Newslaundry Hindi
अमरावती जमीन घोटाले में मीडिया रिपोर्टिंग पर लगी रोक को सुप्रीम कोर्ट ने हटाया
अमरावती जमीन घोटाले को लेकर आंध्र प्रदेश की जगनमोहन रेड्डी सरकार और हाईकोर्ट के बीच चल रही तनातनी के बीच सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई.
उच्च न्यायालय ने जमीन घोटाले मामले में दर्ज प्राथमिकी से जुड़ी मीडिया रिपोर्टिंग पर लगी रोक को हटा दिया. साथ ही मामले में कई पक्षों से जवाब मांगते हुए अगली सुनवाई जनवरी 2021 तक टाल दी.
हिंंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, दो महीने पहले प्रदेश सरकार ने जमीन घोटाले में राज्य के पूर्व महाधिवक्ता पर आरोप लगाया था कि उन्होंने भ्रष्टाचार कर जमीनें अपने रिश्तेदारों को दिलाई. वहीं सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जज एनवी रमन्ना पर भी मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया था.
सरकार ने इस मामले की जांच भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को सौंपी थी. एसीबी ने राज्य के पूर्व महाधिवक्ता समेत 12 अन्य लोगों के खिलाफ इस मामले में एफआईआर दर्ज की. जिसके बाद आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने इस मामले में 15 सितंबर को मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लगा दी. साथ ही कोर्ट ने महाधिवक्ता डी श्रीनिवास के खिलाफ किसी भी कार्रवाई पर रोक लगा दी थी.
हाईकोर्ट के इस फैसले को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. जिस पर जस्टिस अशोक भूषण, आर सुभाष रेड्डी और एमआर शाह की बेंच ने सुनवाई की. कोर्ट ने इस मामले में पूर्व एडवोकेट जनरल, डीजीपी और भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के डीजी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
अमरावती जमीन घोटाले को लेकर आंध्र प्रदेश की जगनमोहन रेड्डी सरकार और हाईकोर्ट के बीच चल रही तनातनी के बीच सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई.
उच्च न्यायालय ने जमीन घोटाले मामले में दर्ज प्राथमिकी से जुड़ी मीडिया रिपोर्टिंग पर लगी रोक को हटा दिया. साथ ही मामले में कई पक्षों से जवाब मांगते हुए अगली सुनवाई जनवरी 2021 तक टाल दी.
हिंंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, दो महीने पहले प्रदेश सरकार ने जमीन घोटाले में राज्य के पूर्व महाधिवक्ता पर आरोप लगाया था कि उन्होंने भ्रष्टाचार कर जमीनें अपने रिश्तेदारों को दिलाई. वहीं सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जज एनवी रमन्ना पर भी मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया था.
सरकार ने इस मामले की जांच भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को सौंपी थी. एसीबी ने राज्य के पूर्व महाधिवक्ता समेत 12 अन्य लोगों के खिलाफ इस मामले में एफआईआर दर्ज की. जिसके बाद आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने इस मामले में 15 सितंबर को मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लगा दी. साथ ही कोर्ट ने महाधिवक्ता डी श्रीनिवास के खिलाफ किसी भी कार्रवाई पर रोक लगा दी थी.
हाईकोर्ट के इस फैसले को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. जिस पर जस्टिस अशोक भूषण, आर सुभाष रेड्डी और एमआर शाह की बेंच ने सुनवाई की. कोर्ट ने इस मामले में पूर्व एडवोकेट जनरल, डीजीपी और भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के डीजी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
Also Read
-
Hafta x South Central feat. Josy Joseph: A crossover episode on the future of media
-
Encroachment menace in Bengaluru locality leaves pavements unusable for pedestrians
-
बिहार में विधानसभा चुनावों का ऐलान: दो चरणों में होगा मतदान, 14 नवंबर को आएंगे नतीजे
-
October 6, 2025: Can the BJP change Delhi’s bad air days?
-
सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश