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मदन लाल सैनी: सातवें आसमान पर आत्मविश्वास, राजे की होगी सरकार
राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का नेतृत्व पूरी तरह से हतोत्साहित नजर आ रहा है. यह स्थिति उनके बयानों में साफ़-साफ़ नज़र आ रहा है. शनिवार को, मौजूदा मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जयपुर स्थित पार्टी मुख्यालय पहुंची परंतु, एग्जिट पोल के नतीजे अपने खिलाफ आने के बाद वो बाहर खड़े मीडियाकर्मियों से बिना बातचीत किए ही निकल गईं.
यह घटना राज्य बीजेपी अध्यक्ष मदन लाल सैनी, चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक गजेंद्र सिंह शेखावत और राज्य संगठन सचिव चंद्रशेखर के साथ राजे की एक अनौपचारिक बैठक के बाद हुई. हालांकि वसुंधरा राजे ने बिना कैमरा और माइक के सामने आए एक टिप्पणी ज़रूर की कि- ‘चिंता न करें, हम सत्ता में लौट रहे हैं.’
हालांकि राजे की इस टिप्पणी में आत्मविश्वास नदारद दिखा. एग्जिट पोल्स में सामने आए रुझानों ने बीजेपी के लिए खतरे की घंटी बजा दी है. विभिन्न टीवी चैनलों के एक्जिट पोल के अनुसार, बीजेपी और राजे सरकार राजस्थान हारने के मुहाने पर हैं. हालांकि, चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक शेखावत ने मीडिया को बताया कि चार राज्यों के नेताओं की बैठक के बाद हमारा मानना है कि वे एकमात्र सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने जा रहे हैं और सरकार बनाने जा रहे हैं.
जब शेखावत से पूछा गया कि क्या गलतियां हुई उनसे, क्योंकि सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने और बहुमत के आंकड़े तक पहुंचने में काफी अंतर है. इस पर केंद्रीय मंत्री और जोधपुर के सांसद शेखावत ने जवाब दिया, “मैंने कहा कि हम एकमात्र सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरेंगे और सरकार बनाएंगे. हम बहुमत के निशान को छूएंगे.” उन्होंने कहा, “कुछ भी गलत नहीं हुआ है. 180 हमारे कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने के लिए रखा गया लक्ष्य है.”
बातचीत में शेखावत ने स्वीकार किया कि वे लोग कम से कम 60 सीटों पर पैनी नज़र बनाए हुए हैं. इसकी वजह ये है कि इन सीटों पर त्रिकोणीय संघर्ष या कठिन स्पर्धा हो सकती है. इस तरह के उम्मीदवारों को अपने पाले में लाने की रणनीति के सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए शेखावत ने कहा, “हालांकि हमें ऐसा करने की आवश्यकता महसूस नहीं हो रही लेकिन हमारे लोग ऐसी संभावना पर काम कर रहे हैं. बीजेपी सभी संभावनाओं के लिए तैयार है.”
बीजेपी के एक वरिष्ठ सूत्र ने बताया कि पार्टी किसी भी संभावना को नकार नहीं रही है और सभी मोर्चों पर काम कर रही है, “चाहे यह विद्रोहियों की बात हो या फिर वे लोग जिन्होंने राज्य में नए राजनीतिक मोर्चे का गठन किया था. उनका इशारा हनुमान बेनिवाल और घनश्याम तिवारी की ओर था.
दूसरी तरफ राज्य बीजेपी प्रमुख सैनी ने इन विकल्पों के एकदम विपरीत बात कर रहे हैं. उन्होंने सामने आए एग्जिट पोल्स के रुझानों को खारिज करते हुए कहा कि बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में लौटेगी और उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी केवल 20 सीटों पर कड़ी चुनौती की उम्मीद कर रही है. यह भी मजेदार है कि वे शेखावत द्वारा बताई गई संख्या से इत्तेफाक नहीं रखते.
एग्जिट पोल के नतीजे सामने आने के बाद न्यूज़लॉन्ड्री को दिए गए अपने पहले इंटरव्यू में राज्य बीजेपी अध्यक्ष मदन लाल सैनी ने बताया कि बीजेपी राजस्थान को बचाए रखने के लिए पूरी तरह से तैयार है. उन्होंने किसानों और युवाओं के बीच किसी भी गुस्से या प्रतिरोध की संभावना खारिज कर दिया.
अमित भारद्वाज के साथ हुई बातचीत का अंश:
विधानसभाओं, जिला स्तर के पार्टी पदाधिकारियों से मिली आंतरिक प्रतिक्रिया क्या कहती है?
हम पूर्ण बहुमत के साथ राजस्थान में सरकार बनाएंगे. बीजेपी यह मिथ तोड़ने के लिए तैयार है कि राजस्थान को हर पांच साल में अपनी सरकार बदलनी पड़ती हैं. हम राजस्थान में दोबारा सरकार बनाकर इसे साबित करेंगे.
लेकिन एक्जिट पोल एक अलग ही कहानी कह रहे हैं. यह आपकी बात से एकदम अलग है?
मैं बाहर से आए एग्जिट पोल्स के नतीजों को ज्यादा महत्व नहीं देता. इसकी बजाय मैं अपने कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया पर विश्वास करता हूं जो ज़मीन पर काम करते हैं, जो बूथ पर मतदाताओं को लाते हैं. मैं अपने श्रमिकों पर भरोसा करता हूं. वे कह रहे हैं कि हम जीत रहे हैं और सरकार बना रहे हैं.
