Newslaundry Hindi
गोरखपुर ऑक्सिजन कांड से जुड़े डॉ. कफील अहमद के भाई को गोली मारी
बीआरडी मेडिकल कालेज के ऑक्सिजन कांड में गिरफ्तारी के कारण चर्चित हुए मेडिकल कालेज के बालरोग विभाग के प्रवक्ता व एनएचएम के नोडल अधिकारी रहे डॉ. कफील अहमद के छोटे भाई काशिफ जमील को रविवार की रात 10.30 बजे गोरखनाथ क्षेत्र में गोली मार दी गई. दो हमलावरों ने उन पर तीन गोलियां चलायीं जिससे वह बुरी तरह घायल हो गए. घायल काशिफ को एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया है.
गोरखपुर शहर के बसंतपुर मोहल्ला निवासी डॉ. कफील अहमद के छोटे भाई काशिफ जमील बिजनेसमैन हैं और इनवर्टर और बैट्री का कारोबार करते हैं. डा. कफील चार भाई हैं. सबसे बड़े अदील अहमद खान है और उसके बाद डा. कफील अहमद खान है. काशिफ जमील तीसरे नम्बर पर हैं. सबसे छोटे फजील अहमद खान अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के मेडिकल कालेज में एमबीबीएस करने के बाद सीनियर रेजीडेंट हैं.
जानकारी के अनुसार काशिफ जमील किसी काम से गोरखनाथ क्षेत्र में गए थे. वह बाइक से थे. वह घर लौट रहे थे कि जेपी हास्पिटल के पास ब्राउन कलर की स्कूटी पर सवार दो हमलावरों ने उन पर तीन गोलियां चलायीं. एक हमलावार चेहरे पर गमछा बांधे हुए था जबकि दूसरा हेलमेट पहने था. कासिफ जमील को दो गोली कंधे और हाथ में और तीसरी गर्दन के पास लगी. वह बुरी तरह घायल हो गए. राहगीरों की मदद से वह किसी तरह टेम्पो से विंध्यवासिनी नगर स्थित स्टार नर्सिंग होम पहुंचे जहां चिकित्सकों ने उनका इलाज शुरू किया.
काशिफ जमील के बड़े भाई अदील अहमद खान ने बताया कि वह और डॉ. कफील आज कुशीनगर गए हुए थे. वह घर लौटे ही थे कि इस घटना की जानकारी हुई. उन्होंने कहा कि चूंकि काशिफ जमील बुरी तरह घायल है, इसलिए घटना के बारे में उनसे कोई जानकारी नहीं मिल पायी है. घटना की वजह भी पता नहीं चल पा रही है.
अदील अहमद खान ने कहा कि उनका पूरा परिवार बीआरडी मेडिकल कॉलेज के आक्सिजन कांड के बाद से मुसीबतों में है. डॉ. कफील खान के जमानत पर रिहा होने के बाद वह लोग लगातार खतरे की आशंका में जी रहे हैं. यह घटना डॉ. कफील को चुप कराने के नीयत से अंजाम देने की कोशिश भी बतायी जा रही है.
पुलिस ने लगाया अड़ंगा
बदमाशों की गोली से बुरी तरह घायल डॉ. कफील के भाई काशिफ जमील के आपरेशन में पुलिस के रवैये से तीन घंटे से ज्यादा विलम्ब हुआ. मेडिको लीगल कराने के लिए पुलिस, काशिफ जमील को पहले जिला अस्पताल और फिर बीआरडी मेडिकल कालेज ले गई. इस कारण उनके गले में फंसी गोली निकालने के कारण आपरेशन रात ढाई बजे तक नहीं हो पाया. पुलिस के इस रवैये से डॉ. कफील और उनके परिजन बेहद आक्रोशित दिखे. उन्होंने आरोप लगाया कि यदि काशिफ को कुछ होता है तो इसकी जिम्मेदारी पुलिस की होगी.
डॉक्टरों के मुताबिक गर्दन में लगी गोली काशिफ जमील के लिए जानलेवा हो सकती है. इसलिए चिकित्सकों की राय थी कि जल्द से जल्द ऑपरेशन कर गोली निकाल दी जाए. गोली के असर से धीरे-धीरे काशिफ जमील का हाथ सुन्न पड़ता जा रहा था.
इसी बीच निजी हॉस्पिटल पहुंची गोरखपुर पुलिस उन्हें मेडिको लीगल कराने के लिए जिला अस्पताल ले गई. वहां उनका मेडिको लीगल हो गया. इसके बाद परिजन काशिफ को आपरेशन के लिए स्टार हास्पिटल लाना चाहते थे. परिजनों के अनुसार पुलिस ने कहा कि काशिफ का एक और मेडिको लीगल बीआरडी मेडिकल कालेज में होगा और उन्हें वहां ले जाया जाएगा.
परिजनों ने इसका विरोध किया तो वहां मौजूद सीओ गोरखनाथ भारी पुलिस बल बुला लिया और काशिफ जमील को बीआरडी मेडिकल कालेज ले गई. वहां इमरजेंसी में ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सकों ने जिला अस्पताल में मेडिको लीगल हो जाने के बाद दुबारा मेडिको लीगल किए जाने से मना कर दिया और कहा कि परिजन जहां चाहें मरीज का इलाज करा सकते है. इसके बाद काशिफ जमील को दुबारा स्टार हास्पिटल ले जाया गया. इस कारण करीब तीन घंटे तक काशिफ का आपरेशन रूका रहा. इस दौरान काशिफ की हालत बिगड़ गई और वह बेहोश हो गए.
देर रात चार बजे के आस-पास उनका ऑपरेशन कर गले में फंसी गोली निकाल ली गई है. वे फिलहाल आईसीयू में हैं.
Also Read
-
TV Newsance 317 Diwali Special: Godi hai toh mumkin hai, NDTV’s Adani makeover, Taliban flip
-
Delhi’s Diwali double standard: Markets flout cracker norm, govt’s pollution plan falters
-
‘Jailing farmers doesn’t help anyone’: After floods wrecked harvest, Punjab stares at the parali puzzle
-
Billboards in Goa, jingles on Delhi FMs, WhatsApp pings: It’s Dhami outdoors and online
-
The oxymoron of ‘green firecrackers’: This Diwali, your lungs will still pay the price