Newslaundry Hindi
साक्षी महाराज: मोदी राजा भोज हैं तो राहुल-प्रियंका गंगू तेली
अपने विवादित बयानों के कारण अक्सर चर्चा में रहने वाले साक्षी महाराज दोबारा उन्नाव लोकसभा क्षेत्र से चुनावी दंगल में उतर चुके हैं. लेकिन इस बार टिकट पाने के लिए उन्होंने कई तरह के हथकंडों का इस्तेमाल किया. पार्टी की मुखालफत भी करनी पड़ी थी. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय को उन्होंने एक ‘धमकी’ भरा पत्र लिखा जिसमें खुद को टिकट दिए जाने के औचित्य को सही ठराया गया था.
साक्षी महाराज का एक और बयान हाल के दिनों में काफी चर्चित रहा, जिसमें उन्होंने कहा था कि 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद देश में चुनाव की ज़रूरत नहीं होगी.
इन्हीं विवादों की रोशनी में न्यूजलॉन्ड्री ने साक्षी महाराज से बातचीत की.
आप किन उपलब्धियों के साथ जनता से इसबार वोट मांगने जाएंगे?
पिछले 65 साल में इस देश में जो काम नहीं हुए वो पिछले पांच साल में नरेंद्र मोदी ने किए हैं. उन्नाव भी इसी देश के अंतर्गत आता है. उन्नाव में भी जो काम 65 साल में नहीं हुए वो पिछले पांच सालों में हुए है. उन्नाव की जनता अभिभूत है. जनता बहुत खुश हैं और मोदी की दीवानी हैं. जनता को केवल कमल का फूल और मोदी दिखाई दे रहे हैं. मेरा मानना ये है कि 2014 में जीत का जो अंतर था वो अंतर इस बार दोगुना होने वाला है. मेरे सामने कांग्रेस और सपा-बसपा गठबंधन के उम्मीदवार की जमानत जब्त होने वाली है.
आप कह रहे हैं कि उन्नाव की जनता को नरेंद्र मोदी और कमल के फूल के अलावा कुछ नहीं दिख रहा. क्या आप नरेंद्र मोदी के भरोसे मैदान में हैं? लोगों में आपको लेकर नाराजगी भी है.
आपको कोई विपरीत पार्टी का मिल गया होगा. साक्षी महाराज को लेकर उन्नाव की जनता में इतनी खुशी है, इतनी खुशी है कि पिछले चुनाव में कांग्रेस को साढ़े तीन लाख से अधिक मतों से हराया था. कांग्रेस और बसपा की जमानत जब्त कराई थी. इस बार कम से कम पांच लाख से ज़्यादा के अंतर से मैं विजय हासिल करने वाला हूं. अगर उन्नाव की जनता मुझे नहीं चाहती तो मैं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को उन्नाव से चुनाव लड़ने के लिए चुनौती क्यों देता?
लेकिन आपको इस बार टिकट के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी. आपने टिकट पाने के लिए पार्टी को ‘धमकी‘ भरा भी लिखा.
आपका कहना निराधार है. मुझे कतई मुखालफत नहीं करनी पड़ी. बहुत आसानी से पार्टी अध्यक्षजी ने मुझ पर भरोसा करते हुए टिकट दिया है. सबसे पहले जिन दस लोगों को टिकट मिला उसमें मेरा भी नाम था. लेकिन ये पूरा विवाद मीडिया की उपज थी. पार्टी ने मुझसे पत्र मांगा था. जो पत्र वायरल हुआ उसमें कोई धमकी नहीं थी. वो पत्र मैंने किसी एक व्यक्ति को नहीं लिखा था. वैसे कम से डेढ़ दर्जन पत्र लिखे थे. उसमें कोई विवाद नहीं था.
आपने एक बयान दिया कि अगर मोदी इस बार जीत गए तो 2024 में देश में चुनाव नहीं होगा. आप ऐसा क्यों मानते हैं?
मीडिया ने मेरी बातों को तोड़मरोड़ कर पेश किया है. मैंने कहा था 2014 में मोदी लहर थी, 2019 में सुनामी है. सारे लोग गठबंधन करके बैठ गए हैं. 2019 में ऐसा चुनाव होगा कि सारे गठबंधन धराशायी हो जाएंगे और 2024 में ये नामांकन करने की हिम्मत नहीं जुटा पाएंगे तो फिर चुनाव कैसे होगा? इस परिदृश्य में मैंने कहा था कि 2024 में चुनाव नहीं होंगे. जैसे आज मोदी के आगे कोई नामांकन करने की हिम्मत नहीं कर पा रहा वैसे 2024 में विपक्ष कहीं से भी नामांकन करने की हिम्मत नहीं जुटा पायेगा.
पिछले पांच सालों में क्या नहीं कर पाने का अफसोस है? राम मंदिर का निर्माण भी नहीं हो पाया.
देखिए हमें किसी बात का अफसोस इसलिए नहीं है कि जो बीजेपी का एजेंडा है उसमें एक राम मंदिर को छोड़ दें तो सारे के सारे एजेंडे को मोदीजी ने करके दिखाया है. इसके अलावा देश के लिए, समाज के लिए बहुत कुछ करने की ज़रूरत है और अगले पांच सालों तक हमारी सरकार और हम लोग मिलकर काम करेंगे.
प्रियंका गांधी यूपी में काफी सक्रिय हैं. उनके आने से क्या असर होगा?
अब आप प्रियंका गांधी और राहुल गांधी की तुलना मोदी से कर रहे हैं. अरे कहा राजा भोज कहा गंगू तेली. मोदी के सामने उनका कोई अस्तित्व ही नहीं है. इस बार अमेठी से राहुल गांधी और रायबरेली से सोनिया गांधी चुनाव हारने जा रही हैं. यूपी में कांग्रेस का खाता नहीं खुलेगा.
कहा जा रहा है कि बसपा-सपा गठबंधन से आप लोगों की नींद उड़ी हुई है?
बसपा-सपा के बीच हुआ गठबंधन, गठबंधन नहीं ठगबंधन है. इस ठगबंधन को प्रदेश की जनता अच्छी तरह जानती है. मतलब ही नहीं बनता की ये सफल होंगे.
Also Read
-
TV Newsance 253: A meeting with News18’s Bhaiyaji, News24’s Rajeev Ranjan in Lucknow
-
Uttarakhand: Forests across 1,500 hectares burned in a year. Were fire lines drawn to prevent it?
-
Know Your Turncoats, Part 15: NDA has 53% defectors in phase 5; 2 in Shinde camp after ED whip
-
Grand rallies at Mumbai: What are Mahayuti and MVA supporters saying?
-
Reporters Without Orders Ep 322: Bansuri Swaraj’s debut, Sambhal violence