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नमो ऐप के खुलासे के बाद पीएम मोदी के वेबसाइट की प्राइवेसी पॉलिसी बदली गई

पीएम मोदी के ‘नरेंद्र मोदी मोबाइल एेप’ को लेकर फ्रेंच रिसर्चर के चौंका देने वाले दावे के बाद, अब पीएम मोदी के वेबसाइट की प्राइवेसी पॉलिसी में अचानक बदलाव दिख रहा है. दरअसल, आधार डेटा की सिक्योरिटी में तमाम झोल बताने वाले फ्रेंच रिसर्चर ने एक के बाद एक किए गए ट्वीट में बताया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोबाइल एप्लिकेशन इस्तेमाल करने वाले यूजर्स का पर्सनल डेटा उनकी बिना जानकारी के थर्ड पार्टी वेबसाइट in.wzrkt.com के साथ शेयर किया जा रहा है. ऑल्ट न्यूज़ ने इस दावे की जाँच की और पाया कि ये सच है.

ऑल्ट न्यूज़ की जांच यहाँ पढ़ी जा सकती है. ऑल्ट न्यूज़ ने उसका लाइव डेमो भी दिखाया.

प्राइवेसी पॉलिसी में किया गया बदलाव

निजी जानकारी एक थर्ड पार्टी डोमेन in.wzrkt.com के साथ शेयर की जाती है, जो कि अमेरिकी कंपनी क्लेवर टैप से संबंधित है. इस रिपोर्ट के बाद, अब वेबसाइट की प्राइवेसी पॉलिसी में अचानक बदलाव किए गए हैं. मौजूदा पॉलिसी को इस स्क्रीन शॉट में देखा जा सकता है.

अब इस नए प्राइवेसी पॉलिसी को हम रिपोर्ट से पहले पीएम मोदी की वेबसाइट पर दिए गए पॉलिसी से तुलना कर सकते हैं. ऑल्ट न्यूज़ ने 23 मार्च को जो प्राइवेसी पॉलिसी थी उसे एक्सेस किया है यानी रिपोर्ट आने से ठीक एक दिन पहले. आप पुरानी प्राइवेसी पॉलिसी का कैचे वर्जन यहां और यहां एक्सेस कर सकते हैं.

‘नरेंद्र मोदी मोबाइल ऐप’ का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स की जानकारी थर्ड पार्टी से शेयर की जा रही है, इस खुलासे से ठीक पहले तक, वेबसाइट में प्राइवेसी पॉलिसी ये दी गई थी-

“Your personal information and contact details shall remain confidential and shall not be used for any purpose other than our communication with you. The information shall not be provided to third parties in any manner whatsoever without your consent.”

यानी “आपकी निजी जानकारी और कॉन्टेक्ट डिटेल गोपनीय रहेंगे और आपके साथ हमारे कम्यूनिकेशन के अलावा इसका इस्तेमाल किसी भी मकसद के लिए नहीं किया जाएगा। जानकारी आपकी सहमति के बिना किसी भी तरीके से थर्ड पार्टी को नहीं दी जाएगी.”

अब ऐसे में जब वेबसाइट की पॉलिसी में इस स्तर का बदलाव किया गया है, तो भी पीएम मोदी के ट्विटर अकाउंट या narendramodi_in के वैरिफाइड अकाउंट से इसकी पुष्टि नहीं की गई. दूसरी बात, जब किसी बड़े ऐप या वेबसाइट की प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव किया जाता है तो उसके यूजर्स को इसके बारे में जानकारी देने की प्रक्रिया भी होती है, लेकिन इस केस में ऐसा नहीं हुआ है. प्रधानमंत्री के वेबसाइट से यह दावा किया गया था कि इस ऐप के जरिए यूजर्स का पर्सनल डेटा उनकी बिना जानकारी के थर्ड पार्टी के साथ शेयर नहीं किया जाएगा, जबकि इसके बिलकुल उलट किया जा रहा था.