Ground Report
नम्रता मिश्रा: "बिना रसीद दिए लाखों वसूल रहे हैं वाराणसी के निजी अस्पताल"
बनारस से लोकसभा चुनाव लड़ते वक्त जो लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावक बने थे उनमें से एक नाम प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीतज्ञ पंडित छन्नूलाल मिश्रा का भी है. पद्मविभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्रा की बड़ी बेटी संगीता मिश्रा का दो दिन पहले कोविड से निधन हो गया. संगीता की कोविड रिपोर्ट पोज़िटिव थी और उनका घर पर इलाज चल रहा था. छोटी बेटी नम्रता मिश्रा ने न्यूज़लॉन्ड्री से बात की. उन्होंने बताया कि संगीता को केवल उल्टी और खांसी की शिकायत थी. हालत गंभीर होने पर संगीता को वाराणसी के मेडविन अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन छह दिन बाद संगीता की मौत हो गई.
इस बीच नम्रता मिश्रा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा. इस वीडियो में नम्रता ने उत्तर प्रदेश में चल रही निजी अस्पतालों की मनमानी, भ्रष्टाचार और कोविड सुविधाओं की बदहाली की पोल खोलकर रख दी. पंडित छन्नूलाल मिश्रा के परिवार ने अस्पताल पर आरोप लगाया है कि अस्पताल ने छह दिन तक मरीज़ का चेहरा देखने नहीं दिया और हर छोटी चीज़ के लिए भारी रक़म मांगी गई. नम्रता ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया, "दाखिले के समय डेढ़ लाख रुपए जमा कराए गए थे. हमें एक भी दिन संगीता दीदी का चेहरा नहीं देखने दिया गया. हम बहुत डिड़गिड़ाए. फिर पीएम नरेंद्र मोदी को कॉल किया. उन्होंने वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग की व्यवस्था करवाई. लेकिन अभी भी अस्पताल प्रशासन नहीं सुधरा नहीं. उल्टा हमें धमकाने लगा कि आपने शिकायत की है. अपने मरीज़ को यहां से लेकर जाओ."
नम्रता ने अस्पताल पर ऐसा भी आरोप लगाया है कि अस्पताल ने बिना पूछे इंजेक्शन और दवाइयां दीं. अस्पताल ने इंजेक्शन, दवाइयां, पीपीई किट और यहां तक की परिवार को संगीता से मिलने देने के लिए पैसे मांगे. अस्पताल ने मरीज़ के इलाज के खर्चे की कोई रसीद नहीं दी है. बल्कि नम्रता से चार लाख रूपए और मांगे हैं. इस पूरे मामले की जांच के लिए डीएम ने एक कमेटी का गठन किया है. तीन सीनियर डॉक्टरों की टीम इस पूरे मामले की जांच करेगी. लेकिन अब तक अस्पताल पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. बता दें पंडित छन्नूलाल मिश्रा को दोहरा सदमा पहुंचा है. 26 अप्रैल को उनकी पत्नी मनोरमा मिश्रा का निधन हो गया था और एक मई को ही उनकी बड़ी बेटी संगीता मिश्रा भी इस दुनिया को छोड़कर चली गईं.
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