Newslaundry Hindi
1992 के बाद विश्व में सबसे ज्यादा पत्रकार जेल में बंद- सीपीजे
कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (सीपीजे) ने पत्रकारों की स्थिति पर एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में चार पत्रकार जेल में बंद हैं. जिसमें से तीन स्वतंत्र पत्रकार और एक कश्मीर नैरेटर के पत्रकार हैं. इन चारों ही पत्रकारों के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज है, लेकिन अभी तक किसी को भी सजा नहीं सुनाई गई है.
रिपोर्ट में कश्मीर नैरेटर के पत्रकार आसिफ सुल्तान, स्वतंत्र पत्रकार आनंद तेलतुंबडे, गौतम नवलखा और सिद्दीकी कप्पन का जिक्र किया गया है. इस रिपोर्ट में साथ ही बताया गया है कि इन पत्रकारों को कब और किस जुर्म में गिरफ्तार किया गया है.
सीपीजे की रिपोर्ट में बताया गया है कि इस साल अलग-अलग देशों में कुल 274 पत्रकार जेल में बंद हैं, जो साल 1992 के बाद से सबसे खराब स्थिति हैं. इनमें से सबसे ज्यादा पत्रकार चीन की जेल में बंद हैं. उसके बाद तुर्की, मिस्र और केएसए.
जेल में बंद पत्रकारों में समाचार संस्था के पत्रकारों की संख्या ज्यादा है. इस समय विश्व में जेल में बंद स्वतंत्र पत्रकारों की संख्या 94 है तो वहीं समाचार संस्था के पत्रकारों की संख्या 180.
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में गिरफ्तार दो पत्रकार आनंद तेलतुंबडे, गौतम नवलखा महाराष्ट्र की जेल में बंद हैं और उन्हें एनआईए ने गिरफ्तार किया है. वहीं आसिफ सुल्तान जम्मू कश्मीर की जेल में बंद हैं उनपर आरोप हैं कि उन्होंने कश्मीर में आंतकियो को छिपाने में मदद की है. वहीं सिद्दीकी कप्पन उत्तर प्रदेश की जेल में बंद हैं.
सिद्दीकी को दिल्ली से हाथरस जाते वक्त गिरफ्तार किया गया था. उत्तर प्रदेश पुलिस का कहना हैं कि वह पीएफआई के सदस्य हैं और वह हाथरस घटना के बहाने प्रदेश में उन्माद बढ़ाने की फिराक में थे.
बता दें कि आनंद तेलतुंबडे, गौतम नवलखा की जमानत याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है, वहीं सिद्दीकी की जमानत याचिका की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है.
कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (सीपीजे) ने पत्रकारों की स्थिति पर एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में चार पत्रकार जेल में बंद हैं. जिसमें से तीन स्वतंत्र पत्रकार और एक कश्मीर नैरेटर के पत्रकार हैं. इन चारों ही पत्रकारों के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज है, लेकिन अभी तक किसी को भी सजा नहीं सुनाई गई है.
रिपोर्ट में कश्मीर नैरेटर के पत्रकार आसिफ सुल्तान, स्वतंत्र पत्रकार आनंद तेलतुंबडे, गौतम नवलखा और सिद्दीकी कप्पन का जिक्र किया गया है. इस रिपोर्ट में साथ ही बताया गया है कि इन पत्रकारों को कब और किस जुर्म में गिरफ्तार किया गया है.
सीपीजे की रिपोर्ट में बताया गया है कि इस साल अलग-अलग देशों में कुल 274 पत्रकार जेल में बंद हैं, जो साल 1992 के बाद से सबसे खराब स्थिति हैं. इनमें से सबसे ज्यादा पत्रकार चीन की जेल में बंद हैं. उसके बाद तुर्की, मिस्र और केएसए.
जेल में बंद पत्रकारों में समाचार संस्था के पत्रकारों की संख्या ज्यादा है. इस समय विश्व में जेल में बंद स्वतंत्र पत्रकारों की संख्या 94 है तो वहीं समाचार संस्था के पत्रकारों की संख्या 180.
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में गिरफ्तार दो पत्रकार आनंद तेलतुंबडे, गौतम नवलखा महाराष्ट्र की जेल में बंद हैं और उन्हें एनआईए ने गिरफ्तार किया है. वहीं आसिफ सुल्तान जम्मू कश्मीर की जेल में बंद हैं उनपर आरोप हैं कि उन्होंने कश्मीर में आंतकियो को छिपाने में मदद की है. वहीं सिद्दीकी कप्पन उत्तर प्रदेश की जेल में बंद हैं.
सिद्दीकी को दिल्ली से हाथरस जाते वक्त गिरफ्तार किया गया था. उत्तर प्रदेश पुलिस का कहना हैं कि वह पीएफआई के सदस्य हैं और वह हाथरस घटना के बहाने प्रदेश में उन्माद बढ़ाने की फिराक में थे.
बता दें कि आनंद तेलतुंबडे, गौतम नवलखा की जमानत याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है, वहीं सिद्दीकी की जमानत याचिका की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है.
Also Read
-
NDA claims vs Bihar women’s reality: Away from capital, many still wait for toilet, college, and a chance
-
We already have ‘Make in India’. Do we need ‘Design in India’?
-
Skills, doles, poll promises, and representation: What matters to women voters in Bihar?
-
Not just freebies. It was Zohran Mamdani’s moral pull that made the young campaign for him
-
TV Newsance 320: Bihar elections turn into a meme fest