Newslaundry Hindi
कश्मीरी फोटो जर्नलिस्ट मसर्रत ज़हरा पर ‘राष्ट्र विरोधी’ गतिविधियों के तहत केस दर्ज
पत्रकारों के खिलाफ लगातार होती कारवाईयों के बीच, जम्मू कश्मीर पुलिस ने श्रीनगर स्थित फोटो जर्नलिस्ट मसर्रत ज़हरा के खिलाफ, सोशल मीडिया पर “राष्ट्र-विरोधी” तस्वीरें अपलोड करने के लिए गैरकानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम (यूएपीए) के तहत केस दर्ज किया.
जहरा कश्मीर की दूसरी पत्रकार हैं जिनके खिलाफ कठोर यूएपीए कानून के तहत केस दर्ज किया गया है, इस कानून के तहत सरकार किसी भी व्यक्ति के खिलाफ जांच के आधार पर उसे आतंकवादी घोषित कर मुकदमा चला सकती है. इस कानून के तहत आरोपित व्यक्ति को सात साल तक की जेल हो सकती है. इससे पहले सितंबर 2018 में, कश्मीर नैरेटर के पत्रकार आसिफ सुल्तान को कथित रूप से एक प्रतिबंधित आतंकवादी समूह की मदद करने के आरोप में यूएपीए कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था. उन्हें अभी भी हिरासत में रखा गया है.
इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक बयान में, पुलिस ने दावा कि उन्हें “विश्वसनीय स्रोतों” के माध्यम से जानकारी मिली थी कि जहरा युवाओं को सार्वजनिक शांति के खिलाफ भड़काने और अपराधों को बढ़ावा देने के आपराधिक इरादे के साथ फेसबुक पर लगातार “राष्ट्र विरोधी पोस्ट” डाल रही थी.
ज़हरा एक कुशल पत्रकार है. वह विभिन्न अंतराष्ट्रीय समाचार संगठनों के साथ काम करती हैं. उनके द्वारा ली गई तस्वीरें वाशिंगटन पोस्ट, अल जज़ीरा, कारवां और अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित हुई है.
ज़हरा को शनिवार शाम को संपर्क किया गया और कहा गया कि वह तुंरत पुलिस साइबर सेल के सामने पेश हो. “चूंकि लॉकडाउन होने के कारण और मेरे पास कर्फ्यू पास नहीं था, तो मैंने उन्हें बता दिया मैं तुरंत नहीं आ सकती” जहरा ने स्क्रॉल को बताया. “उन्होंने मुझपर आने के लिए दबाव बनाना शुरु कर दिया, लेकिन मैं नहीं गई. जहरा ने कहा उन्हें एफआईआर के बारे में नहीं बताया गया”.
ज़हरा ने अपने साथी पत्रकारों से मदद के लिए संपर्क किया. “मैंने तुंरत ही मामला वरिष्ठ पत्रकारों और कश्मीर प्रेस क्लब के पदाधिकारियों के नोटिस में ला दिया.” स्क्रॉल ने ज़हरा के हवाले से कहा.
“उसी शाम को मुझे केपीसी के एक सदस्य का फोन आया और उन्होंने मुझे बताया की मामला सुलझ गया है और मुझे आने की जरूरत नहीं है. उन्होंने मुझे कहा की उन्होंने पुलिस के उच्च अधिकारियों से इस मामले में बात की है.”
ज़हरा ने दावा किया कि उन्हें आधिकारिक तौर पर नहीं बताया गया कि उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. “पुलिस ने मुझे एफआईआर के बारे में बताने के लिए फोन नहीं किया था. मुझे अपने सहयोगियों इसके बारे में पता चला,” जहरा ने स्क्रॉल को बताया.
कश्मीर प्रेस क्लब ने पत्रकार के खिलाफ पुलिस द्वारा मामला दर्ज किए जाने की निंदा की है. कश्मीर प्रेस क्लब के महासचिव इश्फाक तांत्री ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अधिकारी अपने काम के लिए पत्रकारों को शिकार बना रहे है.”
Also Read
-
‘No staff, defunct office’: Kashmir Times editor on ‘bizarre’ charges, ‘bid to silence’
-
Is Modi saving print media? Congrats, you’re paying for it
-
India’s trains are running on luck? RTI points to rampant drunk train driving
-
98% processed is 100% lie: Investigating Gurugram’s broken waste system
-
Malankara Society’s rise and its deepening financial ties with Boby Chemmanur’s firms