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अर्णब मामले में रिपब्लिक टीवी ने इंडियन एक्सप्रेस को भेजा नोटिस
रिपब्लिक टीवी ने अर्णब गोस्वामी की स्टोरी पर इंडियन एक्सप्रेस को लीगल नोटिस भेजा है. इंडियन एक्सप्रेस द्वारा 25 जनवरी को अर्णब गोस्वामी के कथित चैट लीक पर प्रकाशित की गई एक रिपोर्ट पर आपत्ति जताते हुए यह नोटिस भेजा गया है. नोटिस में लिखा है कि एक्सप्रेस ने पत्रकारीय नैतिकता का उल्लंघन किया है. और रिपब्लिक टीवी की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए एक घृणित अभियान चलाया है. इसका उद्देश्य सनसनी पैदा कर अपने व्यावसायिक और कॉरपोरेट हितों को आगे बढ़ाना है.
दरअसल 25 जनवरी को इंडियन एक्सप्रेस ने "अर्णब गोस्वामी पेड मी 12,000 डॉलर एंड रुपीज 40 लाख टू फिक्स रेटिंग्स: पार्थो दासगुप्ता" शीर्षक से एक रिपोर्ट की थी.
खबर में बताया गया है कि रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी ने बार्क के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता को टीआरपी रेटिंग में हेरफेर के लिए बड़ी धनराशि बतौर रिश्वत दी थी.
फीनिक्स लीगल के माध्यम से एक्सप्रेस के चीफ एडीटर राज कमल झा सहित दो अन्य लोगों को भेजे गए कानूनी नोटिस में कहा गया है कि दासगुप्ता द्वारा 6 जनवरी 2021 को सत्र न्यायालय, मुंबई के समक्ष दायर जमानत याचिका में, यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क द्वारा टीआरपी में कोई हेरफेर नहीं किया गया था. जबकि आपकी समाचार रिपोर्ट की हेडलाइन किसी भी पाठक को गलत तरीके से यह विश्वास दिलाएगी कि वास्तव में, हमारे मुवक्किल अर्णब द्वारा पार्थो दासगुप्ता को भुगतान किया गया था. ऐसी हेडलाइन जानबूझकर और शरारतपूर्ण तकीके से दी गई है.
नोटिस में आगे कहा गया है, “आपने पत्रकारीय नैतिकता का उल्लंघन करते हुए व तय कानून के खिलाफ एक न्यायाधीश, जूरी और एग्जीक्यूशनर के रूप में काम किया है. जरूरी तथ्यों को छिपाकर, हमारे मुवक्किल को टीआरपी हेरफेर का दोषी करार दिया है, जबकि मामले की जांच अभी लंबित है और कोर्ट में विचाराधीन है. ऐसे में आपके दावे अदालत के आपराधिक अवमानना के समान हैं.”
गौरतलब है कि मुंबई पुलिस ने कुछ दिन पहले एक सनसनीखेज दावा किया था कि पार्थो दासगुप्ता ने बीएआरसी के एक अन्य पूर्व अधिकारी और रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी के साथ कथित रूप से मिलीभगत करके रिपब्लिक टीवी की (टीआरपी) में हेरफेर किया था.
रिपब्लिक टीवी ने अर्णब गोस्वामी की स्टोरी पर इंडियन एक्सप्रेस को लीगल नोटिस भेजा है. इंडियन एक्सप्रेस द्वारा 25 जनवरी को अर्णब गोस्वामी के कथित चैट लीक पर प्रकाशित की गई एक रिपोर्ट पर आपत्ति जताते हुए यह नोटिस भेजा गया है. नोटिस में लिखा है कि एक्सप्रेस ने पत्रकारीय नैतिकता का उल्लंघन किया है. और रिपब्लिक टीवी की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए एक घृणित अभियान चलाया है. इसका उद्देश्य सनसनी पैदा कर अपने व्यावसायिक और कॉरपोरेट हितों को आगे बढ़ाना है.
दरअसल 25 जनवरी को इंडियन एक्सप्रेस ने "अर्णब गोस्वामी पेड मी 12,000 डॉलर एंड रुपीज 40 लाख टू फिक्स रेटिंग्स: पार्थो दासगुप्ता" शीर्षक से एक रिपोर्ट की थी.
खबर में बताया गया है कि रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी ने बार्क के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता को टीआरपी रेटिंग में हेरफेर के लिए बड़ी धनराशि बतौर रिश्वत दी थी.
फीनिक्स लीगल के माध्यम से एक्सप्रेस के चीफ एडीटर राज कमल झा सहित दो अन्य लोगों को भेजे गए कानूनी नोटिस में कहा गया है कि दासगुप्ता द्वारा 6 जनवरी 2021 को सत्र न्यायालय, मुंबई के समक्ष दायर जमानत याचिका में, यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क द्वारा टीआरपी में कोई हेरफेर नहीं किया गया था. जबकि आपकी समाचार रिपोर्ट की हेडलाइन किसी भी पाठक को गलत तरीके से यह विश्वास दिलाएगी कि वास्तव में, हमारे मुवक्किल अर्णब द्वारा पार्थो दासगुप्ता को भुगतान किया गया था. ऐसी हेडलाइन जानबूझकर और शरारतपूर्ण तकीके से दी गई है.
नोटिस में आगे कहा गया है, “आपने पत्रकारीय नैतिकता का उल्लंघन करते हुए व तय कानून के खिलाफ एक न्यायाधीश, जूरी और एग्जीक्यूशनर के रूप में काम किया है. जरूरी तथ्यों को छिपाकर, हमारे मुवक्किल को टीआरपी हेरफेर का दोषी करार दिया है, जबकि मामले की जांच अभी लंबित है और कोर्ट में विचाराधीन है. ऐसे में आपके दावे अदालत के आपराधिक अवमानना के समान हैं.”
गौरतलब है कि मुंबई पुलिस ने कुछ दिन पहले एक सनसनीखेज दावा किया था कि पार्थो दासगुप्ता ने बीएआरसी के एक अन्य पूर्व अधिकारी और रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी के साथ कथित रूप से मिलीभगत करके रिपब्लिक टीवी की (टीआरपी) में हेरफेर किया था.
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