Newslaundry Hindi
कर्नाटक चुनाव: फर्ज़ी सर्वेक्षण में भाजपा की जीत का दावा
जैसे-जैसे कर्नाटक विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, कई प्री-पोल सर्वे (चुनाव के पूर्व सर्वेक्षण) प्रकाशित किए जा रहे हैं. ऐसा ही एक सर्वेक्षण सोशल मीडिया पर बीबीसी न्यूज़ के लोगो के साथ प्रसारित जा रहा है. ‘जनता की बात’ नाम से जारी इस सर्वेक्षण के अनुसार, भाजपा पूर्ण बहुमत से कर्नाटक चुनाव जीत रही है. 224 सीटों में से भाजपा को 135 सीटें, जनता दल सेकुलर (जेडीएस) को 45 और कांग्रेस पार्टी को 35 सीटें मिलने की भविष्यवाणी की गई है.
सोशल मीडिया यूजर्स ने ट्विटर पर बताया कि यह सर्वे वॉट्सऐप पर फैलाया रहा है.
द स्टेट नामक वेबसाइट के संस्थापक सुगाता श्रिनिवासराजू ने लिखा, “कर्नाटक चुनाव के संदर्भ में, बीबीसी न्यूज़ और बीबीसी वर्ल्ड का लोगो इस्तेमाल कर यह फर्ज़ी सर्वे वॉट्सऐप पर फैलाया जा रहा है. वॉट्सऐप के तहखाने सबसे खतरनाक साबित हो रहे हैं.”
द केन के रोहिन धर्माकुमार ने लिखा, “यह फॉरवर्ड मुझे मेरे इंजीनियर वॉट्सऐप ग्रुप से मिला है. ऐसा कोई सर्वे नहीं हुआ है. गौरतलब है कि ये संख्या गड़बड़ है. यह बीबीसी पर नहीं है (मैं समझता हूं विश्वसनीयता के लिए बीबीसी का लोगो लगाया गया है). मज़ेदार है, किस तरह फेक न्यूज़ उभर रहा है.”
ऑल्ट न्यूज़ ने इस दावे की जाँच की और इस सर्वे को झूठा पाया. ऐसा कोई सर्वेक्षण जारी नहीं किया गया है. हमें ‘जनता की बात’ नामक ऐसे किसी संगठन का भी पता नहीं चला जिसने यह आयोजित किया हो. कथित सर्वे से जुड़ा कोई भी संदर्भ बीबीसी की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है. बीबीसी का लोगो इसलिए जोड़ा गया है ताकि इन संख्याओं पर लोग आसानी से भरोसा कर लें.
बीबीसी ने ट्विटर पर स्पष्ट किया है कि “कर्नाटक चुनावों पर यह नकली सर्वेक्षण वॉट्सऐप पर प्रसारित किया जा रहा है और इसे बीबीसी न्यूज़ से होने का दावा किया जा रहा है. हम बिल्कुल स्पष्ट करना चाहते हैं कि यह फेक है और बीबीसी ने इसे जारी नहीं किया है. बीबीसी भारत में चुनाव के पूर्व सर्वेक्षण जारी नहीं करता है.”
साथ ही इस सर्वेक्षण में प्रत्येक राजनीतिक दल के लिए अनुमानित सीटों की संख्या में भी अंतर दिखता है. विधानसभा में 224 निर्वाचित सीटें हैं लेकिन इस सर्वेक्षण की संख्या 234 (135 + 45 + 35 + 19) है. इस ‘सर्वेक्षण’ को लगभग ‘जन की बात‘ द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के रूप में प्रसारित करने कोशिश की गई है जिसे कुछ दिन पहले आयोजित किया गया था.
यह पहली बार नहीं है कि चुनाव-पूर्व फर्जी सर्वेक्षण सोशल मीडिया पर फैलाए गए हैं. इससे पहले भी इस तरह के प्रयास राजनीतिक दलों के समर्थकों द्वारा देखे गए हैं जो मतदाताओं को प्रभावित कर किसी खास पार्टी या नेता के पक्ष में ‘लहर’ के तौर पर पेश करते हैं. जहाँ तक कर्नाटक विधानसभा चुनाव की बात है, तीन सर्वेक्षण टाइम्स नाउ-वीएमआर, एबीपी-सीएसडीएस और इंडिया टुडे-कार्वी द्वारा जारी किए गए हैं. तीनों ही सर्वेक्षणों में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलने का अनुमान है जबकि सी फोर के एक सर्वेक्षण के मुताबिक कांग्रेस 118-128 सीटों के साथ कर्नाटक जीत सकती है.
Also Read
-
Can truth survive the fog of war? Lessons from Op Sindoor and beyond
-
Bogus law firm and fake Google notices: The murky online campaign to suppress stories on Vantara
-
Bearing witness in Leh: How do you report a story when everyone’s scared to talk?
-
Happy Deepavali from Team NL-TNM! Thanks for lighting the way
-
As Punjab gets attention, data suggests Haryana, UP contribute to over a third of Delhi’s PM 2.5