Newslaundry Hindi
फिल्मी कारोबार को लगा कोरोना का टोना
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के कारोबार पर कोरोना का असर साफ दिख रहा है. पहले केरल, जम्मू और कश्मीर और फिर दिल्ली में सिनेमाघरों के बंद होने से घबराए कारोबारी अभी कोई रणनीति तय करते इसके पहले ही दूसरे शहरों के सिनेमाघरों के बंद होने की खबरें आने लगी हैं. तेजी से फैल रही महामारी के मद्देनजर सरकारी हिदायतों को मानते हुए समूह और भीड़ के सभी अवसरों व आयोजनों को रद्द किया जा रहा है. अंदेशा है कि जल्दी ही नए शहरों और राज्यों में भी फिल्मों के प्रदर्शन पर आकस्मिक पाबंदी लग जाए. हालांकि मुंबई के वितरक और प्रदर्शक दर्शकों की सेहत की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दे रहे हैं. वे हर शो के बाद थिएटर की मेडिकल सफाई के साथ बाकी सुविधाएं भी मुहैया करवा रहे हैं. बीच में एक वितरक का बयान आया कि व्यक्तियों और समूहों को दो-तीन सीटों का गैप देकर टिकट दिया जाएगा. अमेरिका के कुछ सिनेमाघरों में दर्शकों को बिठाने की क्षमता का पचास प्रतिशत टिकट ही बेचने का प्रयोग किया गया है, ताकि सिनेमाघरों में भीड़ ना बढ़े.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सिनेमाघरों को बंद रखने की घोषणा की तो निर्माता, वितरक और प्रदर्शक सावधान हो गए. हिंदी फिल्मों के कारोबार और कलेक्शन के लिहाज से दिल्ली दूसरी बड़ी टेरिटरी है. यही कारण है कि दिल्ली में सिनेमाघरों के बंद होने की घोषणा के साथ रोहित शेट्टी पिक्चर्स ने ‘सूर्यवंशी’ की रिलीज रद्द कर दी. कंपनी ने बयान जारी किया कि कोरोना वायरस के फैलने की वजह से ‘सूर्यवंशी’ की रिलीज आगे बढ़ा दी गई है. बयान के मुताबिक दर्शकों की सेहत सुरक्षा ज्यादा जरूरी है.
अब ‘सूर्यवंशी’ सही समय आने पर रिलीज होगी. फिल्म की रिलीज से पहले 9 मार्च को ‘सूर्यवंशी’ का एक गाना लांच किया जाना था. वह कार्यक्रम भी रद्द हो गया था. केवल इरफान की फिल्म ‘अंग्रेजी मीडियम’ के निर्माता दिनेश विजन ने हिम्मत और जोखिम का काम किया. उन्होंने निर्धारित रिलीज़ तारीख 13 मार्च को ‘अंग्रेजी मीडियम’ रिलीज कर दी. मुंबई के ट्रेड सर्किल में कहा जा रहा है कि फिल्म पर निर्माता का बड़ा दांव नहीं लगा है. दूसरे फिल्म के अच्छे रिव्यू नहीं आए. अच्छी रिपोर्ट ना होने से ‘अंग्रेजी मीडियम’ की चलने की संभावना भी कम थी. ऐसी स्थिति में निर्माता के पास बहाना होगा कि कोरोना की वजह से दर्शक सिनेमाघरों में नहीं आए.
पिछले 6 मार्च को रिलीज हुई अहमद खान की फिल्म ‘बागी 3’ को पहले दिन 2020 की सबसे बड़ी ओपनिंग मिली, लेकिन अगले दिन ही फिल्म फिसल गई. समीक्षकों के रिव्यू अच्छे नहीं आए थे और पहले दिन दर्शकों की प्रतिक्रिया भी पॉजिटिव नहीं थी, इसलिए ‘बागी 3’ के कलेक्शन में गिरावट आई. निर्माता और ट्रेड पंडित बता रहे हैं कि कोरोनावायरस की वजह से फिल्म का कारोबार प्रभावित हुआ है. उन्हें ‘फेस सेविंग’ का बहाना मिल गया है. वीकेंड में दर्शकों में अप्रत्याशित रूप से 20 से 30 प्रतिशतकी गिरावट आई. इस गिरावट को कोरोना के मत्थे मढ़ दिया गया.
हम सभी जानते हैं कि ट्रेड पंडित निर्माता और प्रोडक्शन हाउस का रसूख देखकर आंकड़ों की व्याख्या करते हैं. उन सभी के निहित स्वार्थ होते हैं. फिर भी यह तथ्य है कि सिनेमाघर बंद होने और सिनेमाघरों में दर्शकों के नहीं पहुंचने से कलेक्शन में कमी आई है. ‘बागी 3’ के बारे में कहा जा रहा है कि यह फिल्म अपेक्षा से कम कारोबार कर सकी. सिर्फ दिल्ली के सिनेमाघरों में ‘अंग्रेजी मीडियम’ के न चलने से घाटे की रकम तीन करोड़ा आंकी जा रही है.
हिंदी फिल्मों में ‘सूर्यवंशी’ के बाद ‘सर’, ‘83’ और ‘कुली नंबर 1’की रिलीज भी खिसकने की खबरें हैं. शनिवार की शाम को यशराज फिल्म्स की दिबाकर बनर्जी की ‘संदीप और पिंकी फरार’ की रिलीज भी आगे बढ़ा दी गई. अगर दिल्ली, मुंबई समेत देश के दूसरे शहरों के भी सिनेमाघर बंद रहेंगे तो विदेशी फिल्मों की भी रिलीज टलेगी.
