Newslaundry Hindi
अगली क्रांति वीडियो स्ट्रीमिंग और गेम्स में आने वाली है
भारत में ऑनलाइन वीडियो स्ट्रीमिंग का बाज़ार जल्द ही बदलने वाला है. अब समय आ गया है कि वीडियो कंटेंट और गेमिंग की एप्लीकेशन्स आपकी और हमारी ज़िन्दगी में भीतर तक प्रवेश कर जायेंगी. मार्च, 2018 में जारी अर्नेस्ट एंड यंग की रिपोर्ट के मुताबिक़ साल 2016 के मुक़ाबले साल 2017 में भारत में मीडिया और एंटरटेंमेंट का बाज़ार 13% की बढ़त के साथ 1.5 लाख करोड़ का हो गया.
रिपोर्ट बताती है कि 2020 तक भारतीय मीडिया और एंटरटेंमेंट का बाज़ार लगभग 12% की सालाना बढ़ोत्तरी के 2 लाख करोड़ का आंकड़ा पार कर जाएगा. दूसरी अहम बात ये कि सबसे तेज़ बढ़ोतरी की दर ऑनलाइन गेमिंग और डिजिटल एंटरटेंमेंट में दर्ज की जा रही है. ये क्रमश: 27.5% और 25% की रफ़्तार से आगे बढ़ रहे हैं. तीसरा, भारत में टेलीविजन का घनत्व 64% हो गया है.
भारत में स्मार्टफ़ोन की क्रांति इसके पीछे एक अहम कारण है. आज भारत का स्मार्टफोन बाज़ार दुनिया में दूसरे नंबर पर आ गया है. जानकारों का मानना है कि इस साल देशभर में लगभग 50 करोड़ ग्राहक इन्टरनेट से जुड़ जायेंगे और इसमें स्मार्टफोन सबसे बड़ा कारक हैं.
दुनियाभर में लोग पढ़ने के बनिस्बत वीडियो देखने में ज़्यादा दिलचस्पी ले रहे हैं. ज़ाहिर है कि ऐसे माहौल में वीडियो सर्फिंग और गेमिंग एक बड़ा बाज़ार बन जायेगा. शायद यही कारण था कि 2006 में गूगल ने यूट्यूब को पौने दो अरब अमरीकी डॉलर में इसे ख़रीद कर इस बात पर मुहर लगा दी थी.
सोने पे सुहागा हुआ है रिलायंस जियो के आगमन से. रिलायंस जियो ने भारत में अभूतपूर्व नेटवर्क देकर डाटा की कीमतों को काफ़ी नीचे गिरा दिया है जिसके चलते टेलीकॉम सेक्टर में हाहाकार मच गया और मजबूरन अन्य कंपनियों को भी ऐसा करना पड़ा.
दुनिया की सबसे बड़ी वीडियो स्ट्रीमिंग कंपनी नेटफ्लिक्स के सीईओ रीड हेस्टिंग्स का मानना है कि दुनिया के तमाम मुल्कों की टेलिकॉम कंपनियों को भारत की रिलायंस जियो से सीख लेकर अपने यहां डाटा को कम कीमत पर ग्राहकों को उपलब्ध कराना चाहिए ताकि ज़्यादा से ज़्यादा लोग इंटरनेट से जुड़ सकें.
तीसरा अहम कारण है कि भारत का देसी कंटेंट अब इन्टरनेट पर उपलब्ध होना. अर्नेस्ट एंड यंग की रिपोर्ट के मुताबिक़ भारतीय भाषाओं में कंटेंट की उपलब्धता ने मीडिया और एंटरटेंमेंट के बाज़ार में इज़ाफ़ा किया है. इसके पीछे अगर सच्चाई को अगर देखें तो कोई ताज्जुब्ब नहीं होता. दरअसल, हज़ारों साल से भारत एक क़िस्से कहानियों का देश रहा है और इनकी स्थानीय भाषाओं में भरमार है. नेटफ्लिक्स कंपनी का मानना है कि भारत अपने कंटेंट और कहानियों की श्रृंखलाओं से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोगों से जुड़ सकता है.
हाल ही में नेटफ्लिक्स ने देश में कई सारी गेम्स सीरीज़ शुरू करने की घोषणा की है. इसकी पहली कड़ी में वो एक भारतीय कंपनी के साथ बॉलीवुड अभिनेता सैफ़ अली खान को लेकर भारत के धार्मिक पात्रों पर आधारित एक गेम बनाने जा रही है.
चौथा है डिजिटल टेलीविजन का आगमन. आईपीएल, देशज भाषा में कंटेंट की उपलब्धता जैसे कारकों ने टेलीविजन को रोचक बना दिया है. भारतीय दर्शक अब विदेशी फ़िल्में भी खूब देख रहा है.
भारत में तकरीबन 30 कंपनियां जिनमें मुख्यतः नेटफ्लिक्स, अमेज़न और हॉटस्टार, वायकॉम अभी देश में विडियो गेम्स और खेल सम्बंधित कंटेंट लोगों को उपलब्ध करवा रही हैं. अब एक और कंपनी शीमारू एंटरटेंमेंट लिमिटेड ने भी इस मैदान में उतरने का मन बना लिया है. इस कंपनी के पास लगभग 3500 भारतीय फ़िल्मों का ज़खीरा है और वो इसे सालाना 3-5% की दर से बढ़ाते हुए कई ऑनलाइन प्लेटफार्म से लाइसेंस फ़ीस लेकर इसके ज़रिये कमाई करना चाहती है. इन सब कंपनियों में से नेटफ़िल्क्स के पास सबसे ज़्यादा ग्राहक है. दुनिया भर में 12 करोड़ ग्राहकों वाली कंपनी नेटफ़िल्क्स ने 31 दिसम्बर 2017 तक लगभग 50 लाख ग्राहक बना लिए हैं. रीड हेस्टिंग्स का मानना है कि भारत कम-से-कम 10 करोड़ विडियो कंटेंट देखने वाले ग्राहकों का बाज़ार बन सकता है.
Also Read
-
100 rallies, fund crunch, promise of jobs: Inside Bihar’s Tejashwi Yadav ‘wave’
-
What do Mumbai’s women want? Catch the conversations in local trains’ ladies compartment
-
Another Election Show: What’s the pulse of Bengal’s youth? On Modi, corruption, development
-
Trouble in AAP: Party blames BJP in Swati Maliwal case, Kejriwal named in ED chargesheet
-
एनएल चर्चा 319: मुंबई होर्डिंग हादसा, स्वाति मालीवाल विवाद और मोदी का हिंदू-मुस्लिम संकट