NL Charcha
एनएल चर्चा 168: ब्लैक फंगस, सिंगापुर वेरिएंट और बीबीसी की तर्ज पर डीडी इंटरनेशनल
एनएल चर्चा के 168वें अंक में कोरोना वायरस मामले, राजस्थान सरकार ने ब्लैक फंगस को घोषित किया महामारी, प्लाज्मा थ्योरी को आईसीएमआर और रेमडेसिवीर इंजेक्शन को डब्ल्यूएचओ ने अपनी लिस्ट से हटाया, अरविंद केजरीवाल ने सिंगापुर वेरिएंट को लेकर दिया बयान, बरी हुए पत्रकार तरुण तेजपाल, सीबीआई ने टीएमसी के नेताओं को किया गिरफ्तार जैसे विषयों का विशेष जिक्र हुआ.
इस बार चर्चा में स्टेफोर्डशायर यूनिवर्सिटी के विजिटिंग प्रोफेसर डॉक्टर जैमनी एन राव, न्यूज़लॉन्ड्री के एसोसिएट एडिटर मेघनाद एस और न्यूज़लॉन्ड्री के स्तंभकार आनंद वर्धन शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.
चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल, डॉक्टर राव से पूछते हैं, "दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भारत सरकार से अपील की थी कि सिंगापुर का कोरोना वेरिएंट बच्चों को बहुत प्रभावित करता है तो वहां से आने वाली सभी फ्लाइट्स को रोक देना चाहिए. इस पर सिंगापुर की सरकार ने विरोध किया की ऐसा तो कोई वेरिएंट ही नहीं है. भारत के विदेश मंत्रालय का भी इस पर जवाब आया की अरविंद केजरीवाल भारत का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं. डॉक्टर राव मेरा सवाल ये है कि क्या सिंगापुर वेरिएंट जैसी कोई चीज़ आपकी नज़र में आई है और क्या राजनेताओं द्वारा ऐसे लापरवाही भरे आरोप से क्या नुकसान हो सकता है?"
जवाब देते हुए डॉक्टर राव कहते हैं, "अरविन्द केजरीवाल ने जो बात कही उसका कोई साइंटिफिक बेसिस है या नहीं वो एक बात है. दूसरी बात की अगर कोई ऐसा साइंटिफिक बेसिस है तो क्या उनका पब्लिक में ऐसा बयान देना उचित था या नहीं. जनता और ख़ास करके न्यूज़ मीडिया वाले ऐसे शब्द इस्तेमाल करते हैं जैसे यूके वेरिएंट, ब्राज़ील वेरिएंट. लेकिन साइंटिफिक कम्युनिटी में इसे टेक्निकल नाम दिया जाता है जैसे B.1.1.7 यूके वेरिएंट. सब लोग इसे यूके वेरिएंट-यूके वेरिएंट कहने लगे. लेकिन यूके वालों ने कहा की ये तो यूके वेरिएंट है ही नहीं.
वह आगे कहते हैं, “तो मैं कहूंगा की ऐसी बातों में देश का नाम लेने से किसी को फ़ायदा नहीं होता है. क्योंकि जिस देश का नाम लिया जाता है उस देश के लोगों को लगता है ये हमारी तरफ ऊंगली उठा रहे हैं. तो बेहतर यही होगा की सब इसे उसके टेक्निकल नाम से ही पुकारे. बात रही केजरीवाल के बयान की तो उसमे आप देखिये हमारे विदेश मंत्री ने भी राजनीतिक फ़ायदा उठाया ये कहकर की केजरीवाल देश का प्रतिनिधित्व नहीं करते. तो मुझे लगता है हमे ऐसी चीज़ों से दूर रहना चाहिए और स्थिति को सुधारने के लिए काम करना चाहिए."
आनंद से सवाल करते हुए पूछते हैं, "अरविन्द केजरीवाल की हमेशा से ही ऐसी छवि रही है, जैसे चुनाव लड़ने से पहले वो कहते थे की यूपीए के 20 मंत्रियों के भ्रष्टाचार के कागजात मेरे पास हैं. अब बतौर मुख्यमंत्री उनका ऐसे करने पर आप इसे कैसे देखते हैं?"
