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शशि थरूर समेत अन्य 7 पत्रकारों के खिलाफ दायर केस पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कांग्रेस नेता शशि थरूर, पत्रकार राजदीप सरदेसाई समेत 6 अन्य पत्रकारों के खिलाफ दायर राजद्रोह मामले में गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.

लाइव हिंदुस्तान की खबर के मुताबिक, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने इस मामले में दिल्ली पुलिस के साथ ही उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, हरियाणा राज्यों को भी नोटिस जारी किया है. इन सभी पर ट्रैक्टर रैली के दौरान एक प्रदर्शनकारी की मौत को लेकर गलत जानकारी ट्वीट करने के आरोप में अलग-अलग राज्यों में एफआईआर दर्ज करवाई गई थी.

सुप्रीम कोर्ट ने सभी की गिरफ्तारी पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है. इस मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी.

दिल्ली पुलिस की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने गिरफ्तारी पर रोक का विरोध करते हुए कहा, “हम इन ट्वीट की वजह से हुए भयानक प्रभाव को दिखाएंगे. इन ट्विटर हैंडलों के लाखों फॉलोअर्स हैं.”

शशि थरूर की ओर से कोर्ट में पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि थरूर इस वक्त दिल्ली में हैं और उनपर गंभीर आरोप हैं, इसलिए अंतरिम सुरक्षा की जरूरत है. सिब्बल ने कहा, “जांच एजेंसी कभी भी मुझे गिरफ्तार कर सकती है.”

बता दें कि दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी की घटना के बाद यह एफआईआर दर्ज की थी. इसमें कांग्रेस सांसद शशि थरूर, नेशनल हेराल्ड की वरिष्ठ संपादकीय सलाहकार मृणाल पाण्डेय, इंडिया टुडे समूह के सलाहकार संपादक राजदीप सरदेसाई, कारवां पत्रिका के मुख्य संपादक-प्रकाशक परेशनाथ, एडिटर विनोद के जोस और पत्रिका के कार्यकारी संपादक अनंतनाथ और अज्ञात का नाम शामिल है.

Also Read: शशि थरूर और राजदीप सरदेसाई समेत छह पत्रकारों के खिलाफ राजद्रोह का केस

Also Read: पत्रकार के भुगतान संबंधी श्रम विभाग के आदेश को मानने से राजस्थान पत्रिका का इंकार

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कांग्रेस नेता शशि थरूर, पत्रकार राजदीप सरदेसाई समेत 6 अन्य पत्रकारों के खिलाफ दायर राजद्रोह मामले में गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.

लाइव हिंदुस्तान की खबर के मुताबिक, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने इस मामले में दिल्ली पुलिस के साथ ही उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, हरियाणा राज्यों को भी नोटिस जारी किया है. इन सभी पर ट्रैक्टर रैली के दौरान एक प्रदर्शनकारी की मौत को लेकर गलत जानकारी ट्वीट करने के आरोप में अलग-अलग राज्यों में एफआईआर दर्ज करवाई गई थी.

सुप्रीम कोर्ट ने सभी की गिरफ्तारी पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है. इस मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी.

दिल्ली पुलिस की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने गिरफ्तारी पर रोक का विरोध करते हुए कहा, “हम इन ट्वीट की वजह से हुए भयानक प्रभाव को दिखाएंगे. इन ट्विटर हैंडलों के लाखों फॉलोअर्स हैं.”

शशि थरूर की ओर से कोर्ट में पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि थरूर इस वक्त दिल्ली में हैं और उनपर गंभीर आरोप हैं, इसलिए अंतरिम सुरक्षा की जरूरत है. सिब्बल ने कहा, “जांच एजेंसी कभी भी मुझे गिरफ्तार कर सकती है.”

बता दें कि दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी की घटना के बाद यह एफआईआर दर्ज की थी. इसमें कांग्रेस सांसद शशि थरूर, नेशनल हेराल्ड की वरिष्ठ संपादकीय सलाहकार मृणाल पाण्डेय, इंडिया टुडे समूह के सलाहकार संपादक राजदीप सरदेसाई, कारवां पत्रिका के मुख्य संपादक-प्रकाशक परेशनाथ, एडिटर विनोद के जोस और पत्रिका के कार्यकारी संपादक अनंतनाथ और अज्ञात का नाम शामिल है.

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