Newslaundry Hindi
त्रेता युगीन भारत में ‘हिन्दुस्तान’ की ऐतिहासिक रिपोर्ट
अयोध्या में दीपोत्सव की रिपोर्टिंग ने पत्रकारिता में नए मानक स्थापित किए हैं. यह रिपोर्ट हमें सीख देती है कि अगर सामने भगवान आ जाएं तो उनकी रिपोर्टिंग की शब्दावलियां क्या होंगी. हिन्दुस्तान अख़बार में छपी आदर्श शुक्ल की यह रिपोर्ट पुलित्ज़र कमेटी को भेजी जानी चाहिए. कोलंबिया स्कूल ऑफ जर्नलिज़्म में इसका अध्ययन होना चाहिए. आदर्श ने उस बात की रिपोर्टिंग की है जो उन्हीं के शब्दों में “सिर्फ महसूस किया जा सकता था, बयां करना मुश्किल था.” भारत में जहां भी पत्रकारिता की पढ़ाई होती है वहां क्लास रूम में इस रिपोर्ट को फ्रेम कर टांग देना चाहिए ताकि युवा पीढ़ी इससे सीखे.
हिन्दुस्तान के संपादक का भी शुक्रिया जो उन्होंने आदर्श शुक्ल को बाइलाइन दी है. वैसे तो अयोध्या के दीपोत्सव पर तीन ख़बरें हैं, लेकिन बाइलाइन सिर्फ आदर्श शुक्ल की रिपोर्ट को मिली है.
हिन्दी का पत्रकार मजबूरी में नौकरी न करे तो उसे भगवान के स्वरूपों की रिपोर्टिंग का सौभाग्य ही प्राप्त न हो. इसलिए हिन्दी के पत्रकारों को प्रार्थना करनी चाहिए कि उन्हें मजबूर करने वाला संपादक मिले. मजबूरी में ही मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है. कई बार संपादक की मजबूरियां रिपोर्टर को आकाश की ऊंचाई प्रदान करती हैं. मुझे यकीन है कि हिन्दुस्तान अख़बार के न्यूज़ रूम में इस रिपोर्ट पर हर न्यूज़ एडिटर गौरवान्वित महसूस कर रहा होगा. इस रिपोर्ट का अंग्रेज़ी अनुवाद कर हिन्दुस्तान टाइम्स के प्रथम पृष्ठ पर प्रकाशित करना चाहिए. अफ़सोस बस इतना है कि इसे पेज नंबर 7 पर जगह दी गई है. पर प्रभु श्री राम, स्थान में हुई इस चूक के लिए संपादक और मालिक और आदर्श शुक्ल तीनों को माफ करेंगे. प्रभु श्री राम जहां होते हैं वहीं प्रथम पृष्ठ हो जाता है.
मैं इस ऐतिहासिक रिपोर्ट को शब्दश: टंकित कर रहा हूं ताकि आप सभी इसे पढ़कर पुण्य प्राप्त करें. जो इस प्रकार है-
पुष्पक विमान से प्रभु श्रीराम व सीता का हुआ अवतरण, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक किया
अयोध्या में उतर आया त्रेतायुग
अयोध्या, आदर्श शुक्ल
राम की नगरी अयोघ्या में दीपोत्सव के दौरान त्रेतायुग जीवंत हो उठा. पुष्पक विमान रूपी हेलीकाप्टर से प्रभु श्रीराम और सीता के स्वरूपों का अवतरण हुआ. इस दौरान हेलीकाप्टर के माध्यम से पुष्प वर्षा होती रही. हर तरफ शंख ध्वनि के मध्य जय श्रीराम का उद्घोष शुरू हो गया. सब कुछ बेहद अद्भुत रहा. इस दृश्य को सिर्फ महसूस किया जा सकता है, बयां करना मुश्किल है.
