Newslaundry Hindi
सीपीजे की ओर से भारतीय राज्यों के चुनावों पर काम कर रहे पत्रकारों के लिए सुरक्षा गाइड
असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुदुच्चेरी में होने जा रहे विधानसभा चुनावों और उनसे पहले होने वाली गतिविधियों पर काम करने वाले संपादक, पत्रकार, और फ़ोटो जर्नलिस्ट्स के लिए कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स ने एक नई भारतीय चुनाव सुरक्षा गाइड प्रकाशित की है.
साल की शुरुआत से ही भारत में पत्रकारों पर कानूनी करवाई, हमले, एवं गिरफ्तारियों की घटनाएं देखने को मिली हैं. इनमें वे पत्रकार भी शामिल हैं जिन्होंने किसान आंदोलन पर रिपोर्टिंग की है. इससे पहले 2019 में सीपीजे ने ख़ास भारतीय लोकसभा एवं स्थानीय चुनावों के लिए सुरक्षा सलाह जारी की थी. इस नए संस्करण में नई चुनौतियां जैसे कि, कोविड-19 महामारी के चलते बचाव, और वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से रिमोर्टली काम करते समय डिजिटल सुरक्षा, जैसी बातों पर ध्यान दिया गया है. इस गाइड में इंटरनेट पर धमकियों और ख़तरों से निपटने के बारे में भी जानकारी दी गई है. सीपीजे को रिपोर्टिंग से यह ज्ञात हुआ है कि, चुनावों के समय ख़ास निशाना बना कर ऑनलाइन हमलों की घटनाएं बढ़ जाती हैं.
सीपीजे की उच्च एशिया शोधकर्ता, आलिया इफ़्तेख़ार के अनुसार, “किसी भी लोकतंत्र में नागरिक का जागरूक होना महत्वपूर्ण है, और यह बिना समाचार के होना असंभव है. यह बहुत ज़रूरी है कि भारत में पत्रकार स्वतंत्रता से चुनाव व सत्ता परिवर्तन के बारे में लिख पाएं, और हम आशा करते हैं कि यह सुरक्षा गाइड पत्रकारों को आज़ादी और सुरक्षा के साथ अपना काम करने में सहायता करेगी.”
सुरक्षा गाइड असमी, बांगला, अंग्रेज़ी, हिंदी, मलयालम, और तमिल भाषाओं में उपलब्ध है. इस गाइड की सामग्री कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स को श्रेय दे कर, निशुल्क पुनः प्रकाशित की जा सकती है. सीपीजे के संसाधन केन्द्र से असाइनमेंट पर जाने से पहले की तैयारी और किसी घटना के बाद सहायता से जुड़ी और अधिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है. किसी और सहायता के लिए पत्रकार, सीपीजे एमर्जेन्सीज़ को emergencies@cpj.org पर संपर्क कर सकते हैं. यदि आप सीपीजे के विशेषज्ञ का चुनाव सुरक्षा या भारत में प्रेस की आज़ादी पर इंटरव्यू लेना चाहते हैं तो press@cpj.org पर ई-मेल कर संपर्क करें.
(सीपीजे एक स्वतंत्र, नॉन-प्रॉफ़िट संगठन है जो पत्रकारिता की आज़ादी के लिए विश्व भर में काम करता है.)
असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुदुच्चेरी में होने जा रहे विधानसभा चुनावों और उनसे पहले होने वाली गतिविधियों पर काम करने वाले संपादक, पत्रकार, और फ़ोटो जर्नलिस्ट्स के लिए कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स ने एक नई भारतीय चुनाव सुरक्षा गाइड प्रकाशित की है.
साल की शुरुआत से ही भारत में पत्रकारों पर कानूनी करवाई, हमले, एवं गिरफ्तारियों की घटनाएं देखने को मिली हैं. इनमें वे पत्रकार भी शामिल हैं जिन्होंने किसान आंदोलन पर रिपोर्टिंग की है. इससे पहले 2019 में सीपीजे ने ख़ास भारतीय लोकसभा एवं स्थानीय चुनावों के लिए सुरक्षा सलाह जारी की थी. इस नए संस्करण में नई चुनौतियां जैसे कि, कोविड-19 महामारी के चलते बचाव, और वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से रिमोर्टली काम करते समय डिजिटल सुरक्षा, जैसी बातों पर ध्यान दिया गया है. इस गाइड में इंटरनेट पर धमकियों और ख़तरों से निपटने के बारे में भी जानकारी दी गई है. सीपीजे को रिपोर्टिंग से यह ज्ञात हुआ है कि, चुनावों के समय ख़ास निशाना बना कर ऑनलाइन हमलों की घटनाएं बढ़ जाती हैं.
सीपीजे की उच्च एशिया शोधकर्ता, आलिया इफ़्तेख़ार के अनुसार, “किसी भी लोकतंत्र में नागरिक का जागरूक होना महत्वपूर्ण है, और यह बिना समाचार के होना असंभव है. यह बहुत ज़रूरी है कि भारत में पत्रकार स्वतंत्रता से चुनाव व सत्ता परिवर्तन के बारे में लिख पाएं, और हम आशा करते हैं कि यह सुरक्षा गाइड पत्रकारों को आज़ादी और सुरक्षा के साथ अपना काम करने में सहायता करेगी.”
सुरक्षा गाइड असमी, बांगला, अंग्रेज़ी, हिंदी, मलयालम, और तमिल भाषाओं में उपलब्ध है. इस गाइड की सामग्री कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स को श्रेय दे कर, निशुल्क पुनः प्रकाशित की जा सकती है. सीपीजे के संसाधन केन्द्र से असाइनमेंट पर जाने से पहले की तैयारी और किसी घटना के बाद सहायता से जुड़ी और अधिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है. किसी और सहायता के लिए पत्रकार, सीपीजे एमर्जेन्सीज़ को emergencies@cpj.org पर संपर्क कर सकते हैं. यदि आप सीपीजे के विशेषज्ञ का चुनाव सुरक्षा या भारत में प्रेस की आज़ादी पर इंटरव्यू लेना चाहते हैं तो press@cpj.org पर ई-मेल कर संपर्क करें.
(सीपीजे एक स्वतंत्र, नॉन-प्रॉफ़िट संगठन है जो पत्रकारिता की आज़ादी के लिए विश्व भर में काम करता है.)
Also Read
-
‘Waiting for our school to reopen’: Kids pay the price of UP’s school merger policy
-
Putin’s poop suitcase, missing dimple, body double: When TV news sniffs a scoop
-
The real story behind Assam’s 3,000-bigha land row
-
CEC Gyanesh Kumar’s defence on Bihar’s ‘0’ house numbers not convincing
-
पत्रकार नाविका कुमार के खिलाफ मानहानि मामले की जांच के आदेश