Khabar Baazi
पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ दर्ज राजद्रोह केस को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ दर्ज राजद्रोह के मामले को रद्द कर दिया है. कोर्ट ने कहा, हर एक पत्रकार केदारनाथ सिंह के फैसले के तहत सुरक्षा पाने का हकदार है.
कोर्ट ने विनोद दुआ के खिलाफ उनके एक यूट्यूब कार्यक्रम को लेकर हिमाचल प्रदेश में भाजपा के एक स्थानीय नेता द्वारा राजद्रोह और अन्य अपराधों के आरोप में दर्ज कराई गई एफआईआर निरस्त करने के अनुरोध वाली याचिका पर यह फैसला सुनाया है.
न्यायमूर्ति यूयू ललित और न्यायमूर्ति विनीत सरन की पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अक्टूबर महीने में ही याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. इससे पहले जुलाई महीने में कोर्ट ने पत्रकार के खिलाफ किसी भी कार्रवाई पर रोक लगा दी थी.
कोर्ट ने हालांकि विनोद दुआ द्वारा पत्रकारों के खिलाफ केस दर्ज करने से पहले आरोपों के जांच के लिए एक समिति बनाने की मांग को कोर्ट ने खारिज कर दिया. पीठ ने कहा, यह काम विधायिका का है.
क्या है केदारनाथ सिंह केस
1962 में सुप्रीम कोर्ट ने केदारनाथ सिंह बनाम बिहार राज्य के केस में अदालत ने कहा था कि सरकार की आलोचना या फिर प्रशासन पर कमेंट करने से राजद्रोह का मुकदमा नहीं बनता. राजद्रोह का केस तभी बनेगा जब कोई भी वक्तव्य ऐसा हो जिसमें हिंसा फैलाने की मंशा हो या फिर हिंसा बढ़ाने का तत्व मौजूद हो.
बता दें कि हाल ही में जस्टिस चंद्रचूड़ ने एक केस की सुनवाई करते हुए कहा था, “अब समय आ गया है कि राजद्रोह की सीमा तय करनी होगी.” बेंच ने आगे कहा, भारतीय दंड संहिता के तहत धारा 124A (राजद्रोह) और 153A (सांप्रदायिक द्वेष की भावना) के तहत अपराधों के दायरे को परिभाषित करने की जरूरत है. खासकर मीडिया की आजादी के नजरिए से.
Also Read
-
WhatsApp university blames foreign investors for the rupee’s slide – like blaming fever on a thermometer
-
Let Me Explain: How the Sangh mobilised Thiruparankundram unrest
-
TV Newsance 325 | Indigo delays, primetime 'dissent' and Vande Mataram marathon
-
The 2019 rule change that accelerated Indian aviation’s growth journey, helped fuel IndiGo’s supremacy
-
You can rebook an Indigo flight. You can’t rebook your lungs