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कोरोना वायरस: किन बातों का ध्यान रखें मीडियाकर्मी

31 जनवरी, 2020 को डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वायरस से फैलने वाली बीमारी को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया जबकि 28 फरवरी को वैश्विक स्तर पर इसके ख़तरे को 'खतरनाक' से बढ़ाकर 'बहुत खतरनाक' की श्रेणी में शामिल किया.

ट्रिप डॉटकॉम वेबसाइट के अनुसार, कई मुल्कों ने कुछ ख़ास देशों के नागरिकों को अपने यहां आने पर प्रतिबंध लगा दिया है. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, करोना से कुछ अतिप्रभावित क्षेत्रों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. कोरोना वायरस के विस्तार को दर्शाते हुए डब्ल्यूएचओ ने एक नक़्शा जारी किया है जिसे बदलते हालात के साथ निरंतर अपडेट किया जा रहा है. उसे देखने के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

बदलती स्थिति के साथ विभिन्न संगठनों की तरफ से स्वास्थ संबंधी सलाह दिए जा रहे हैं. इन हालात में सतर्क रहने के लिए मीडियाकर्मी डब्ल्यूएचओ, सीडीसी (सेंटर फॉर डिसीज़ कंट्रोल) और पीएचई (पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड) की वेबसाइट देख सकते हैं. जो पत्रकार करोना वायरस संबंधित मामलों की रिपोर्टिंग का इरादा रखते हैं, या कोरोना की आशंका वाले क्षेत्रों में रिपोर्ट के लिए जाना चाहते हैं.

रिपोर्टिंग से पहले

सीडीसी वेबसाइट के अनुसार, बूढ़े लोगों और लंबी बीमारी सेजूझ रहे व्यक्तियों को हाइ रिस्क की श्रेणी में रखा गया है. यदि आप इस श्रेणी में आते हैं, तो आपको कोरोना वायरस के मामलों की रिपोर्टिंग नहीं करने के बारे में विचार करना चाहिए.

● अपने क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था की सभी जानकारी प्राप्त करें. अभी तक साइप्रस, रीयूनियन और यूक्रेन में कुछ छुट-पुट हिंसक घटनाएं सामने आई हैं और कोरोना वायरस फैलने के कारण इराक़ और हांगकांग में पहले से जारी विरोध प्रदर्शन और बदतर रूप धारण कर चुके हैं.

बज़फीड वेबसाइट के अनुसार, कुछ विशेष क्षेत्र के लोगों पर नस्लवादी हमले हुए हैं. इसलिए इन मामलों की रिपोर्टिंग के लिए स्टाफ का चुनाव करते समय इस वास्तविक्ता को ज़रूर ध्यान में रखें. समाज में मौजूद भेदभाव पूर्ण मानसिकता और पूर्वधारणा से हमें सतर्क रहने की ज़रूरत है.

● किसी भी कार्यक्रम में जाने से पहले वहां की स्थिति का पता लगा लें. उदाहरण के लिए, फ्रांस और स्विट्ज़रलैंड जैसे देशों में एक जगह पर एक हज़ार से अधिक लोगों की भीड़ के जमा होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसलिए आप बदलते हालात से अवगत रहें और उसी की रौशनी में अपनी यात्रा की योजना बनाएं.

● गलत सूचना और जानकारी से सतर्क रहें– डब्ल्यूएचओ और बीबीसी ने इसकी सख़्त हिदायत दी है.

● अपनी 'डिजिटल सुरक्षा' का ख्याल रखें. साइबर सुरक्षा कंपनी नॉर्टन के अनुसार, हैकर कोरोना वायरस के बारे में भ्राम कई मेल भेजकर लोगों को निशाना बना रहे हैं.

● कोरोना वायरस से प्रभावित देश की यात्रा करने से पहले सुनिश्चित करें कि आप के ठहरने की जगह के पास इस बीमारी से निपटने के लिए सुविधाएं मौजूद हैं. किसी तरह के संदेह से दूर रहने के लिए आप फ्लू का टीका लगवा सकते हैं.

● अपने मैनेजमेंट टीम से मालूम करें कि अगर आप बीमार हो जाएं तो आप की मदद के लिए उनके पास क्या प्लान तैयार है.

● सभी ज़रूरी चीजें अपने साथ ले जाएं. आजकल के हालात में फेसमास्क, हैंड सैनिटाइजर, साबुन, पैकखाना और टॉयलेट पेपर जैसी चीज़ों की कमी होने की ख़बरें आ रही हैं क्योंकि बहुत से लोग डर की वजह से बड़ी संख्या में ये सामान ख़रीद रहे हैं.

