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औरंगाबाद में सांप्रदायिक हिंसा के बाद जनजीवन सामान्य
महाराष्ट्र के औरंगाबाद में शुक्रवार को हुए सांप्रदायिक हिंसा के बाद औरंगाबाद में स्थिति सामान्य होती दिखी. इस हिंसा में पत्थरबाजी और पेट्रोल बम की चपेट में आकर 2 लोग मारे गए और 45 अन्य घायल हो गए.
औरंगाबाद की मोतीकरंजना मस्जिद में नल के कनेक्शन को लेकर हुए विवाद को हिंसा की वजह बताई जा रही है. इस हिंसा में भीड़ ने दोनों ही समुदाय की 65 दुकानों औप 55 गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. हिंसा के मद्देनजर इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई थी और इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया था. यह घटना औरंगाबाद के गांधी नगर इलाके में हुई जब अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने नगर निगम के कर्मचारियों पर भेदभाव का आरोप लगाया और मांग रखी कि मंदिरों में दिए जानेवाले पानी को रोका जाए. इसके चलते 2 समुदायों के बीच बहस शुरू हो गई और इस बहस ने हिंसा का रूप ले लिया.
यह खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और पूरे शहर में अफवाहों का बाजार गर्म हो गया. रात 10 बजे के करीब औरंगाबाद में पत्थरबाजी शुरू हो गई जो पूरी रात चलती रही. पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर हालात काबू पाने की कोशिश की पर तब तक वैसी ही घटनाएं शाहगंज, चेलीपोरा, मोती करंजा, राजा बाजार और रोशन गेट इलाके में शुरू हो गई थी.
भीड़ ने वहां गाड़ियों, दुकानों और घरों में आग लगा दी. इस हिंसा में पेट्रोल बम भी फेंके गए. भीड़ ने वहां मौजूद पुलिस वैन पर भी पत्थर फेंके जिसमें 10 पुलिस वाले घायल हो गए. जल्द ही एक और पुलिस फोर्स, रिजर्व पुलिस फोर्स, रायट कंट्रोल फोर्स, रैपिड ऐक्शन फोर्स और दमकल की 10 गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं. एक इत्र की दुकान में आग लगने के बाद उसके बगल में स्थित पुराने संस्थान गणेश मंदिर को भी काफी नुकसान हुआ. पुलिस ने स्थिति पर काबू पाने के लिए आंसूगैस के गोले दागे, लाठीचार्ज किया और प्लास्टिक बुलेट का भी प्रयोग किया. औरंगाबाद के पुलिस कमिश्नर मिलिंद भारांबे ने शनिवार को कहा कि शहर में स्थिति अब काबू में है. उन्होंने इस बात से भी इनकार नहीं किया कि यह घटना 4 दिन पहले एक फल की दुकान पर हुई घटना की ही प्रतिक्रिया थी. शाहगंज में 4 दिन पहले ही एक फल की दुकान पर 2 समुदायों के बीच आम लौटाने को लेकर तीखी झड़प हो गई थी.
मेयर नंदकुमार गोडले, शिव सेना के जिला अध्यक्ष अंबादास डावने, सांसद चंद्रकांत खैरे और पूर्व सांसद प्रदीप जैसवाल जैसे नेताओं ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया. उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की. इसके साथ ही चंद्रकांत खैरे ने गणेश मंदिर शनिवार में पूजा-अर्चना भी की.
दो मृतकों में विकलांग शामिल
हिंसा में मारे गए दो में से एक व्यक्ति विकलांग था. सिटी चौक पुलिस सूत्रों के मुताबिक, शनिवार की सुबह 5.30 बजे यह घटना भीड़ द्वारा शाहगंज की एक दुकान में आग लगाने से हुई. दुकान के मालिक जगनलाल बाबूलाल बांसिले, 62, दुकान के अंदर सो रहे थे. वह शरीर से अक्षम थे. लोगों ने उनके परिजनों को दुकान की दूसरी ओर हटाया. जगनलाल को भी दुकान से हटाने की कोशिश की गई लेकिन आग की तेज लपटों के कारण उन्हें बचाया नहीं जा सका. उनकी मृत्यु घटनास्थल पर ही हो गई.
अब्दुल हारूण कादरी, 17, शुक्रवार रात को पुलिस फायरिंग में घायल हो गए. उन्हें पहले स्थानीय क्लिनिक में भर्ती कराया गया. बाद में शनिवार को सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (जीएमसीएच) में भर्ती कराया गया.
पुलिस के मुताबिक वह करीब 9.30 बजे घायल हुए. बाकी और 45 घायलों को भी जीएनसीएच में भर्ती कराया गया, पुलिस ने कहा.
एसीपी, इंस्पेक्टर भी घायलों में शामिल
करीब 10 पुलिसवाले पत्थरबाजी में घायल हुए हैं. असिसटेंट पुलिस कमिनशर गोवर्धन कोलकर के गले में पत्थर से चोट लगी है. वह बुरी तरह जख्मी हैं.
उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. एसीपी (क्राइम) रमेश्वर थोरात भी हिंसा में घायल हुए हैं. सिटी चौकी थाने के इंस्पेक्टर हेंमत कदम और श्रीपद पारोकारी को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
इंटरनेट सेवाएं बाधित
अफवाहों पर नियंत्रण पाने के लिए पुलिस ने टेलीकॉम कंपनियों से शहर में इंटरनेट सेवा बंद करने का आग्रह किया है. रिलायंस जिओ की मोबाइल सेवाएं 11 बजे सुबह तक बंद थी जबकि बाकी सेवाओं को 2 बजे से 48 घंटे तक बंद किया गया है, भाराम्बे ने कहा.
राजनेताओं की बयानबाजी
औरंगाबाद के शिव सेना सांसद चंद्रकान्त खैरे कहा कि पुलिस हिंसा पर काबू पाने में नाकामयाब रही है. उन्होंने कहा, शिव सेना के कार्यकर्ता शुक्रवार शाम से ही माहौल पर नियंत्रण पाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि तीन डीसीपी में से दो छुट्टी पर हैं.
खैरे ने दावा किया कि उन्होंने सुबह 3.30 के करीब मुख्यमंत्री को सूचित कर दिया था. साथ ही उनसे आग्रह किया कि वे व्यक्तिगत तौर पर इसपर ध्यान दें. महाराष्ट्र सरकार में मंत्री दीपक केसरकर ने घटना का मुआयना लिया. उन्होंने कहा कि अब स्थिति नियंत्रण में है.
औरंगाबाद पूर्व के भाजपा विधायक अतुल सावे ने कहा कि उन्होंने भी मुख्यमंत्री को घटना की जानकारी दी थी. मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वस्त भी किया कि घटनास्थल पर अतिरिक्त पुलिस बल भेजी जाएगी. उन्होंने कहा कि पुलिस की कारवाई की बाद स्थिति नियंत्रण में है.
समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष अबू आज़मी ने हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है.
फोटो- 101 रिपोर्टर
(आरतीश्यमल जोशी, औरंगाबाद में स्थित फ्रीलांस रिपोर्टर है और 101 रिपोर्टर्स की सदस्य भी हैं.)
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