ने सभी तथ्य सामने रख दिए हैं. मामला अभी बंद नहीं हुआ है. कुछ दिनों में साफ़ हो जाएगा अतुल अग्रवाल के मामले में अगली कार्रवाई क्या करनी है."
पुलिस ने निष्कर्ष दिया है कि पारिवारिक विवाद भी इसकी वजह हो सकती है. योगेंद्र सिंह ने आगे बताया, "जिस महिला मित्र के यहां अतुल उस शाम गए थे उन्होंने बताया कि अतुल को चित्रा (पत्नी) का फोन कॉल आया था. फोन पर दोनों की बहस हुई. काफी देर तक अतुल वहीं परेशान बैठे रहे. दोनों के बीच तनाव था." पुलिस ने महिला मित्र का नाम बताने से इंकार किया. पुलिस का मानना है कि शायद पति-पत्नी के आपसी तनाव के कारण अतुल ने यह पोस्ट लिखा हो.
न्यूज़लॉन्ड्री ने इस घटना के मुख्य किरदार अतुल अग्रवाल से बात की. अतुल ने एक बार फिर से वही कहानी हमें सुनाई. अतुल कहते हैं, "हमारी पत्नी इस बात पर सख्त नाराज़ हो गयी थीं कि हम अपने बेटे को लिए बिना डिनर पर क्यों गए थे. जबकि हम अपने ऑफिस से डायरेक्ट सेक्टर 45 चले गए थे इसीलिए बेटे को नहीं ले जा सके थे. घर आने पर पत्नी ने हमको बुरा भला कहा. इस वजह से हमें ओयो लेना पड़ा था. हम वहां अकेले ही रुके थे."
अतुल के मुताबिक उन्होंने अपना फेसबुक पोस्ट हटाया नहीं बल्कि पुलिस की कार्रवाई के बाद फेसबुक आईडी को लॉक कर दिया है. उन्होंने अपना ट्विटर अकाउंट भी बंद कर दिया है.
अतुल ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि सोशल मीडिया पर लोग भ्रामक खबरें फैला रहे थे और उनकी पत्नी चित्रा त्रिपाठी को ज़बरदस्ती इस मामले में घसीटा जा रहा था.
साल 2008 में चित्रा त्रिपाठी और अतुल अग्रवाल की शादी हुई थी. उनका एक बेटा भी है. चित्रा त्रिपाठी ने साल 2016 में अतुल के खिलाफ नोएडा के सेक्टर 24 थाने में एक शिकायत दर्ज कराई थी. चित्रा ने घरेलू हिंसा और प्रताड़ना जैसा गंभीर आरोप लगाया था. लेकिन तब पुलिस ने दोनों के बीच सुलह करवा दी थी.
Also Read
-
When caste takes centre stage: How Dhadak 2 breaks Bollywood’s pattern
-
What’s missing from your child’s textbook? A deep dive into NCERT’s revisions in Modi years
-
Built a library, got an FIR: Welcome to India’s war on rural changemakers
-
Exclusive: India’s e-waste mirage, ‘crores in corporate fraud’ amid govt lapses, public suffering
-
Modi govt spent Rs 70 cr on print ads in Kashmir: Tracking the front pages of top recipients