Newslaundry Hindi
इंडिया टुडे ग्रुप में हुई प्रभु चावला की वापसी
वरिष्ठ पत्रकार प्रभु चावला की एक बार फिर से इंडिया टुडे ग्रुप में वापसी हुई है. ग्रुप की वाइस चेयरमैन कली पुरी ने एक बयान जारी कर कहा हैं कि प्रभु चावला 1 दिसंबर 2020 से ग्रुप में एडिटोरियल कंसल्टेंट के रूप में ज्वाइन करेंगे.
कली पुरी ने कहा, वरिष्ठ पत्रकार पहले भी सीधी बात कार्यक्रम किया करते थे. अब एक बार फिर से वह अपने पुराने शो की तरह ही प्रसिद्ध लोगों का इंटरव्यू करते हुए नजर आएंगे. साथ ही राजनीतिक मुद्दों पर होने वाले डिबेट शो में भी शामिल होंगे.
अपने 40 साल के पत्रकारिता करियर में प्रभु चावला कई समाचार संस्थानों में रहे हैं. वह इंडिया टुडे के संपादक व इंडिया टुडे समूह के संपादकीय निदेशक रह चुके हैं. चावला द न्यू इंडियन एक्सप्रेस और द संडे स्टैंडर्ड के एडिटोरियल डायरेक्टर भी हैं. पत्रकारिता में उनके योगदान के लिए साल 2003 में उन्हें राष्ट्रपति द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.
वरिष्ठ पत्रकार प्रभु चावला की एक बार फिर से इंडिया टुडे ग्रुप में वापसी हुई है. ग्रुप की वाइस चेयरमैन कली पुरी ने एक बयान जारी कर कहा हैं कि प्रभु चावला 1 दिसंबर 2020 से ग्रुप में एडिटोरियल कंसल्टेंट के रूप में ज्वाइन करेंगे.
कली पुरी ने कहा, वरिष्ठ पत्रकार पहले भी सीधी बात कार्यक्रम किया करते थे. अब एक बार फिर से वह अपने पुराने शो की तरह ही प्रसिद्ध लोगों का इंटरव्यू करते हुए नजर आएंगे. साथ ही राजनीतिक मुद्दों पर होने वाले डिबेट शो में भी शामिल होंगे.
अपने 40 साल के पत्रकारिता करियर में प्रभु चावला कई समाचार संस्थानों में रहे हैं. वह इंडिया टुडे के संपादक व इंडिया टुडे समूह के संपादकीय निदेशक रह चुके हैं. चावला द न्यू इंडियन एक्सप्रेस और द संडे स्टैंडर्ड के एडिटोरियल डायरेक्टर भी हैं. पत्रकारिता में उनके योगदान के लिए साल 2003 में उन्हें राष्ट्रपति द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.
Also Read
-
Delhi’s iconic Cottage Emporium now has empty shelves, workers and artisans in crisis
-
In upscale Delhi neighbourhood, public walkways turn into private parking lots
-
Dainik Bhaskar joins the smear campaign against MP’s rural changemakers
-
No surprises in Tianjin show: Xi’s power trip, with Modi and Putin as props
-
सेंट्रल कॉटेज इंडस्ट्रीज एम्पोरियम: कारीगरों और कर्मचारियों पर संकट