Newslaundry Hindi
कोरोना वायरस: वैश्विक महामारी बनने का संदेह
एक ओर जहां दुनिया भर में कोरोना वायरस के फैलने का भय बना हुआ है वहीं दूसरी ओर भारत में अभी तक कमोबेस इस वायरस के संक्रमण से बचा हुआ है. हालांकि केरल में इसके दो संदिग्ध मामले सामने आने की पुष्टि हुई है. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ताजा जानकारी के मुताबिक अब तक 27 नमूनों को जांचा जा चुका है, इनमें से सभी निगेटिव पाए गए हैं, जिसका मतलब है कि संबंधित व्यक्ति कोरोना वायरस से ग्रसित नहीं है. इन सभी नमूनों की जांच पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी में की जा रही है.
इससे पहले 27 जनवरी, 2019 को विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि नोवेल कोरोनावायरस (2019- सीओवी) का कहर बहुत जल्द ही वैश्विक महामारी में बदल सकता है. यह चेतावनी हांगकांग यूनिवर्सिटी के पब्लिक हेल्थ मेडिसिन के प्रमुख गैब्रिएल ल्यूंग ने चीन के प्राधिकरण, विश्व स्वास्थ्य संगठन और मीडिया को दी गई अपनी चौंकाने वाली रिपोर्ट में दी है.
गैब्रियल ल्यूंग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चीन के वुहान से जुड़े हुए शहरों में स्थानीय स्तर की महामारी विकसित होने की संभावना बनी हुई है क्योंकि जो भी वुहान शहर से इधर-उधर गए हैं उनमें मानव से मानव में पहुंचने वाला वायरस मरने के बजाए जिंदा ही बने हुए हैं. आमतौर पर मानव से मानव में पहुंचने वाले वायरस की मृत्यु हो जाती थी, जिससे वह आगे नहीं फैल पाता था.
ल्यूंग के मुताबिक वुहान शहर से शुरु हुई यह समस्या कम से कम बीजिंग, गुआनझाउ, शंघाई शहरों तक फैल सकती है. उन्होंने बताया कि वुहान में कोरोना वायरस से जुड़े कुल 44,000 मामले हो सकते हैं. ल्यूंग ने कहा कि यदि यह महामारी इन शहरों में ठहरी तो फिर यह दुनिया के दूसरे हिस्सों में भी पहुंच जाएगी क्योंकि यह शहर दुनिया के दूसरे हिस्सों से काफी अच्छे से जुड़े हुए हैं.
उन्होंने चेताया है कि संक्षेप में यह समझा जाना चाहिए कि नए कोरोना वायरस के साथ यह महामारी दुनिया में फैल रही है. रिपोर्ट में उन दो संभावनाओं पर भी रोशनी डाली गई है कि यदि शहरों को चारो तरफ से बंद कर दिया जाए और यदि न किया जाए तो कुल मामलों पर क्या फर्क पड़ सकता है? गणना में बताया गया कि दोनों ही स्थितियों में कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या बराबर रहती.
ल्यूंग कहते हैं कि जैसा हम सोचते हैं कि तमाम शहरों को बंद किए जाने से इस समस्या पर लगाम लगेगी लेकिन ऐसा करने से भी प्रमुख शहरों में महामारी को फैलने से रोका नहीं जा सकता है. ऐसा नहीं है कि यह कदम अप्रभावी है लेकिन यह उपाय प्रमुख शहरों में महामारी को कम करने या उसमें बदलाव के लिए किसी तरह का नतीजा नहीं प्रदर्शित करती हैं. हालांकि, उन्होंने महामारी के वैश्विक परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए अपनी सिफारिशों में कुछ उपाय सुझाए हैं जो कि बेहद कठोर हैं.
मसलन समूह को एकत्र न होने दिया जाए. स्कूल बंद किए जाएं. घर से ही बैठकर काम करने को कहा जाए. उन्होंने दोबारा यह कहा है कि इस वायरस के बारे में हमारी जानकारी काफी कम है. वैश्विक स्तर पर कुल 4,474 मामलों की पुष्टि हो चुकी है वहीं संबंधित वायरस के कारण 107 मौतें हो चुकी हैं. वहीं, कनाडा की सरकार ने 27 जनवरी को अपने पहले मरीज की पुष्टि की है. संयुक्त राज्य अमेरिका में भी तीन और नए नामों की पुष्टि की गई है. यह सभी मरीज जल्दी ही वुहान से अमेरिका लौटे हैं.
वहीं, चीन से बाहर हांगकांग में 8, थाईलैंड में 8, ताईवान में 5, मकाऊ में 6, यूएस में 5, ऑस्ट्रेलिया में 5, जापान में 4, मलेशिया में 4, सिंगापुर में 5, फ्रांस में 3, दक्षिण कोरिया में 4, वियतनाम में 2, कनाडा में 1, नेपाल में 1, श्रीलंका में 1, कंबोडिया में 1, जर्मनी में 1, ऑइवरी कॉस्ट में एक मामला पाया गया है. श्रीलंका, जर्मनी और आइवरी कोस्ट में 27 जनवरी को पहले मामले की पुष्टि की गई है. वहीं, इक्वाडोर में पहला संदेहास्पद मामला सामने आया है. बीजिंग में पुष्टि वाले मामलों की संख्या बढ़कर 80 पहुंच गई है. बीजिंग में कोरोना वायरस से पहले मौत की भी पुष्टि कर दी गई है.
27 जनवरी को जारी प्रेस रिलीज में लंदन के इंपीरियल कॉलेज ने कहा है कि मानव से मानव में पहुंचने वाला 2019-सीओवी के मानव में टिके रहने की संभावना है. कुछ मामलों में व्यक्ति या समूह को संक्रमित करने के बाद वायरस की मृत्यु हो जाती है. हालांकि यह टिके रहने वाला संक्रमण नहीं है. इंपीरियल कॉलेज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि हमारा अनुमान है कि यह नया सस्टेंड यानी टिकने वाला वायरस औसतन एक से 2.6 लोगों तक पहुंच कर संक्रमित कर सकता है.
इससे पहले अनुमान लगाया गया था कि वुहान से दुनिया भर में कुल 4000 मामले सामने आ सकते हैं. कोरोना वायरस के लक्षण 18 जनवरी से दिखाई देना शुरु हुए थे और सार्स के लक्षणों से इसमें भिन्नता पाई गई थी. कोरोना वायरस के लक्षण इतने मामूली हैं जिस पर नजर बनाए रखना भी बहुत जरूरी है. मसलन सर्दी-खांसी, हल्का बुखार, नाक बहना आदि इसके शुरुआती लक्षण हैं.
डब्ल्यूएचओ ने मामला सामने आने के बाद एक लंबी बैठक के बाद इसे वैश्विक स्तर पर लोगों के लिए आपातकालीन स्थिति मानने से मना कर दिया है.
(डाउन टू अर्थ की फीचर सेवा से साभार)
Also Read
-
TV Newsance 325 | Indigo delays, primetime 'dissent' and Vande Mataram marathon
-
The 2019 rule change that accelerated Indian aviation’s growth journey, helped fuel IndiGo’s supremacy
-
You can rebook an Indigo flight. You can’t rebook your lungs
-
‘Overcrowded, underfed’: Manipur planned to shut relief camps in Dec, but many still ‘trapped’
-
Since Modi can’t stop talking about Nehru, here’s Nehru talking back