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मुंबई में एक परिवार को दिवाली मनाने से रोके जाने का मामला, क्या है पूरा विवाद
26 अक्टूबर की रात जहां देश भर के अलग-अलग शहरों में लोग छोटी दिवाली मना रहे थे, तब मुंबई से एक ऐसी खबर आई जो खुशगवार नहीं कही जा सकती. 32 साल की प्रियंका शर्मा का दावा था कि उन्हें उनके ही घर में दिवाली मानाने से रोका गया.
शाम से अपने घर को सजाने की कवायद में लगी प्रियंका को ऐसा इसलिए लगा क्योंकि उनके मुताबिक उनके ही बिल्डिंग के कुछ लोगों ने घर के बाहर रौशनी की सजावट करने से सिर्फ मना ही नहीं किया बल्कि कथित तौर पर की गई सजावट से तोड़फोड़ की . प्रियंका के मुताबिक उनका घर मुस्लिम बाहुल्य इलाके में है.
न्यूज़लॉन्ड्री से बात करते वक़्त मुंबई के मालाड उपनगर के मालवणी इलाके में रहने वाली प्रियंका कहती हैं, “रात के तकरीबन साढ़े आठ बज रहे थे. दिवाली की सजावट के लिए मैंने अपने घर के बाहर रंगोली बनाई और घर के दरवाज़े पर एक रोशनी की झालर टांग दी थी. करीब आधे घण्टे बाद मेरी पड़ोसी मेरे घर के बाहर आई और दरवाज़े के बाहर लगी रौशनी की झालर निकालने के लिए बोलने लगीं. वह कहने लगी रौशनी की झालर से मेरे बच्चे को करंट लग रहा है, इसे निकालो. मैंने उनसे कहा कि झालर मैंने अपने घर के बाहर लगाई है ना कि उनके. साल में एक बार त्यौहार आता है. मैं झालर नहीं निकालूंगी.”
प्रियंका आगे कहती हैं, “मैंने उनसे कहा कि ईद के वक़्त हमारे घर के दरवाज़े के बाहर बकरे कटते हैं लेकिन मैंने कभी भी कोई शिकायत नहीं की और करनी भी नहीं चाहिए क्योंकि ईद भी त्यौहार है और त्यौहार में कभी भी खलल पैदा नहीं करना चाहिए. काफी समझाने के बाद जब वह नहीं मानी तो हमारे बीच बहस हो गयी. मैंने उन्हें झालर निकालने के लिए सख्ती से मना कर दिया. थोड़ी देर बाद वह सोसाइटी के 10 से 15 लोगों के साथ मेरे घर पर आ गई. वे लोग कहने लगे कि दिवाली मनाने का कुछ दूसरा तरीका सोचो और लाइट मत लगाओ. इस तरह रौशनी की झालर लगा के त्यौहार मत मनाओ. जब मैंने सख्ती से उनकी इस बात का विरोध किया तो उन्होंने रौशनी की झालर को तोड़ना शुरू कर दिया और रंगोली को भी मिटा डाला.”
इस विवाद के बाद प्रियंका और उनके पति विश्वभानु शर्मा, जो पेशे से फिल्म कलाकार हैं, ने इस मामले की शिकायत मालवणी पुलिस थाने में दर्ज कराई है.
मालवणी इलाके के समूह कॉपरेटिव सोसाइटी में रहने वाले विश्वभानु कहते हैं, “हमारी पड़ोस में रहने वाली महिला ने मेरी पत्नी से लाइट निकालने के लिए ज़ोर ज़बरदस्ती करने लगी थीं, जिसके बाद उनके बीच बहस भी छिड़ गयी थी. विवाद बढ़ने के बाद वह मेरे घर के बाहर वह बहुत से लोगों को लेकर आ गई थीं. बहुत देर तक मैंने इस बहस में हस्तक्षेप नहीं किया लेकिन जब बात हद से आगे बढ़ने लगी और गाली गलौज होने लगी तो मैंने उनसे कहा की लाइट हमने अपने दरवाज़े पर लगाई है और उनको अपने बच्चो को संभालना चाहिए. जिसके बाद वह कहने लगे की बच्चे थोड़ी ना मानते हैं. इतना सब तमाशा होने के बाद झालर परेशान होकर मैंने खुद ही निकाल दी.”
विश्वभानु आगे कहते हैं, “मैं एक कलाकार हूं और वामपंथियों के बीच पला-बड़ा हूं. जात-पात धर्म के चलते ना कभी भेदभाव करता हूं और ना ही कभी किया है. ऐसे उन्मादी विवादों से कोसों दूर रहता हूं. लेकिन मेरे परिवार के साथ हुआ है यह गलत है. कुछ छोटी सोच के लोग इस बात का गलत फायदा उठाते हैं. वे धर्म के नाम पर भेदभाव भी करते हैं और दादागिरी भी.’’
न्यूज़लॉन्ड्री ने जब इस मामले में उनके पड़ोसी इमरान खान से भी बात की. उन्होंने कहा, “हमारे पड़ोसियों ने सजावट की लाइट लगाई थी. जिसके चलते एक बच्ची को करंट लग गया था. बाद में मेरे घर वाले बोले की बिजली के तार पर टेप लगा दो तो वह कहने लगे की वो त्यौहार नहीं मनाये क्या? हम यही कह रहे थे कि किसी बच्चे को करंट ना लग जाए, किसी की जान ना चली जाय. उसके बाद बहस ख़त्म हो गयी. बाद में उन्होंने खुद सारी लाइट निकाल कर फेंक दी.’’
इस विवाद के दौरान इमरान के साथ वहां मौजूद मुस्तफा कहते हैं, “छोटे बच्चे को शायद करंट लग गया था तो उनको बोला गया कि लाइट के तार को थोड़ा ऊपर कर दीजिए. इस बात पर उनको गुस्सा आ गया और उन्होंने खुद ने सारी लाइट निकालकर फेंक दी. उनके साथ कोई ज़ोर ज़बरदस्ती नहीं की गई. हर किसी को अपना त्यौहार मनाने का हक़ है.”
जब न्यूज़लॉन्ड्री ने सोसाइटी के सचिव गुंडु बाबू रेडेकर से बात की तो वह कहते हैं, “इस मामले को लेकर मेरे पास कोई आया नहीं है इसलिए मुझे ज़्यादा पता नहीं. वैसे भी इधर हमारा कोई सुनता नहीं है तो हम किस को क्या बोलेंगे.”
मालवणी पुलिस थाने के पुलिस निरीक्षक जगदेव कालापाड़ कहते हैं, “हमने उनकी शिकायत दर्ज कर ली थी. हम मामले की तहकीकात कर ज़रूरी करवाई करेंगे.’’
इस मामले में ताजा स्थिति यह है कि मामले को आपसी समझदारी और बातचीत से हल कर लिया गया है. शिकायतकर्ता विश्वभानु ने फेसबुक पोस्ट के जरिए जानकारी दी है कि उन लोगों ने आपसी बातचीत के जरिए मामला सुलझा लिया है. अब यह मामला खत्म हो चुका है.
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