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मीडिया कंपनी के मालिक ने सैलरी देने की एवज में अपनी कार बंधक के तौर पर की जमा
पार्लियामेंट्री बिजनेस नाम की मीडिया कंपनी द्वारा अपने कर्मचारियों को पिछले तीन महीने से सैलरी नहीं दी गई है. इसके चलते कंपनी के कर्मचारियों ने बुधवार को अपने बॉस नीरज गुप्ता को घेर लिया. इस दौरान काफी हंगामा हो गया. हंगामा होने के बाद नोएडा सेक्टर- 20 थाने की पुलिस को बुला लिया गया. कंपनी मालिक पर आरोप है कि उन्होंने अपने कर्मचारियों को पिछले तीन महीने से सैलरी नहीं दी है. साथ ही मकान मालिक का भी महीनों से किराया नहीं दिया गया है.
इस पूरे मामले पर न्यूज़लॉन्ड्री ने कंपनी के मालिक नीरज गुप्ता से बात की. उन्होंने कहा, "हमारे कर्मचारी ठीक से काम नहीं कर रहे थे, इसलिए हम कंपनी को नए सिरे से शुरू करने जा रहे हैं. हालांकि यह बात भी सही है कि कुछ कंर्मचारियों की सैलरी और मकान का किराया भी रुका हुआ है. जिसके चलते ही उन्होंने बुधवार को मुझे घेर लिया और मेरी गाड़ी जब्त कर ली. पुलिस भी बुला ली गई. इसके बाद थाने में हमारा समझौता हुआ. जो लेटर आपके पास है वही हमारा समझौता है. यह फैसला नोएडा के थाना सेक्टर 20 में हुआ है."
वह आगे कहते हैं, "पुलिस ने मुझसे सैलरी देने की बात कही. इसके बाद मैंने सभी कर्मचारियों और पुलिस के सामने यह पत्र लिखा. पुलिस ने लिखवाया कि सबको सैलरी देनी है कब देनी है और कैसे देनी है यह सब लिखिए. मैंने पुलिस से कहा कि पैसा अरेंज होते ही सैलरी दे दूंगा. कुछ दिन की मोहलत दीजिए. इस पर पुलिस ने मुझे कुछ तारीख बताईं कि इनमें दे दीजिए. अब जो भी पत्र में लिखा गया है उस आधार पर मैं इनकी सैलरी दे दूंगा."
ऐसे कितने कर्मचारी हैं जिनको पैसा दिया जाना है? इस पर वह कहते हैं, "लिस्ट तो बहुत लंबी है करीब 30 लोग हैं जिन्होंने मुझे बताया है, लेकिन इनमें रेगुलर सिर्फ 10-15 ही बचे हैं. बाकी हम अपने रजिस्टर देखेंगे कि क्या स्टेटस है." थाने में गाड़ी जमा करने के सवाल पर वह कहते हैं, "वह गाड़ी वहीं छोड़कर आ गए हैं वह कहां है किसके पास है उन्हें कुछ नहीं पता है."
वह कहते हैं, "हम पिछले 10 साल से पार्लियामेंट्री बिजनेस को चला रहे हैं. जिसमें हम ज्यादातर रिसर्च का काम करते हैं. पहले यह एक एनजीओ था लेकिन एक साल पहले हमने इसे मीडिया कंपनी के तौर पर लॉन्च किया है. पार्लियामेंट्री बिजनेस नाम से एक वेबसाइट, यूट्यूब और एक मैगजीन चलाते हैं. इस काम में रोहित सक्सेना उनके पार्टनर हैं."
गुप्ता कहते हैं, "कंपनी के ऑफिस का हम करीब पांच लाख रुपए महीने का किराया देते हैं. जल्दी ही हम इस पूरे मामले को शार्ट आउट कर लेंगे. 28 फरवरी तक हमें यह दफ्तर खाली करना है. मकान मालिक का किराए का पैसा भी देना है. कोरोनाकाल जैसे समय में हमने अपने कर्मचारियों को सैलरी दी है. जब लोगों को नौकरियों से निकाला जा रहा था. अगर मुझे भागना होता तो तब भाग जाता. कुछ अप डाउन हो जाता है लेकिन मैं भागने वालों में से नहीं हूं. सबका पैसा दूंगा. यह बहुत ही यूनिक प्रोडक्ट है. पूरा रिसर्च का काम करता है. कंपनी बंद नहीं हुई है यह चलती रहेगी."
वहीं इस बारे में हमने थाना सेक्टर 20 के एसएचओ राकेश कुमार सिंह से भी बात की. हालांकि वह ऐसे किसी भी मामले से अंजान नजर आते हैं. वह कहते हैं, "न तो थाने में ऐसी कोई गाड़ी खड़ी है. और न ही हमारे थाने में ऐसा कोई मामला सामने आया है."