जहां तक एक्जिट पोल का सवाल है- तो यह बिहार और दिल्ली विधानसभा चुनावों में सामने आया था, जहां कहा गया था कि बीजेपी सरकार बनाने जा रही है. यूपी में एक्जिट पोल का खुलासा हुआ, जहां पर यह दिखाया गया कि बीजेपी जीत के करीब भी नहीं थी, लेकिन हमने एक प्रचंड बहुमत के साथ चुनाव जीता. एग्जिट पोल्स के नतीजे असल में केवल अटकलें हैं.
लेकिन यूपी में, गुजरात में और यहां तक कि कर्नाटक में भी कुछ हद तक एक्जिट पोल आपके पक्ष में थे. तो जहां यह बीजेपी के पक्ष में है, आप इसे स्वीकार करते हैं और जहां आपके खिलाफ हों उसे अस्वीकार कर देते हैं. यह विरोधाभास क्यों?
मैं चुनाव से पहले आये एग्जिट पोल्स पर भरोसा नहीं करता हूं. मुझे अपने कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया पर भरोसा है.
राजस्थान के किस-किस क्षेत्र से सकारात्मक उम्मीदें हैं और कहां से पार्टी झटके की उम्मीद कर रही है?
मैंने जो दावा किया है वह राजस्थान की पूरी तस्वीर पर आधारित है. वास्तविक परिणाम एक या दो सीटों आगे-पीछे हो सकते हैं. मेरे लिए प्रत्येक क्षेत्र पर विस्तार से चर्चा करना संभव नहीं है.
आम तौर पर, बीजेपी, अपने कर्मचारियों के साथ बूथ स्तर से राज्य तक चर्चा करने के बाद एक संख्या के साथ सामने आती है. और आप अभी तक साझा नहीं कर रहे हैं कि आप विधानसभा चुनावों से कितने सीटों की उम्मीद कर रहे हैं?
मीडिया के साथ विस्तार से साझा करना मेरे लिए गलत बात होगी. मैं बस इतना ही कह सकता हूं कि हम चुनाव जीत रहे हैं!
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि बीजेपी एकमात्र सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरेगी और आप दावा कर रहे हैं कि बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ वापस आ जाएगी. दो नेता, दो बयान क्यों?
ये केवल संख्याएं हैं. अगर हमें 99 सीटें मिलती हैं तो बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बन जाएगी. अगर हमें 100 सीटें मिलती हैं तो हम बहुमत हासिल कर लेंगे. यह एक या दो सीटों का मामला है बस.
तो क्या यह 99 या 100 (बहुमत संख्या) के ऊपर जा रहा है, जिसकी आप उम्मीद कर रहे हैं?
यह मीडिया की चिंता नहीं है. उसकी चिंता है कि हम सरकार बनाने जा रहे हैं.
कल्पना कीजिए कि आप बहुमत में पीछे रह जाते हैं. तो प्लान-बी क्या होगा?
कोई प्लान-बी नहीं है. हम किसी भी वैकल्पिक योजना के सहारे नहीं बैठे हैं, क्योंकि परिणाम हमारे पक्ष में होंगे.
आगे बढ़ते हैं. जोधपुर में किसानों ने बताया कि लहसुन का एमएसपी पाने के लिए 40 क्विंटल की कैपिंग उनके लिए एक परेशानी का सबब बन गई है. उन्हें शेष उत्पादन 2 रुपये प्रति किलो की कीमत पर बेचने को मजबूर होना पड़ता है. क्या आप इस बात से सहमत हैं कि बीजेपी को राज्य में किसानों के क्रोध का सामना करना पड़ा है?
ये नीति और शासन के मामले हैं. यह इतना बड़ा मुद्दा है जिस पर इस तरीके से चर्चा नहीं की जा सकती है और न ही आप इसे समझ पाएंगे. इसके अलावा, इस तरह के विवरण आपके चैनल के लिए उपयोगी भी नहीं हैं.
लेकिन क्या किसानों का गुस्सा आपके खिलाफ था?
किसानों के बीच गुस्सा नहीं है. हमने 50,000 रुपये तक किसानों के क़र्ज को माफ़ कर दिया है. हमने 10,000 रुपये का आकस्मिक मुआवजा भी दिया है. हमने उनके लिए यूरिया की उपलब्धता सुनिश्चित की. इन सबकि वजह से वे हमारी सरकार से बहुत खुश हैं.
क्या आप इस बात से सहमत हैं कि कांग्रेस युवाओं में बेरोजगारी के मुद्दे का उपयोग कर आपके खिलाफ चुनाव में वोट बटोर सकती है?
हमारे खिलाफ इस प्रकार का युवाओ में कोई गुस्सा या रोष नहीं है. युवाओं के लिए 76,000 नौकरियां पाइपलाइन में हैं और 26,000 नौकरियां अभी पेंडिंग पड़ी हुई हैं क्योंकि मामला अभी अदालत में है. जल्द ही सब की सब सामने आ जाएंगी.
आखिरी सवाल, मान लीजिए अगर चीजें बीजेपी की उम्मीदों के हिसाब से काम नहीं करती हैं तो आपकी वैकल्पिक योजना क्या होगी? क्या आपने विपक्षियों तक पहुंचने के लिए टीम बनाई है?
इसकी आवश्यकता नहीं पड़ेगी. हमें विद्रोही विधायकों का प्रबंधन करने की कोई ज़रूरत भी नहीं होगी. हमें पूर्ण विश्वास है कि वसुंधरा राजेजी के नेतृत्व में सरकार का दुबारा गठन होना निश्चित है.
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