● करोना वायरस के मामलों की रिपोर्टिंग करने के संभावित मानसिक प्रभाव से आगाह रहे. विशेषतौर से आपके दिमाग पर इसका असर उस समय ज़्यादा हो सकता है जब आपको किसी क्लीनिक, अस्पताल, मेडिकल कैंप या मरीज़ को अलग-थलग रखने की जगह पर जाकर रिपोर्टिंग कर नी हो.

● ऐसे मीडियाकर्मी जो ट्रॉमा संबंधित समस्याओं की रिपोर्टिंग करते हैं, उनके लिए 'डॉर्ट सेंटर फॉर जर्नलिज़्म एंड ट्रॉमा' की वेबसाइट पर महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध हैं.

● इस तरह के असाइनमेंट के बारे में आमतौर से आपकी फैमिली चिंतित रहती है. इसलिए आप उनके साथ संभावित ख़तरों के बारे में बातचीत करें. अगर ज़रूरत महसूस हो तो अपने परिवार के लोगों को अपनी कंपनी के मेडिकल एडवाइजर से संपर्क करा दें.

यात्रा योजना

● संभावित आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए योजना तैयार रखें.

● कुछ अर्बन सेंटर्स या फिर पूरे इलाके को तुरंत या केवल शॉर्ट नोटिस पर बंद किया जा सकता है और उसे बाहरी दुनिया से अलग-थलग किया जा सकता है जैसा कि यह स्थिति उत्तरी इटली के कुछ इलाकों और चाइना के हुबेई प्रांतमें देखी जा चुकी है.

● अगर आप बीमार हों तो यात्रा नहीं करें. वैश्विक एंव क्षेत्रीय एयरपोर्ट और दूसरे परिवहन केंद्रों पर हेल्थ स्क्रीनिंग के साधन उपलब्ध करवाए गए हैं. इसलिए किसी क्षेत्र या देश में पहुंचने के बाद यात्रियों को जांच की प्रक्रिया से गुज़रना पड़ सकता है और कुछ संदेह होने पर उन्हें अलग-थलग भी रखा जा सकता है.

● रिफंडेबल फ्लाइट टिकट(जिसे वापस करने के बाद आपके पैसे वापस मिल सकें) खरीदें. आईएटीए वेबसाइट के मुताबिक़, करोना वायरस फैलने की वजह से कई एयरलाइन कंपनियों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है और यह भी कहा जा रहा है कि इस स्थिति ने यूरोप के सबसे बड़े स्थानीय एयरलाइन कंपनी फ्लाइबी के बंद होने में योगदान अदा किया है.

● बता दें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यात्रा करने के अवसर कम हो चुके हैं क्यों कि इटली, चीन, दक्षिण कोरिया और हांगकांग में कुछ जगहों पर फ्लाइट कैंसिल कर दी गई हैं. अगर दूसरे देशों में भी करोना वायरस के मामले ज़्यादा बढ़ते हैं तो और भी फ्लाइट्स कैंसिल होने की संभावना है.

● अपना ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी चेक करें. कुछ सरकारी विभागों की तरफ से इटली, चीन, ईरान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में जाने से संबंधित कई दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं. इन विभागों में अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के विदेश मंत्रालय शामिल हैं.

● जिस क्षेत्र में जाना हो वहां वीज़ा की स्थिति का पता लगाएं. नेपाल, भारत, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, वियतनाम, मोज़ाम्बीक़ और दूसरे देशों ने कुछ मुल्कों के नागरिकों को वीज़ा देने पर प्रतिबंध लगा दिया है.

● बता दें कि कुछ मुल्कों ने कुछ ख़ास देशों के नागरिकों के अपने यहां आने पर प्रतिबंध लगा दिया है या फिर उनके आने पर उन्हें अलग रखने या14 दिन तक के लिए उन्हें चिकित्सक की निगरानी में रखने के आदेश जारी किए हैं. इस तरह के मुल्कों में तुर्की, जापान, ऑस्ट्रेलिया, तुर्कमेनिस्तान, सिंगापुर, इज़रायल, जॉर्डन, मॉरिटानिया और रूस इत्यादि शामिल हैं.

● कई देशों में बाहर से आने वाले यात्रियों के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट दिखाने के आदेश दिए गए हैं जिससे यह पता लगे कि वह करोना वायरस से प्रभावित नहीं हैं. इसलिए कहीं जाने से पहले यह पता लगा ले कि वहां भी यह आदेश लागू तो नहीं हैं? अगर हां, तो अपना मेडिकल सर्टिफिकेट जरूर बनवा लें.