पार्लियामेंट्री बिजनेस नाम की मीडिया कंपनी द्वारा अपने कर्मचारियों को पिछले तीन महीने से सैलरी नहीं दी गई है. इसके चलते कंपनी के कर्मचारियों ने बुधवार को अपने बॉस नीरज गुप्ता को घेर लिया. इस दौरान काफी हंगामा हो गया. हंगामा होने के बाद नोएडा सेक्टर- 20 थाने की पुलिस को बुला लिया गया. कंपनी मालिक पर आरोप है कि उन्होंने अपने कर्मचारियों को पिछले तीन महीने से सैलरी नहीं दी है. साथ ही मकान मालिक का भी महीनों से किराया नहीं दिया गया है.
इस पूरे मामले पर न्यूज़लॉन्ड्री ने कंपनी के मालिक नीरज गुप्ता से बात की. उन्होंने कहा, "हमारे कर्मचारी ठीक से काम नहीं कर रहे थे, इसलिए हम कंपनी को नए सिरे से शुरू करने जा रहे हैं. हालांकि यह बात भी सही है कि कुछ कंर्मचारियों की सैलरी और मकान का किराया भी रुका हुआ है. जिसके चलते ही उन्होंने बुधवार को मुझे घेर लिया और मेरी गाड़ी जब्त कर ली. पुलिस भी बुला ली गई. इसके बाद थाने में हमारा समझौता हुआ. जो लेटर आपके पास है वही हमारा समझौता है. यह फैसला नोएडा के थाना सेक्टर 20 में हुआ है."
वह आगे कहते हैं, "पुलिस ने मुझसे सैलरी देने की बात कही. इसके बाद मैंने सभी कर्मचारियों और पुलिस के सामने यह पत्र लिखा. पुलिस ने लिखवाया कि सबको सैलरी देनी है कब देनी है और कैसे देनी है यह सब लिखिए. मैंने पुलिस से कहा कि पैसा अरेंज होते ही सैलरी दे दूंगा. कुछ दिन की मोहलत दीजिए. इस पर पुलिस ने मुझे कुछ तारीख बताईं कि इनमें दे दीजिए. अब जो भी पत्र में लिखा गया है उस आधार पर मैं इनकी सैलरी दे दूंगा."
ऐसे कितने कर्मचारी हैं जिनको पैसा दिया जाना है? इस पर वह कहते हैं, "लिस्ट तो बहुत लंबी है करीब 30 लोग हैं जिन्होंने मुझे बताया है, लेकिन इनमें रेगुलर सिर्फ 10-15 ही बचे हैं. बाकी हम अपने रजिस्टर देखेंगे कि क्या स्टेटस है." थाने में गाड़ी जमा करने के सवाल पर वह कहते हैं, "वह गाड़ी वहीं छोड़कर आ गए हैं वह कहां है किसके पास है उन्हें कुछ नहीं पता है."
वह कहते हैं, "हम पिछले 10 साल से पार्लियामेंट्री बिजनेस को चला रहे हैं. जिसमें हम ज्यादातर रिसर्च का काम करते हैं. पहले यह एक एनजीओ था लेकिन एक साल पहले हमने इसे मीडिया कंपनी के तौर पर लॉन्च किया है. पार्लियामेंट्री बिजनेस नाम से एक वेबसाइट, यूट्यूब और एक मैगजीन चलाते हैं. इस काम में रोहित सक्सेना उनके पार्टनर हैं."
गुप्ता कहते हैं, "कंपनी के ऑफिस का हम करीब पांच लाख रुपए महीने का किराया देते हैं. जल्दी ही हम इस पूरे मामले को शार्ट आउट कर लेंगे. 28 फरवरी तक हमें यह दफ्तर खाली करना है. मकान मालिक का किराए का पैसा भी देना है. कोरोनाकाल जैसे समय में हमने अपने कर्मचारियों को सैलरी दी है. जब लोगों को नौकरियों से निकाला जा रहा था. अगर मुझे भागना होता तो तब भाग जाता. कुछ अप डाउन हो जाता है लेकिन मैं भागने वालों में से नहीं हूं. सबका पैसा दूंगा. यह बहुत ही यूनिक प्रोडक्ट है. पूरा रिसर्च का काम करता है. कंपनी बंद नहीं हुई है यह चलती रहेगी."
वहीं इस बारे में हमने थाना सेक्टर 20 के एसएचओ राकेश कुमार सिंह से भी बात की. हालांकि वह ऐसे किसी भी मामले से अंजान नजर आते हैं. वह कहते हैं, "न तो थाने में ऐसी कोई गाड़ी खड़ी है. और न ही हमारे थाने में ऐसा कोई मामला सामने आया है."
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