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दाती मदन महाराज पर टेढ़ी हुई शनि की दशा

दक्षिण दिल्ली के फ़तेहपुर बेरी इलाके में शनिधाम मंदिर के बहुचर्चित पुजारी दाती मदन महाराज पर दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ है. आरोप उनकी ही एक शिष्या ने लगाया है. पीड़िता का आरोप है कि महाराज ने अपने दो अनुयायियों के साथ उसका रेप किया. फिलहाल दाती पुलिस की गिरफ्त से दूर, फरार चल रहे हैं. शिकायत दर्ज करने के बाद पुलिस ने दाती महाराज की तलाश में शनिधाम मंदिर और उसके फ़ार्म हाउस पर छापेमारी की, लेकिन उनका कोई सुराग़ नहीं मिला.

पीड़िता का आरोप है कि दाती महराज ने उसके साथ 2 साल पहले मंदिर के अंदर ही रेप किया था और मुंह बंद रखने की धमकी दी थी.

दाती महाराज सूचना क्रांति के बाद तैयार हुए आधुनिक भारत की उपज हैं. वो भारत जिसमें पैसे, मीडिया, टीवी आदि के जरिए मनमाफिक छवियों का प्रबंधन करना आसान हो गया है. आप लेखक, बुद्धिजीवी, समाजसेवी या धर्मगुरु जिस भी भूमिका में चाहें आपकी छवि निर्मित हो जाएगी, बदले में आपको बस थोड़ी जेब ढीली करनी होगी और थोड़ा संबंधों का इस्तेमाल करना होगा.

जाहिर है इस तरीके से निर्मित कृत्रिम छवियों पर यदाकदा वास्तविक छवियां हावी हो ही जाती हैं, तब हमारा सामना दाती महाराज जैसी कठोर-कड़वी सच्चाइयों से होता है. जाहिर है ऐसे मौकों पर आस्थाएं चोटिल होती हैं लेकिन क्षणभंगुर स्मृतियों के दौर में लोग जल्द चोटिल आस्था को किसी नए बाबा, पुजारी, साधू, संत का मल्हम पोतकर दर्द से उबरने की फिराक में तल्लीन हो जाते हैं. इसके पीछे एक मनोवृत्ति भी काम करती है, शॉर्टकट की मनोवृत्ति. धर्म का मर्म खुद समझने की बजाय किस बिचौलिए के भरोसे अपने ईश्वर से साक्षात्कार की मनोवृत्ति.

दाती महाराज इसी तरह के छवि प्रबंधन की उपज था.

2006-07 के आस-पास जब भारत के टेलीविज़न समाचार की दुनिया में बूम-बूम चल रही थी तब रजत शर्मा के समाचार चैनल इंडिया टीवी पर एक बाबा का चेहरा चमकने लगा. यह बाबा परंपरागत बाबाओं की छवि से अलग था. चौड़ी छाती, गोरा रंग, उन्नत ललाट, तिलकधारी बाबाओं के दमकते दर्प के विपरीत यह बाबा काले रंग का, साधारण शक्लोसूरत वाला था. टीवी और कैमरे के व्याकरण को कायदे से समझता था.

इंडिया टीवी पर उचक-उचक कर प्रवचन देते समय यह लोगों में धार्मिक भाव उत्पन्न करने की बजाय किसी विदूषक सा कौतूहल उत्पन्न करता था. यह आराधना भी विचित्र भगवान की करता था- शनिदेव. वह शनिदेव जिसके बारे में आम धर्मभीरु हिंदुओं में मान्यता है कि बेहद गुस्सैल देवता है. लिहाजा लोग उनकी टेढ़ी नज़र से बचकर रहते था. शनि का साढ़े साती संकट का बहुचर्चित ग्रह-नक्षत्र है. मान्यता है कि जिसके ऊपर शनि का साढ़े साती लग जाय उसका जीवन साढ़े सात साल तक नर्क बना रहता है. ऐसे देवता की पूजा करने वाला, उसकी पूजा को प्रेरित करने वाला बाबा भी थोड़ा अड़बंगा ही होना चाहिए. शायद यही इंडिया टीवी की सोच रही हो उस समय.

जल्द ही यह शो इंडिया टीवी का लोकप्रिय शो बन गया. जानकारों का कहना है कि शुरुआती दौर में हिचकोले खा रहे इंडिया टीवी को इस शो ने भी टीआरपी की रेस में बनाए रखने में बड़ी भूमिका अदा की. यही थे दाती महाराज उर्फ मदन महाराज. दाती महाराज की वेबसाइट के मुताबिक उनका जन्म राजस्थान के पाली जिले में हुआ है. वे खुद को शनिदेव का बड़ा उपासक बताते हैं, शनि को लेकर लोगों के मन के भ्रम दूर करने का दावा भी करते हैं. वे कई टीवी चैनलों पर राशिफल भी बताते हैं. फतेहपुर बेरी के अलावा राजस्थान के पाली में भी उनका आश्रम है.

