Newslaundry Hindi
विदेशी समाचारों को छापने से पहले तथ्यों की जांच कर लें अखबार- पीसीआई
भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) ने भारतीय अखबारों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है. इस एडवाइजरी में पीसीआई ने भारतीय अखबारों से कहा कि वो में बिना वेरीफाई किए विदेशी आर्टिकल नहीं छापे.
एडवाइजरी में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने कहा कि विदेशी आर्टिकल्स को प्रकाशित करने में भारतीय समाचार पत्रों की जिम्मेदारी के बारे में सरकार की ओर से अलग-अलग तिमाही से प्राप्त संदर्भों पर हमने विचार किया है.
इस मामले में पीसीआई का विचार है कि बिना वेरिफाई किया विदेशी आर्टिकल्स छापना सही नहीं है और इसलिए हम मीडिया हाउस को सलाह देते हैं कि वो अखबारों में विदेशी आर्टिकल्स को छापने से पहले उसे अच्छे से वेरीफाई कर लें.
साथ ही कहा कि बिना वेरिफाई किए गए विदेशी आर्टिकल्स को छापने पर उस अखबार के रिपोर्टर, प्रकाशक और संपादक जिम्मेदार होंगे. भले ही वह किसी भी स्रोत से प्राप्त हो.
नवजीवन की खबर के मुताबिक, जून महीने में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य बी आर गुप्ता ने यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि मीडिया संकट के दौर से गुजर रहा है, इसके बावजूद काउंसिल पत्रकारों की मदद करने में अक्षम रहा है. बी आर गुप्ता बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष हैं.
बता दें कि काउंसिल की स्थापना साल 1966 में प्रेस की स्वतंत्रता के संरक्षण के लिए की गई थी. इस संस्था का मकसद था कि प्रेस की स्वतंत्रता और उच्च मानक बने रहें. यह संस्था प्रेस और मीडिया पर नजर रखती है और अगर कोई प्रेस मानकों का उल्लंघन करता है तो शिकायतों का निस्तारण भी करती है.
भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) ने भारतीय अखबारों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है. इस एडवाइजरी में पीसीआई ने भारतीय अखबारों से कहा कि वो में बिना वेरीफाई किए विदेशी आर्टिकल नहीं छापे.
एडवाइजरी में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने कहा कि विदेशी आर्टिकल्स को प्रकाशित करने में भारतीय समाचार पत्रों की जिम्मेदारी के बारे में सरकार की ओर से अलग-अलग तिमाही से प्राप्त संदर्भों पर हमने विचार किया है.
इस मामले में पीसीआई का विचार है कि बिना वेरिफाई किया विदेशी आर्टिकल्स छापना सही नहीं है और इसलिए हम मीडिया हाउस को सलाह देते हैं कि वो अखबारों में विदेशी आर्टिकल्स को छापने से पहले उसे अच्छे से वेरीफाई कर लें.
साथ ही कहा कि बिना वेरिफाई किए गए विदेशी आर्टिकल्स को छापने पर उस अखबार के रिपोर्टर, प्रकाशक और संपादक जिम्मेदार होंगे. भले ही वह किसी भी स्रोत से प्राप्त हो.
नवजीवन की खबर के मुताबिक, जून महीने में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य बी आर गुप्ता ने यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि मीडिया संकट के दौर से गुजर रहा है, इसके बावजूद काउंसिल पत्रकारों की मदद करने में अक्षम रहा है. बी आर गुप्ता बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष हैं.
बता दें कि काउंसिल की स्थापना साल 1966 में प्रेस की स्वतंत्रता के संरक्षण के लिए की गई थी. इस संस्था का मकसद था कि प्रेस की स्वतंत्रता और उच्च मानक बने रहें. यह संस्था प्रेस और मीडिया पर नजर रखती है और अगर कोई प्रेस मानकों का उल्लंघन करता है तो शिकायतों का निस्तारण भी करती है.
Also Read
-
The Cooking of Books: Ram Guha’s love letter to the peculiarity of editors
-
What’s Your Ism? Ep 8 feat. Sumeet Mhasker on caste, reservation, Hindutva
-
TV Newsance 250: Fact-checking Modi’s speech, Godi media’s Modi bhakti at Surya Tilak ceremony
-
‘1 lakh suicides; both state, central govts neglect farmers’: TN farmers protest in Delhi
-
‘His duty to protect all sections’: DK Shivakumar on PM’s Muslim remarks