जेम्स बॉन्ड सीरीज की ताजा फिल्म की रिलीज पहले ही बढ़ाकर नवंबर में कर दी गई है. हॉलीवुड की दूसरी फिल्मों की तारीखें भी बढ़ेंगी. ऐसा कहा जा रहा है कि अगर अप्रैल से सिनेमाघर खुल भी गए तो फिल्मों की विलंबित रिलीज का क्रम बिठाने में निर्माताओं, वितरकों और प्रदर्शकों को भारी माथापच्ची करनी पड़ेगी. अनिश्चय की इस घड़ी में कुछ भी अनुमान लगाना मुमकिन नहीं है. सिनेमाघरों के खुलने के बाद बड़ी फिल्मों के सितारों को भी अपने अहंको किनारे रखकर रिलीज की तारीखें आगे-पीछे करनी पड़ेंगी. पॉपुलर स्टार और बैनर नहीं चाहेंगे कि उनकी फिल्में थोड़े अंतराल पर जल्दी से रिलीज हो. मसलन ‘सूर्यवंशी’ और ‘83’ रिलायंस की फिल्में हैं. रिलायंस चाहेगा कि उसकी दोनों फिल्मों को बॉक्स ऑफिस पर सांस लेने का पर्याप्त समय मिले. उनके बीच अंतर रहे.
फिल्मों की रिलीज के अलावा कोरोना प्रभावित या आशंका वाले क्षेत्रों में चल रही और नियोजित शूटिंग स्थगित हो रही है. कार्तिक आर्यन और कियारा आडवाणी की फिल्म ‘भूल भुलैया’ का लखनऊ शेड्यूल रद्द कर दिया गया है. मुंबई के बाहर गई फिल्म यूनिट अनेक कारणों से शूटिंग समेट कर लौट आना चाहती हैं. ऐसे नाजुक समय में सभी अपने परिजनों के साथ या आसपास रहना चाहते हैं. कोरोना के फैलाव पर गौर करें तो फिल्मों की शूटिंग की अफरा-तफरी और अव्यवस्था अनेक फिल्मकर्मियों को अपना शिकार बना सकती है. सफाई और निगरानी के बावजूद सेट और लोकेशन पर हड़बोंग मचा रहता है. लोगों की अनियंत्रित आवाजाही लगी रहती है. ऐसे में सतर्कता के बावजूद सभी पर नजर रखना या उन्हें सुरक्षा प्रदान करना संभव नहीं होता.
बाहरी लोकेशन के साथ ही मुंबई के स्टूडियो फ्लोर पर चल रही शूटिंग भी स्थगित की जा रही है या फिर उन्हें इस तरह से शेड्यूल किया जा रहा है कि स्टूडियो में भीड़ ना हो.
फिल्म व्यापार से जुड़े लोगों का मानना है कि रिलीज टलने से कम से कम 400 से 500 करोड़ के कारोबार पर तत्काल असर पड़ा है. शूटिंग के स्थगन और रिलीज़ की तारीखें बढ़ने का प्रभाव भी होगा. अगले दो महीनों में कुछ बड़ी फिल्मों के साथ 10 से अधिक फिल्में रिलीज होनी हैं. बड़ी फिल्मों का वीकेंड का औसत कलेक्शन 50 करोड़ भी मान लें तो 8 हफ्तों में 400 करोड़ का गुणनफल दिखता है. फिल्मों के सीधे कारोबार के अलावा बाकी सहयोगी और आनुषंगिक कार्य व्यापार भी प्रभावित होंगे. मल्टीप्लेक्स के दरवाजे बंद होने से उनका धंधा ठप पड़ जाएगा. मल्टीप्लेक्स से जुड़े दुसरे कारोबार भी बंद होंगे.
ऑनलाइन स्ट्रीमिंग में तेजी
मुसीबत की इस घड़ी में भी एकसिल्वर लाइन दिख रही है. सिनेमाघर बंद होने या दर्शकों के घर बैठने का फायदा स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म को होगा. मनोरंजन की भूख मिटाने के लिए दर्शक ओटीटी प्लेटफॉर्म के शोज़ और फिल्मों का सहारा लेंगे. बहुत मुमकिन है कि इनके सब्सक्राइबर तेजी से बढ़ें. यह भी हो सकता है कि स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म निर्माताओं को लालच दें कि वे अपनी फिल्मों की स्ट्रीमिंग के बारे में सोचें. थियेटरों में रिलीज न कर पाने की स्थिति में वे इन प्लेटफार्म का उपयोग कर सकते हैं. यह मौकेका प्रयोग करने और आंकने के लिए उचित होगा. पता चलेगा कि दर्शक ओरिजिनल कंटेंट और फिल्मों के लिए कितने उत्सुक हैं और क्या वे इस मद में खर्च करने के लिए तैयार हैं?
Also Read
-
Encroachment menace in Bengaluru locality leaves pavements unusable for pedestrians
-
Delays, poor crowd control: How the Karur tragedy unfolded
-
एनडीटीवी ने डिलीट की रेलवे हादसों की स्टोरी पर की गई एक्स पोस्ट
-
Garba nights and the death of joy
-
Anxiety and survival: Breaking down India’s stampedes