खैर इंडिया टीवी के उस शो की टैगलाइन हुआ करती थी- शनि शत्रु नहीं, मित्र है. दाती महाराज को टीवी अवतार से पहले न तो किसी ने देखा था न उनकी कोई पहचान थी. कह सकते हैं- दाती महाराज पूरी तरह से इंडिया टीवी का आविष्कार थे. जल्द ही दाती महाराज की लोकप्रियता चरम को छूने लगी. बाबा मोलभाव करने लगे. जल्द ही उनके शो कई अन्य समाचार चैनलों पर भी दिखने लगे. इसका दोतरफा फायदा देखने को मिला. उनके आते ही टीवी चैनलों की टीआरपी ऊपर चढ़ने लगती. दूसरी तरफ फतेहपुर बेरी इलाके में मौजूद एक अनजान सा शनि मंदिर जो दाती महाराज का अड्डा था, वहां भी लोगों की आमदरफ्त बढ़ गई. बाबा लोगों को भूत-भविष्य का हाल देते हुए धीरे-धीरे इस मंदिर का प्रमोशन करने लगे. यहां श्रद्धालुओं की आस्था उमड़ने लगी. मंदिर का कायाकल्प हो गया. यह मंदिर शनि धाम हो गया. इसके इश्तेहार दिए जाने लगे. बाबा ने भक्तों को आकर्षित करने के लिए छतरपुर मेट्रो स्टेशन से फतेहपुर बेरी के बीच मुफ्त शटल सेवा शुरू करवा दी. शनिधाम दिन दूनी, रात चौगुनी तरक्की करने लगा. बाबा तेजी से लोकप्रियता और सत्ता की सीढ़ियां चढ़ने लगे. उसके धाम पर नेताओं, अधिकारियों, ठेकेदारों और रसूखदारों का आना जाना होने लगा.

दाती मदन महाराज ने इस बीच करीने से अपनी परोपकारी छवि का निर्माण भी जारी रखा. अब उसकी यह छवि उसके चरित्र से विरोधाभास पैदा करती है. दाती महाराज अपना जन्मदिन कन्या भ्रूण संरक्षण दिवस के रूप में मनाया करता था. उन्हीं में से एक कन्या ने अब उसके ऊपर बलात्कार का आरोप लगाया है.

पिछले साल बाबा के जन्मदिन पर आयोजित कन्या भ्रूण संरक्षण दिवस के मौके पर केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान, केंद्रीय उपभोक्ता राज्यमंत्री सीआर चौधरी, केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री महेश शर्मा, केंद्रीय आयुष राज्यमंत्री मंत्री श्रीपद यशो नाइक, केंद्रीय सूक्ष्म एवं लघु उद्योग मंत्री गिरीराज सिंह और राज्य के कई मंत्रियों, जनप्रतिनिधियों ने शिरकत की थी.

उस समारोह में शामिल हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा था- “दाती महाराज केवल एक सिद्ध संत ही नहीं, बल्कि समाज के मार्गदर्शक, पथ प्रदर्शक भी हैं. सच्चा संत वही है, जो समाज को सही दिशा में ले जाए और सुसंस्कृत राष्ट्र के निर्माण में अपनी महती भूमिका निभाए.”

उन्होंने दाती महाराज से हरियाणा में भी बेटियों को संरक्षण देने और महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में सहयोग करने का आह्वान किया था. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर श्री शनिधाम ट्रस्ट को 21 लाख 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता भी दी थी. इसी तरह से हरियाणा के नेताओं ने गुरमीत राम रहीम को भी मोटी रकम सरकार के खाते से दी थी.

इस मौके पर दाती महाराज ने कहा था कि कन्या भ्रूण हत्या, महिलाओं का अपमान और नारी जाति की अवहेलना करना समूची मानव जाति के लिए कलंक है. इस प्रकार की सामाजिक कुरीतियों को जड़ से मिटाना चाहिए. उन्होंने कहा कि बेटी भगवान की नेमत है. बेटियां बरकत देने वाली और भाग्यशाली हैं.

बाबा ने सफलता की सीढ़ियां चढ़ते हुए खुद को धार्मिक समुदायों के बीच भी प्रासंगिक बनाना शुरू किया. इसके तहत 2010 के हरिद्वार कुंभ मेले में उन्हें महामांडलेश्वर की उपाधि दी गई. यह एक धार्मिक उपाधि है जो विभिन्न अखाड़े साधू-संतों को देते हैं.

हालांकि दाती महाराज फिलहाल फरार चल रहे हैं लेकिन उनकी तरफ से एक बयान जारी हुआ है जिसमें कहा गया है- “मदन महाराज दाती ऐसे घिनौने काम नहीं कर सकते. जहां तक जानकारी मिल रही है कि दिल्ली का एक सचिन जैन जो कि दाती महाराज का भक्त था, जिसके माध्यम से दाती मदन महाराज ने उसको करोड़ो रुपये व्यापार के लिए दिलवाए. जब वापस चुकाने की बारी आई तो सचिन जैन मदन महाराज के खिलाफ हो गया और सचिन जैन ने दिल्ली एक लड़की को ढाल बनाकर, पैसे देकर दाती महाराज को ब्लैक मेल करने के लिए झूठा रेप का केस दिल्ली में दर्ज करवाया. उस लड़की के माता पिता का देहांत होने पर 7 वर्ष की आयु में आश्रम लाया गया था. उसको पढ़ा लिखा कर बेटी मानकर वापस घर भेज दिया.”

दुनिया को भूत-भविष्य का हल बताने वाले बाबा अपने भूत-भविष्य से इतने अनजान क्यों रहते हैं? आसाराम, गुरमीत राम रहीम, वीरेंद्र दीक्षित के बाद अब दाती महाराज का नाम इस तरह के आरोप में शामिल है.