Newslaundry Hindi
कोरोना से एएनआई के वीडियो जर्नलिस्ट सबाजी मोहन पालकर का निधन
रविवार को न्यूज एजेंसी एएनआई के वीडियो जर्नलिस्ट सबाजी मोहन पालकर का कोरोना से निधन हो गया. पालकर मुंबई से एएनआई के लिए काम करते थे. समाचार एजेंसी ने ट्वीट करके शोक व्यक्त किया है.
एएनआई ने ट्वीट कर लिखा, ‘‘एएनआई मुंबई में बतौर वीडियो जर्नलिस्ट काम करने वाले अपने सहयोगी सबाजी मोहन पालकर के निधन पर शोक व्यक्त करता है. उन्होंने कोविड के खिलाफ एक वीरतापूर्ण लड़ाई लड़ी थी, लेकिन कल उनका निधन हो गया. फ्रंट-लाइन वर्कर के रूप में आप कोविड के खिलाफ भारत की लड़ाई में सामने आए. इस दुख की घड़ी में हम आपके परिवार के साथ हैं.”
पत्रकार सबाजी मोहन पालकर के निधन के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से पत्रकारों को वैक्सीन लगाने की मांग हो रही है. सबसे पहले इसकी मांग महाराष्ट्र सरकार के मंत्री डॉक्टर जितेंद्र आव्हाड ने की है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘आज एक पत्रकार मित्र का कोरोना के कारण निधन हो गया. मुख्यमंत्री महोदय मैं आपसे विनती करता हूं कि राज्य में जितने भी पत्रकार हैं. जो इस संकट के समय में भी हमारे लिए खबरें ला रहे हैं. समाज को जागरूक रखते हैं. उन्हें वैक्सीन देना बेहद ज़रूरी है. मेरी आपसे मांग है कि पत्रकारों को जल्द से जल्द वैक्सीन दी जाए.’’
भारत में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. रविवार को भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के 1,03,558 नए मामले सामने आए. जिसके साथ कुल संक्रमित मामलों की संख्या बढ़कर 1,25,89,067 हो गई है. रविवार को 478 लोगों की मौत हुई जिसके साथ भारत में कुल मृतकों की संख्या 1,65,101 हो गई है.
अंतरराष्ट्रीय मीडिया निगरानी सगंठन प्रेस इम्बलम कैंपेन (पीईसी) की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2020 में कोरोना के कारण दुनियाभर में 602 पत्रकारों की मौत हुई है.
नवजीवन ने अपनी एक रिपोर्ट में पीईसी के हवाले से बताया कि लातिन अमेरिका में सबसे अधिक 303 पत्रकारों की मौत हुई है. एशिया में 145 मौतें दर्ज की गईं, यूरोप में 94, उत्तरी अमेरिका में 32 और अफ्रीका में 28 मौतें रिकॉर्ड की गईं. भारत में 53 पत्रकारों की मौत हुई हैं.
Also Read
-
From farmers’ protest to floods: Punjab’s blueprint of resistance lives on
-
TV Newsance 313: What happened to India’s No. 1 China hater?
-
No surprises in Tianjin show: Xi’s power trip, with Modi and Putin as props
-
In upscale Delhi neighbourhood, public walkways turn into private parking lots
-
Delhi’s iconic Cottage Emporium now has empty shelves, workers and artisans in crisis