Newslaundry Hindi
गंगा-यमुना की सफाई के सवाल पर भड़के डॉ हर्षवर्धन
एक बार फिर डॉक्टर हर्षवर्धन पर भरोसा जताते हुए बीजेपी ने उन्हें चांदनी चौक से अपना उम्मीदवार बनाया है.
पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन से न्यूज़लॉन्ड्री ने बात की है. बातचीत में हर्षवर्धन कहते हैं कि “इस बार का चुनावी मुद्दा सिर्फ़ एक है. जनता नरेंद्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाना चाहती है. इसके अलावा दूसरा कोई मुद्दा नहीं है.
हर्षवर्धन से हमारी मुलाकात आजादपुर सब्जी मंडी के पास एक गांव में पदयात्रा के दौरान हुई. गांव की बदहाल सड़कों से गुज़रते हुए हर्षवर्धन लोगों से वोट मांगते नज़र आते हैं. हर उम्र के लोगों से मिलते हैं. हर्षवर्धन की रैली में उनके नाम से ज़्यादा नरेंद्र मोदी के नाम के नारे लगते हैं. फिर एक बार मोदी सरकार के नारों के बीच-बीच में कोई कार्यकर्ता ‘चांदनी चौक मांगे हर्षवर्धन’ के नारे लगा देता है.
हमसे बातचीत करते हुए हर्षवर्धन बताते हैं, देश में मोदीजी ने और चांदनी चौक में मैंने काफ़ी काम किया है. हमने जो काम किया उसकी एक किताब छपवाकर घर-घर बंटवा दी है. हमारे कहने पर हर्षवर्धन कई काम गिनाते हैं. लेकिन जिस गांव में उनकी पदयात्रा हो रही होती है, उस गांव के ही लोग हर्षवर्धन से खफ़ा नज़र आते हैं, लेकिन पीएम मोदी के नाम पर बीजेपी को वोट देने की बात करते हैं.
कांग्रेस ने अपने दिग्गज नेता और चांदनी चौक से दो बार सांसद रहे जयप्रकाश अग्रवाल को दोबारा मैदान में उतारा है. वहीं आम आदमी पार्टी ने पंकज गुप्ता को अपना उम्मीदवार बनाया है. इसके बाद क्या हर्षवर्धन की परेशानी बढ़ी है? इस सवाल के जवाब में हर्षवर्धन कहते हैं, “यहां कांग्रेस और आप की लड़ाई दूसरे और तीसरे नम्बर के लिए है. मुझे कोई परेशानी नहीं हो रही है.”
गंगा को साफ करने का वादा नरेंद मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान किया था. सत्ता में आने के बाद गंगा को लेकर एक अलग मंत्रालय का भी निर्माण किया गया. पांच सालों तक गंगा की सफाई के नाम पर करोड़ों रूपये खर्च करने की बात कही गयी, लेकिन गंगा की सफाई को लेकर सालों से काम कर रहे साधु-संत और पर्यावरणविदों की मानें तो गंगा साफ नहीं हो पायी है. जब हमने इसको लेकर हर्षवर्धन से सवाल किया तो वो नाराज़ हो गये और कहा कि “गंगा की सफाई के लिए बहुत काम हुआ है. किसी के नाराज़ होने से सर्टिफिकेट नहीं मिल जाता है.”
इस सवाल के बाद हर्षवर्धन खफ़ा हो गये और आगे बातचीत करने से इनकार कर दिया.
गौरतलब है कि 12 मई को होने वाले लोकसभा चुनाव के छठें चरण का प्रचार अभियान अपने आख़िरी दौर में है.
Also Read
-
Manu Joseph: Hindi cannot colonise the South because Hindi is useless
-
Modi govt spent Rs 70 cr on print ads in Kashmir: Tracking the front pages of top recipients
-
When caste takes centre stage: How Dhadak 2 breaks Bollywood’s pattern
-
Gold and gated communities: How rich India’s hoarding fuels inequality
-
1 lakh ‘fake’ votes? No editorial, barely any front-page lead, top Hindi daily buries it inside