आनंद, अतुल की बात पर सहमति जताते हुए कहते हैं, "हां कुछ हद तक ये सही है की केजरीवाल और उनकी पार्टी के कई नाते ऐसे हैं जो अन्य पार्टियों की तरह हमेशा कैंपेन मोड में रहते हैं. जैसे अपने आपको सोशल मीडिया या अन्य जगहों पर दूसरों से ऊपर दिखाना ये हर पार्टी के नेताओं में है. अगर वह सच में इस वेरिएंट से सचेत करना चाहते थे तो वह एक चिट्ठी के रूप में भी कर सकते थे. इस मुद्दे को ट्विटर पर आकर कहना, ये मैं नहीं कहूंगा की सही था. इस मुद्दे पर ट्विटर डिप्लोमेसी का एक ख़राब पक्ष भी सामने आया है."
अतुल इसी मुद्दे पर मेघनाद से पूछते हैं, "ये जो राजनीतिक कश्मकश चल रही थी, जो गैरज़रूरी थी ऐसे समय में जब हर पार्टी कह रही है की आप राजनीति मत करिये. तो कहने और करने में अंतर होते हैं क्योंकि इस समय हर कोई सस्ती राजनीति ही कर रहा है. आप इस पर अपनी टिप्पणी दें."
मेघनाद कहते हैं, "मैं ये नहीं मानता की राजनीति नहीं करनी चाहिए क्योंकि राजनीति ही समाज में सुधार लाती है. लेकिन अतुल जैसा आपने कहा ये बिलकुल सही है की ये लोग सस्ती राजनीति कर रहे हैं इस बात से मैं सहमत हूं. जैसे पिछले हफ्ते एक टूलकिट का मामला सामने आया. इसमें बीजेपी के कई नेताओं ने ट्वीट किया की कांग्रेस टूलकिट फैला रही है जिसमें मोदी और देश को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. इसमें एक बात और थी की भारत में पाए गए वेरिएंट को इंडियन या मोदी वेरिएंट कहा जाए. तो इस पर ऑल्ट न्यूज़ ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि कैसे बीजेपी ने ही इसे बनाया और ऊपर से उस पर कांग्रेस का नाम लिख दिया. साथ ही अरविन्द केजरीवाल ने जो भी किया मुझे वो चीप पब्लिसिटी स्टंट लगा."
इस विषय के अलावा अन्य विषयों पर भी विस्तार से चर्चा हुई. पूरी बातचीत सुनने के लिए यह पॉडकास्ट सुनें और न्यूज़लॉन्ड्री को सब्सक्राइब करना न भूलें.
पत्रकारों की राय, क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए.
डॉक्टर जैमनी एन राव
आनंद वर्धन
वी एस नेपॉल का लेख - द स्ट्रेनजन्स ऑफ ग्रीफ
मेघनाथ एस
निकोलस वेड का मीडियम पर प्रकाशित लेख - ओरिजिन ऑफ़ कोविड
अतुल चौरसिया
उत्तर प्रदेश सरकार के मॉडल को लेकर प्रताप भानु मेहता का इंडियन एक्सप्रेस पर प्रकाशित लेख
जग्गी वासुदेव को लेकर न्यूज़लॉन्ड्री पर प्रकाशित तीन पार्ट की एनएल सेना सीरीज
***
प्रोड्यूसर- लिपि वत्स और आदित्य वारियर
एडिटिंग - सतीश कुमार
ट्रांसक्राइब - अश्वनी कुमार सिंह
Also Read
-
‘Media is behaving like BJP puppet’: Inside Ladakh’s mistrust and demand for dignity
-
In coastal Odisha, climate change is disrupting a generation’s education
-
Bogus law firm and fake Google notices: The murky online campaign to suppress stories on Vantara
-
Happy Deepavali from Team NL-TNM! Thanks for lighting the way
-
As Punjab gets attention, data suggests Haryana, UP contribute to over a third of Delhi’s PM 2.5