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‘जो भी भाजपा को हराएगा, उसे हमारा समर्थन मिलेगा’
‘नाम में क्या रखा है’, शेक्सपियर का ये कथन काफी मशहूर है. अक्सर लोग इस जुमले का चलते-फिरते इस्तेमाल करते रहते हैं. लेकिन आम आदमी पार्टी की पूर्वी दिल्ली से लोकसभा प्रत्याशी आतिशी से पूछिए तो समझ में आता है कि इस जुमले की भी एक सीमा है. और जब आप राजनीति में हों तो नाम ही सबकुछ हो जाता है, यह बात आतिशी से बेहतर कोई नहीं समझ सकता. इनका नाम बारंबार विवादों की वजह बनता रहा है. एक बार फिर से यह चर्चा में है. साथ ही चुनाव की गतिविधियां भी दिल्ली में चरम पर हैं.
बीते दिनों ओखला से पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता आसिफ खान ने आतिशी के उपनाम मार्लेना को कोट करते हुए उन्हें यहूदी बता दिया. इसके बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसोदिया ने ट्वीट करके आतिशी को राजपूतनी घोषित कर दिया. आतिशी खुद मीडिया के सामने आईं और स्पष्ट किया कि मेरा पूरा नाम आतिशी मार्लेना सिंह है. मैं एक पंजाबी क्षत्रिय परिवार से आती हूं.
जाति, धर्म, पंथ, मजहब और भ्रष्टाचार के खिलाफ अलग तरह की राजनीति का वादा करके राजनीति में घुसी आम आदमी पार्टी क्या अब जातिगत राजनीति का सहारा ले रही है, इस सवाल के जवाब आतिशी कहती हैं, “देखिए मैं कभी अपना सरनेम इस्तेमाल नहीं करती. कहीं भी अपनी जाति नहीं बताती. आतिशी मार्लेना मेरे माता-पिता ने नाम रखा है. वे वामपंथी रुझान वाले हैं. लेकिन मेरे नाम को लेकर जब अफवाह फैलाई जाएगी तो मुझे तो जवाब देना पड़ेगा. हम जात-पात की राजनीति करने नहीं मुद्दों पर राजनीति करने आए हैं. बीजेपी और कांग्रेस के पास कोई मुद्दा ही नहीं है.”
दिल्ली के सरकारी स्कूलों को बेहतर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली आतिशी पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार हैं. यहां से 2014 में बीजेपी के महेश गिरी चुनाव जीते थे. इस बार बीजेपी ने उनका टिकट काट कर पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर को मैदान में उतारा है. वहीं कांग्रेस से पार्टी के पूर्व अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली मैदान में हैं. आतिशी कांग्रेस को लड़ाई में मानती ही नहीं है. वो कहती हैं, “कांग्रेस पिछले तीन-चार चुनावों से तीसरे नम्बर की पार्टी बन गई है और इस बार भी तीसरे नम्बर पर ही रहेगी. जहां तक बात गौतम गंभीर की है तो उनका नामांकन रद्द होगा ही. उनके पास दो-दो वोटर आईडी कार्ड है. दिल्ली की जनता जानती है कि चुनाव से पहले या उसके बाद भी गंभीर पर कार्रवाई होगी ही तो उन्हें वोट देकर अपना वोट बर्बाद नहीं करेगी.”
पूर्ण राज्य के अलावा क्या है मुद्दे?
लोकसभा चुनाव 2019 के लिए आप आदमी पार्टी के घोषणा पत्र में दिल्ली को पूर्ण का दर्जा दिलाने पर जोर दिया गया है. आतिशी से हमने पूछा कि पूर्ण राज्य दिलाने के अलावा क्या मुद्दे हैं. इस पर आतिशी कहती हैं, “मैं जिस लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रही हूं. वहां सबसे ज्यादा महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा है. त्रिलोकपुरी और कल्याणपुरी में पुलिस की पीसीआर आपको नहीं दिखेगी क्योंकि सारी गाड़ियां नई दिल्ली में वीआईपी सी सुरक्षा में लगी रहती हैं. पूर्वी दिल्ली में कॉलेज नहीं है. पूर्वी दिल्ली एक पिछड़ा हुआ जिला है जिसमें बहुत काम करना बाकी है. और हम तभी कर पाएंगे जब दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलेगा.”
बातचीत के दौरान आतिशी बार दावा करती हैं कि दिल्ली की सातों सीटें आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार जीत रहे हैं. सातों सीटें जीतने के बाद हम दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाएंगे. क्या सात सांसद के दम पर दिल्ली को पूर्ण राज्य का हक़ मिल पाएगा, इस सवाल के जवाब में आतिशी कहती हैं, “देखिए इस बार मोदीजी सत्ता में वापस नहीं आने जा रहे है. दिल्ली में गठबंधन की सरकार बनेगी. लोग मंत्री पद के नाम पर किसी भी सरकार को समर्थन देते है. हम पूर्ण राज्य देने के वादे पर समर्थन देंगे. जो भी दिल्ली को पूर्ण राज्य का हक़ देगा आम आदमी पार्टी उसका समर्थन करेगी.”
पिछले दिनों आतिशी का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें वो बीजेपी को हराने के लिए गुंडों तक को वोट देने की बात कहती नजर आती हैं. वायरल वीडियो के संबंध में पूछे गए सवाल पर आतिशी कहती हैं, “बीजेपी को जो भी हरा सकता है उसे हमारा समर्थन है. मैं अपने बयान पर कायम हूं और देश में शासन कर रहे दोनों गुंडों को हराकर गुजरात वापस भेजना है. इनसे बड़ा कोई गुंडा नहीं है.” आतिशी नाम तो नहीं लेती लेकिन उनका इशारा पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की तरफ है.
आतिशी के साथ हुई हमारी पूरी बातचीत आप इस वीडियो में देखें.
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