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ट्विटर ने बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय के ट्वीट को “मैनिपुलेटेड” बता किया चिन्हित
ट्विटर ने भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय के एक ट्वीट को तोड़-मरोड़कर पेश करने के कारण चिन्हित कर दिया है. ट्विटर ने मालवीय के ट्वीट के नीचे “मैनिपुलेटेड मीडिया” लिख दिया है. यानी ट्वीट में मालवीय जो दावा कर रहे हैं उसे उन्होंने गलत तरीके से पेश किया है. हालांकि यह पहली बार नहीं है जब किसी व्यक्ति के ट्वीट को ट्विटर ने इस तरह चिन्हित किया है.
इससे पहले ट्विटर ने अमेरिका में चुनाव के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कई ट्वीट्स को भी फेक बताकर चिन्हित कर दिया था. अमित मालवीय पर हुई ट्विटर की इस कार्यवाही के बाद सोशल मीडिया पर भी इस पर चर्चा छिड़ गई है. बहुत से लोगों ने इसे फेक न्यूज रोकने की दिशा में एक अच्छा कदम बताया तो वहीं कुछ लोगों ने अमित मालवीय को टैग करते हुए उनसे सवाल पूछे हैं.
एक यूजर सुमित कश्यप ने मालवीय के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए पूछा, भाई @amitmalviya ट्विटर द्वारा “मैनिपुलेटेड मीडिया” का लेबल पाने वाले पहले भारतीय बनने पर क्या विचार हैं? क्या आप विरेध में ट्विटर छोड़ने का प्लान बना रहे हैं?
दरअसल नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में पुलिस और किसानों के बीच संघर्ष की एक तस्वीर काफी चर्चा में है. इसमें सुरक्षा बल का एक जवान एक बुजुर्ग सिख को लाठी मारते हुए नजर आ रहा है. इस चर्चित तस्वीर को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी की आलोचना करते हुए ट्वीट किया, और लिखा कि ये फोटो बड़ी दुखद है इसमें देखा जा सकता है कि कैसे प्रधानमंत्री के अहंकार ने जवान को किसान के खिलाफ खड़ा कर दिया है.
राहुल गांधी के इसी ट्वीट के जवाब में ही बीजेपी पार्टी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक वीडियो ट्वीट किया था. इस वीडियो में एक तरफ वही तस्वीर है जिसे राहुल गांधी ने ट्वीट किया, जिसके ऊपर "प्रोपेगेंडा" लिखा है. वहीं दूसरी तरफ इसी तस्वीर का वीडियो चल रहा है जिसमें भागते हुए बुजुर्ग सिख पर जवान लाठी फटकारते हुए नजर आ रहा है. वीडियो में मालवीय ने दावा किया था कि पुलिस की ओर से बुजुर्ग किसान को पीटने की बात प्रोपेगेंडा है, क्योंकि वीडियो में देखा जा सकता है कि पुलिस की लाठी किसान को छू तक नहीं पाई. हालांकि मालवीय द्वारा ट्वीट किया गया ये वीडियो अधूरा था. जिस कारण ट्टविटर ने उसे टोड़-मरोड़ कर पेश करने वाला बताकर चिन्हित कर दिया है.
ट्विटर ने भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय के एक ट्वीट को तोड़-मरोड़कर पेश करने के कारण चिन्हित कर दिया है. ट्विटर ने मालवीय के ट्वीट के नीचे “मैनिपुलेटेड मीडिया” लिख दिया है. यानी ट्वीट में मालवीय जो दावा कर रहे हैं उसे उन्होंने गलत तरीके से पेश किया है. हालांकि यह पहली बार नहीं है जब किसी व्यक्ति के ट्वीट को ट्विटर ने इस तरह चिन्हित किया है.
इससे पहले ट्विटर ने अमेरिका में चुनाव के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कई ट्वीट्स को भी फेक बताकर चिन्हित कर दिया था. अमित मालवीय पर हुई ट्विटर की इस कार्यवाही के बाद सोशल मीडिया पर भी इस पर चर्चा छिड़ गई है. बहुत से लोगों ने इसे फेक न्यूज रोकने की दिशा में एक अच्छा कदम बताया तो वहीं कुछ लोगों ने अमित मालवीय को टैग करते हुए उनसे सवाल पूछे हैं.
एक यूजर सुमित कश्यप ने मालवीय के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए पूछा, भाई @amitmalviya ट्विटर द्वारा “मैनिपुलेटेड मीडिया” का लेबल पाने वाले पहले भारतीय बनने पर क्या विचार हैं? क्या आप विरेध में ट्विटर छोड़ने का प्लान बना रहे हैं?
दरअसल नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में पुलिस और किसानों के बीच संघर्ष की एक तस्वीर काफी चर्चा में है. इसमें सुरक्षा बल का एक जवान एक बुजुर्ग सिख को लाठी मारते हुए नजर आ रहा है. इस चर्चित तस्वीर को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी की आलोचना करते हुए ट्वीट किया, और लिखा कि ये फोटो बड़ी दुखद है इसमें देखा जा सकता है कि कैसे प्रधानमंत्री के अहंकार ने जवान को किसान के खिलाफ खड़ा कर दिया है.
राहुल गांधी के इसी ट्वीट के जवाब में ही बीजेपी पार्टी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक वीडियो ट्वीट किया था. इस वीडियो में एक तरफ वही तस्वीर है जिसे राहुल गांधी ने ट्वीट किया, जिसके ऊपर "प्रोपेगेंडा" लिखा है. वहीं दूसरी तरफ इसी तस्वीर का वीडियो चल रहा है जिसमें भागते हुए बुजुर्ग सिख पर जवान लाठी फटकारते हुए नजर आ रहा है. वीडियो में मालवीय ने दावा किया था कि पुलिस की ओर से बुजुर्ग किसान को पीटने की बात प्रोपेगेंडा है, क्योंकि वीडियो में देखा जा सकता है कि पुलिस की लाठी किसान को छू तक नहीं पाई. हालांकि मालवीय द्वारा ट्वीट किया गया ये वीडियो अधूरा था. जिस कारण ट्टविटर ने उसे टोड़-मरोड़ कर पेश करने वाला बताकर चिन्हित कर दिया है.
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