Newslaundry Hindi
रावण का मिशन दिल्ली
सहारनपुर जिले के छुटमलपुर गांव में जश्न का माहौल है. हजारों की संख्या में दलित युवा, दलित कार्यकर्ता और सरकारी कर्मचारी संघों का जत्था का जत्था गांव की चौपाल में आता जा रहा है. चौपाल के ठीक सामने वाला घर इस पूरे आकर्षण के ‘नायक’ का निवास स्थान है. भीम सेना के संस्थापक और चंद्रशेखर रावण के नाम से मशहूर दलित नेता जमानत पर रिहा हो गए हैं. बीते 16 महीनों ने उन्हें अपने राजनैतिक और सामाजिक लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में और ज्यादा दृढ़ संकल्पित कर दिया है. रावण का दावा है कि वो भाजपा को सत्ता से उखाड़ फेकेंगे. वे अब दलित समुदाय को एक नया स्वप्न दिखा रहे हैं. यह नया स्वप्न है केंद्र की सत्ता पर दलितों का कब्जा.
“मेरे ऊपर भरोसा रखिए,” चौपाल में मौजूद भीड़ से मुखातिब होते हुए रावण कहते हैं. “मैं कभी भी गैरजरूरी, अधारहीन बयानबाजी नहीं करता. अगले एक से डेढ़ साल में मैं पूरे देश में संघ के बराबर या उससे भी बड़ा संगठन खड़ा करूंगा. यह देश उन्हीं आदर्शों पर आगे बढ़ेगा जिन पर बढ़ना चाहिए.” आगे की रणनीति बनाने के लिए रावण दिन-रात अपने समर्थकों से मुलाकात में व्यस्त हैं.
रावण बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती को बुआजी कहकर संबोधित करते हैं. जबकि सच यह है कि मायावती ने रावण की रिहाई पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर खुद को रावण से अलग बताया है. “सहारनपुर के शब्बीरपुर में जातीय हिंसा में शामिल व्यक्ति, जो अब बेल पर रिहा है, वह हमारी पार्टी और मेरा नाम इस्तेमाल कर रहा है. मैं ऐसे लोगों के साथ रिश्ता नहीं रख सकती.”
दिलचस्प है कि रावण इसपर कुछ अलग ही कहते हैं, “वह मेरी बुआजी हैं. मेरे बारे में बोलने का उन्हें पूरा अधिकार है. ये हमारे पारिवारिक रिश्ते हैं. घर के मामलों में हम दूसरे लोगों को नहीं इंवॉल्व करना चाहते.”
रावण खुद को युवा नेताओं से भी दूर करते दिखे. जिग्नेश मेवानी, कन्हैया कुमार, शेहला राशीद और हार्दिक पटेल के सिलसिले में उन्होंने कहा, “पिछले वर्ष 21 मई को ही सिर्फ मैं जिग्नेश मेवानी से मिला हूं. कन्हैया कुमार से कभी बात भी नहीं हुई.”
न्यूज़लॉन्ड्री के साथ हुई एक विशेष बातचीत में उन्होंने जेल में बिताए दिनों के बारे में, राजनीतिक विकल्प के बारे में और संघ-भाजपा से अपने ऐलानिया जंग के बारे में विस्तार से बातचीत की. पूरा इंटरव्यू वीडियो में देखें.
Also Read
-
A flurry of new voters? The curious case of Kamthi, where the Maha BJP chief won
-
Delhi’s demolition drive: 27,000 displaced from 9 acres of ‘encroached’ land
-
डिस्टर्ब्ड एरिया एक्ट: गुजरात का वो कानून जिसने मुस्लिमों के लिए प्रॉपर्टी खरीदना असंभव कर दिया
-
How Muslims struggle to buy property in Gujarat
-
Air India crash aftermath: What is the life of an air passenger in India worth?