अयोघ्या के रामकथा पार्क में बनाये गए हेलीपैड पर शाम चार बजे पुष्पक विमान रूपी हेलीकाप्टर से भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण के स्वरूपों का अवतरण हुआ. भगवान के स्वरूपों की आगवानी के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ दीपोत्सव की मुख्य अतिथि फिजी गणराज्य के संसद की उप सभापति और महिला एवं बाल विकास मंत्री वीना कुमार भटनागर, केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल समेत कई विशिष्ट विभूतियां मौजूद रहीं. सर्वप्रथम हेलीपैड पर मुख्यमंत्री समेत अन्य विशिष्ट विभूतियों ने भगवान के स्वरूपों का माल्यार्पण कर स्वागत किया. इसके बाद उन्हें अपने साथ लाकर पास में ही खड़े रथ पर विराजमान किया. भगवान के स्वरूप रथ से और मुख्यमंत्री समेत अन्य विशिष्ट अतिथिगण पैदल ही रामकथा पार्क के मुख्य मंच पर पहुंचे.
मुख्यमंत्री श्री योगी ने प्रभु राम व सीता समेत अन्य स्वरूपों को मंच पर रखे गए सिंहासन पर विराजमान किया. इसके बाद मुख्यमंत्री ने श्रीरामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत श्री नृत्यगोपाल दास के साथ भगवान के स्वरूपों की आरती उतारी. इस कड़ी में अन्य विशिष्ट विभूतियों ने भी आरती उतारी. विशिष्ट अतिथियों के बाद संतों, उपमुख्य मंत्रियों, मंत्रियों और अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी भगवान के स्वरूपों की आरती उतारी. सायं 4.30 बजे के करीब वह क्षण आया जिसका रामकथा पार्क में मौजूद खास मेहमानों के साथ हज़ारों की संख्या में श्रद्धालुओं की बेसब्री से इंतज़ार था. मुख्यमंत्री श्री योगी के साथ महंत नृत्यगोपाल दास ने प्रभु श्री राम का राज्याभिषेक किया. मुख्यमंत्री ने तिलक लगातर माल्यार्पण किया.
इस तरह तीन पैराग्राफ की यह संक्षिप्त रिपोर्ट समाप्त होती है.
इसे मैंने आप पाठकों की सुविधा के लिए टाइप किया है. व्यक्तिगत कारणों से. ताकि मैं भी टाइप करते हुए उस त्रेतायुग का दर्शन कर पुण्य प्राप्त कर सकूं जिसका विवरण अपने संपादक के निर्देशन पर आदर्श शुक्ल ने किया है. राष्ट्रीय अस्मिता के प्रतीक राम के स्वरुप का स्वागत मुख्यमंत्री स्तर के नेता से कराया गया. कायदे से यहां प्रधानमंत्री और गृहमंत्री सभी को होना चाहिए था. ख़ैर. 133 करोड़ के छोटे से बजट में 5 लाख से अधिक दीयों को रौशनी देकर गिनिज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड भी बनाना था. मैं योगी आदित्यनाथ की मितव्ययिता की सराहना करता हूं. 33 करोड़ देवी-देवताओं के मुल्क में श्रीराम के अयोध्या स्वागत का बजट मात्र 133 करोड़ ही रखा. वे चाहते तो राज्य का पूरा बजट की समर्पित कर श्रीराम के आने के बाद वनवास चले जाते.
भारत चूंकि त्रेतायुग में लौट चुका है तो उसके लिए योग्य संवाददाताओं की भी तलाश है. त्रेतायुग की रिपोर्टिंग करने की योग्यता हर किसी में नहीं हो सकती. जिस पवित्रता से अख़बार ने प्रभु श्रीराम के स्वरूपों के स्वागत का वर्णन किया है वह वाक़ई श्रेष्ठ है. सकारात्मक है.
Also Read
-
TV Newsance 250: Fact-checking Modi’s speech, Godi media’s Modi bhakti at Surya Tilak ceremony
-
What’s Your Ism? Ep 8 feat. Sumeet Mhasker on caste, reservation, Hindutva
-
‘1 lakh suicides; both state, central govts neglect farmers’: TN farmers protest in Delhi
-
Reporters Without Orders Ep 319: The state of the BSP, BJP-RSS links to Sainik schools
-
सूरत का सूरत-ए-हाल: नामांकन के दिन ही ‘फिक्स’ था चुनाव