Newslaundry Hindi
कैराना को कुरुक्षेत्र बनाने की जागरण की मुहिम
जब आप देश-दुनिया और घर-परिवार के बारे में देख, सोच, समझ रहे हैं तब यह जानना जरूरी है कि कैराना के लोगों की 27 मई की सुबह कैसे बीती.
27 मई को कैराना के लोगों ने इलाके के सबसे बड़े अख़बार दैनिक जागरण को चाय पीते हुए जब पढ़ा होगा, तो उनकी नजर में कौन सी खबरें आई होंगी.
पढ़िए जागरण का एक कंटेंट एनालिसिस. सारी ख़बरों की तस्वीरें संलग्न है.
पहले पन्ने पर सबसे बड़ी खबर नरेंद्र मोदी की है. जिसमें वे बता रहे हैं कि वे किस तरह जनतंत्र को चला रहे हैं. इसमें नरेंद्र मोदी के चुनावी भाषण की पुरानी तस्वीर लगाई गई है. पूरे अखबार में विपक्ष का कोई बयान नहीं है.
2. इसके अलावा कैराना के लोग आज पढ़ रहे हैं कि देवबंद के उलेमा ने बीजेपी के खिलाफ वोट डालने की अपील की है. यह खबर शरारत पूर्ण है. देवबंद ने कोई चुनावी अपील जारी नहीं की है. देबवंद ने कल ही बाकायदा बयान जारी करके कहा है कि हमने आज तक कभी भी कोई चुनावी अपील जारी नहीं की है. जिसका बयान छपा है, उसने भी साफ कहा है कि मेरा देवबंद से कोई संबंध नहीं है. देवबंद का बयान अमर उजाला में छपा है कि हमने कोई बयान नहीं दिया, फिर भी कैराना के ज्यादातर लोगों को लगेगा कि मौलानाओं ने बीजेपी के खिलाफ अपील जारी की है. आप समझ सकते हैं कि यह ध्रुवीकरण की कोशिश है.
3. कैराना के लोग इस समय पढ़ रहे होंगे कि चुनाव के दौरान जेल में बंद अपराधियों पर नजर होगी. दैनिक जागरण ने सिर्फ मुसलमानों के नाम इस खबर में लिखे हैं. कुछ इस अंदाज में कि ये बाहर आ गए तो अनर्थ हो जाएगा.
4. कैराना के लोग आज अखबार में पढ़ रहे हैं कि एक पवित्र माने जाने वाले पशु के अंश मिले हैं और इसे लेकर हंगामा मचा हुआ है. अख़बार लिखता है कि काफी समय से यह धंधा चल रहा था. जानना दिलचस्प होगा कि जिस दिन चुनाव प्रचार खत्म हुआ, उसी दिन छापा क्यों मारा गया. यह भी मजेदार है कि आरोपियों को बचाने के लिए थाने गए बीजेपी के पूर्व पार्षद हरविंदर को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
5. दैनिक जागरण में पूरे पेज पर धर्म और राजनीति के बारे में छापा गया है. जिसे बीजेपी के पूर्व विधान परिषद सदस्य हरेंद्र प्रताप ने लिखा है. यह भी कैराना के लोग आज ही पढ़ रहे हैं.
6. आज दैनिक जागरण पढ़ने वाले अखबार के संपादकीय पन्ने पर एक बड़ा सा लेख पढ़ रहे हैं जिसका शीर्षक है मोदी की उपलब्धियां और चुनौतियां. यह लेख मोदी का महान बताता है और विपक्ष को कमजोर और दिशाहीन. लेखक डॉक्टर एके वर्मा कौन हैं, यह नहीं बताया गया है.
7. अखबार का संपादकीय विपक्ष को कोसने के लिए लिखा गया है कि वह स्वार्थी है और सरकार का साथ नहीं दे रहा है.
8. अखबार में मोदी का बयान है, योगी का बयान है, बीजेपी के कई नेताओं के बयान हैं. विपक्ष के किसी बड़े नेता का कोई बयान नहीं है.
9. बीजेपी के एक नेता के हवाले से यह कहा गया है कि दलितों को क्यों बीजेपी को वोट डालना चाहिए.
10. अखबार ने कैराना चुनाव के कवरेज के पेज का नाम “कैराना का कुरुक्षेत्र” रखा है, जो अपने आप में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश है.
खबरों के अंदर छोटे अक्षरों में जो तमाशा है, वह इनसे अलग है. उसका मूल टोन यह है कि हिंदुओं की एकजुटता ही बीजेपी को बचा सकती है क्योंकि दलित, मुसलमान और जाट गठबंधन के खिलाफ खड़े.
(फेसबुक पोस्ट से साभार)
Also Read
-
Reality check of the Yamuna ‘clean-up’: Animal carcasses, a ‘pond’, and open drains
-
Haryana’s bulldozer bias: Years after SC Aravalli order, not a single govt building razed
-
Ground still wet, air stays toxic: A reality check at Anand Vihar air monitor after water sprinkler video
-
Was Odisha prepared for Cyclone Montha?
-
चक्रवाती तूफान मोंथा ने दी दस्तक, ओडिशा ने दिखाई तैयारी