● अपनी यात्रा की एक आसान योजना तैयार करें. एयरपोर्ट पर अतिरिक्त समय लेकर जाएं, ख़ासतौर से एशिया और मध्यपूर्व के क्षेत्रों में, क्योंकि वहां अधिकतर एयरपोर्ट पर हेल्थ स्क्रीनिंग और टेंपरेचर चेकअप की प्रक्रिया से गुज़रना पड़ सकता है. यह स्थिति रेलवे स्टेशन, बंदरगाह और बड़े बस स्टेशन पर भी पेश आ सकती है.

● जिस देश में आप जा रहे हैं वहां जारी किए गए यात्रा संबंधित महत्वपूर्ण आदेशों से अवगत रहें. सऊदी अरब और रूस जैसे देश कुछ ख़ास मूल के नागरिकों को अपने कुछ विशेष एयरपोर्ट और टर्मिनल पर ही आने की इजाज़त दे रहे हैं.

● कुछ सीमाओं के अचानक बंद हो जाने की संभावना से सतर्क रहें. उदाहरण के तौर पर, अभी हाल ही में रूस और मंगोलिया ने चीन से सटी अपनी सीमाओं को बंद कर दिया है. दूसरे देशों ने भी ईरान और कैमरून के साथ लगी सीमाओं को सील कर दिया है. इसके अलावा इज़रायल ने मिस्र, सीरिया और लेबनान के बॉर्डर बंद कर दिए हैं.

● जिस देश में आप जा रहे हैं वहां के स्थानीय अखबार या वेबसाइट पर नज़र रखें ताकि वहां के शहरों में लागू किए जाने वाले प्रतिबंधों की ख़बर आपको मिलती रहे.

● अगर आप किसी क्लीनिक, अस्पताल, मेडिकल कैंप, जानवरों के बाजार या खेत में जा रहे हों तो वहां सफाई से संबंधित व्यवस्थाओं की जानकारी हासिल करें. अगर कोई संदेह हो तो वहां नहीं जाएं.

इन्फेक्शन से बचाव के तरीक़े

● ऐसे व्यक्ति के नज़दीक जाने से बचें जो सांस संबंधी बीमारियों जैसे सर्दी और खांसी से जूझ रहा हो. छींकने और खांसते समय नाक और मुंह पर हाथ रखें.

● नियमित रूप से अपने हाथों को गर्म पानी और साबुन से धोएं.

● अगर गर्मपानी और साबुन नहीं हो एंटी बैक्टीरियल जेल या वाइप इस्तेमाल करें लेकिन उसके बाद जितना जल्दी संभव हो गर्म पानी और साबुन से हाथ धोलें.

● किसी प्रभावित स्थान पर जाने से पहले अपने हाथों में सुरक्षात्मक दस्ता ने पहन लें. बचाव के लिए दूसरी चीजें जैसे बॉडीसूट और फेसमास्क भी पहनने की ज़रूरत पड़ सकती है.

● केवल पका हुआ गोश्त और अंडा खाएं.

● किसी प्रभावित क्षेत्र के अंदर गीले खेतों और बाजारों में नहीं जाए. जानवरों (जीवितयामृत) या उनके वातावरण के सीधे संपर्क में आने से बचें. ऐसी जगह को ना छुए जिसमें जानवर की लीद मिली हुई हो.

● अगर आप क्लीनिक, अस्पताल, बाजार या खेत में काम कर रहे हों तो अपना सामान फर्श पर कभी नहीं रखें. सूक्ष्म जीव निवारक वाइफ (जैसे Melisptol) के जरिए अपने सामान को साफ करें.

● अगर आप बाजार, खेत या किसी और प्रभावित जगह पर काम कर रहे हों तो डिस्पोज़ेबल चप्पल जूते या वाटर प्रूफ मोज़े इस्तेमाल करें और उस जगह से बाहर निकलते ही उन्हें साफ करें. अगर आप वाटर प्रूफ मोज़े इस्तेमाल कर रहे हैं तो उस जगह से बाहर आने से पहले उन्हें निकाल दें.

● जानवरों के पिंजड़े या संदेहास्पद जानवरों के अहाते के नज़दीक आने से बचें. अगर आपको कोई जानवर काट ले तो जल्द से जल्द डॉक्टर के पास जाएं.

● उस वक़्त आप खाना-पीना बिल्कुल नहीं करें जब आप किसी जानवर को छू रहे हों या किसी बाज़ार, खेत के क़रीब या उसके अंदर हों.

● किसी प्रभावित स्थान से बाहर निकलने से पहले और उसके बाद अपना हाथ गर्म पानी और साबुन से ज़रूर धोएं.

