Newslaundry Hindi
इंडिया टुडे ग्रुप ने अपने कर्मचारियों के लिए जारी की सोशल मीडिया एडवाइजरी
इंडिया टुडे ग्रुप ने सोशल मीडिया पर क्या लिखना है, क्या शेयर करना और क्या नहीं, इसको लेकर अपने कर्मचारियों के लिए अंतरिम सोशल मीडिया एडवाइजरी जारी की है. ग्रुप की एचआर पूर्वा मिश्रा द्वारा कंपनी के सभी कर्मचारियों को यह मेल भेजा गया है.
इस मेल में लिखा गया हैं कि, “अगर आप इंडिया टुडे के साथ कॉन्ट्रैक्ट में है (फुलटाइम, पार्ट टाइम, कंसलटेंट, रिटेनर या थर्ड पार्टी), तो आप अपने पर्सनल हैंडल का उपयोग केवल उस कंटेंट या प्रचार को पोस्ट करने के लिए कर सकते हैं जो समूह से संबंधित है. और इसका उपयोग प्रिंट, डिजिटल या ऑन-एयर और समूह के हैंडल से किया गया हो.”
“इसका मतलब है कोई जवाब नहीं, कोई रीट्वीट नहीं, जब तक की वह हमारी सामग्री नहीं है, भले ही आपको टैग किया गया हो. यह दिशा निर्देश, तुरंत रूप से प्रभावी हैं और यह समूह के लिए अगले दो महीनों के लिए एक-लाइन सोशल मीडिया पॉलिसी माना जाएगा.
मेल में साफ कर दिया गया हैं कि, इन नियमों के उल्लंघन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी, जो नौकरी से निकालने तक हो सकती है.
मेल में आगे लिखा है, “सोशल मीडिया पर स्वंय नियमन को लेकर विश्व स्तर पर एक रूपरेखा है. हमारा उद्देश्य पत्रकारिता के उच्च मानकों को बनाए रखना है, ताकि सोशल मीडिया पर अनावश्यक विवाद में पड़े बिना ठोस कहानियों को करने और मजबूत सामग्री पर ध्यान केंद्रित कर सके. किसी भी तरह के स्पष्टीकरण के लिए अपने संपादक या एचआर से बात कर सकते है.”
कंपनी के इस मेल को प्रतीक सिन्हा ने भी ट्वीट किया है. कंपनी के कई कर्मचारियों से हमने इस मेल को लेकर पूछा तो सभी ने कहा, कि मेल आया है. हालांकि अभी इसको लेकर ज्यादातर कर्मचारियों को जानकारी नहीं है.
बता दें कि हाल के दिनों में टीआरपी को लेकर रिपब्लिक टीवी और इंडिया टुडे के बीच तीखी बहस चल रही थी. जिसके बाद दोनों चैनलों ने अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट कर एक दूसरे पर निशाना साधा. इस दौरान कंपनी के कई कर्मचारियों ने भी अपने पर्सनल हैंडल से टीआरपी की लड़ाई में ट्वीट किया था.
हाल ही में आजतक की एंकर चित्रा त्रिपाठी की सोशल मीडिया पर योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार से हाथरस मामले को लेकर बहस हो गई थी, इससे पहले भी चैनल के कई पत्रकारों की सोशल मीडिया पर नेताओं और राजनीतिक व्यक्तियों से बहस हो चुकी है.
चित्रा त्रिपाठी के पूरे प्रकरण को समझने के लिए देखे, इस हफ्ते की टिप्पणी.
Also Read
-
Operation Sindoor debate: Credit for Modi, blame for Nehru
-
Exclusive: India’s e-waste mirage, ‘crores in corporate fraud’ amid govt lapses, public suffering
-
4 years, 170 collapses, 202 deaths: What’s ailing India’s bridges?
-
‘Grandfather served with war hero Abdul Hameed’, but family ‘termed Bangladeshi’ by Hindutva mob, cops
-
Air India crash: HC dismisses plea seeking guidelines for media coverage