● अगर आपको बुखार या सांस में तकलीफ के लक्षण नज़र आ रहे हों तो उस समय इस बारे में अच्छी तरह विचार कर लें कि आप अपना इलाज कहां कराएंगे. सरकारी स्वास्थ केंद्र आपको अलग-थलग रहने के लिए कह सकते हैं ताकि आपकी वजह से दूसरे प्रभावित नही हों. किसी (करोना वायरस से) अति प्रभावित देश के अंदर भीड़ भाड़ वाले क्लीनिक और अस्पतालों में मरीज़ों के संपर्क में आने का ख़तरा बना रहता है और इस तरह वहां जाने से दूसरों की बीमारी से प्रभावित होने की आशंका होती है. इसलिए इस तरह की जगहों पर जाने से पहले एक बार अच्छी तरह से सोच लें.

● स्थानीय प्रबंधन की तरफ से जारी किए गए दिशा निर्देशों पर हमेशा अमल करें.

फेस मास्क का इस्तेमाल

सीडीसी और डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि जिन लोगों के अंदर करोना वायरस के लक्षण नज़र नहीं आते उनके लिए फेस मास्क पहनना जरूरी नहीं है. कुछ विशेष स्थिति में स्थानीय प्राधिकरण की तरफ से आपको फेस मास्क पहनने के लिए कहा जा सकता है, जैसे कि अगर आप अस्पताल जैसे किसी संवेदनशील जगह पर हों या उसवक़्त जब आप करोना वायरस के किसी संदिग्ध मरीज़ की देखभाल कर रहे हों.

● सर्जिकल मास्क पर N95 (या FFP2/FFP3) मस्क को तरजीह दिया जाता है.

● इस बात को सुनिश्चित करें कि मास्क आप के दाढ़ी और नाक के बीच ठीक तरह से बैठ रहा हो. इसके अलावा चेहरे पर उगे बालो को काट लें.

● मास्क को छूने से बचें. उसे निकालते वक्त उसकी पट्टी पकड़कर खोलें. उसके ऊपरी हिस्से पर कभी भी हाथ नहीं लगाएं.

● मास्क निकालने के बाद हमेशा अपना हाथ साबुन और गर्म पानी से धोएं या ऐसे हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें जिसमें अल्कोहल (कम से कम 60 फीसदी) मिला हुआ हो.

● जब मास्क गीला हो जाए तो उसे निकाल दें और कोई नया और साफ सुथरा मास्क पहनें. इस्तेमाल हो चुके मास्क को दोबारा उपयोग नहीं करें और उसे निकालने के बाद तुरंत किसी बंद बैग के अंदर डालें.

● याद रखें कि मास्क इस्तेमाल करना सुरक्षा उपायों में से एक है. इसके अलावा अपने नाक मुंह नहीं छूना और नियमित रूप से हाथ धोते रहना भी उन उपायों में शामिल हैं.

● कॉटन या गॉज़ मास्क इस्तेमाल नहीं करें.

● बता दें की ऐसी स्थिति में मास्क की सप्लाई में कमी हो सकती है और उसके दाम में बढ़त भी हो सकती है.

रिपोर्टिंग के बाद

● प्रभावित देश या किसी विशेष जगह (जैसे चिकित्सा संबंधी स्थान, बाज़ार या खेत) से लौटने के बाद अपने स्वास्थ की जांच करें. वापसी के 14 दिनों के अंदर अगर बीमारी के लक्षण नज़र आएं तो डॉक्टर से संपर्क करें और उनको अपनी यात्रा के बारे में बताएं और साथी ही बीमारी से संबंधित सभी आशंकाओं की चर्चा करें.

● अगर आपको बीमारी के लक्षण महसूस हों तो आप अपनी कंपनी और मैनेजमेंट टीम को इसके बारे में बताएं. इस बात के लिए तैयार रहें कि आपको अलग-थलग रहने की ज़रूरत पड़ सकती है. अपनी कंपनी से बातचीत करें और अगर मुमकिन हो तो कुछ दिनों के लिए ऑफिस से बाहर रह कर काम करने की इजाज़त ले लें.

● अगर आपको अलग-थलग रहने की ज़रूरत पड़े तो अपने लिए ज़रूरी सामान खरीदने की एक योजना तैयार करें और उसके लिए अपने नज़दीकी लोगों और दोस्तों का सहारा लें. किसी (करोना वायरस से) अति प्रभावित देश से लौटने के कम से कम 14 दिनों तक आप किसी पब्लिक ट्रांसपोर्ट या टैक्सी का इस्तेमाल नहीं करें.