Newslaundry Hindi
विश्वसनीय पत्रकारिता? फर्जी ट्वीट के फेर में फंसा आजतक चैनल
14 फरवरी, 2018 को आज तक की वरिष्ठ एंकर अंजना ओम कश्यप ने अपने कार्यक्रम ‘हल्ला बोल’ की शुरूआत करते हुए कहा, “ये आज की सदी का हिंदुस्तान है, एक 18 साल की लड़की रातों-रात पूरी दुनिया में छा गयी। दीवानगी का असर ये होता है की करोड़ों लोग विडियो शेयर कर देते हैं, लेकिन इस बीच कुछ लोगों को ये गवारा नहीं और ये उसके खिलाफ पुलिस शिकायत कर देते हैं, चेतावनी जारी कर देते हैं। हम बात कर रहे हैं प्रिया वारियर की, जिसके बारे में कुछ मौलानों को ये आपत्ति है कि उसके गाने से इस्लाम का अपमान हुआ है। मौलाना कादरी ये कह रहे है कि जब वह नमाज के लिए आंखे बंद करते है तो उन्हें प्रिया वारीअर दिख रही है।”
जैसा अक्सर होता है, एक पैरोडी अकाउंट से किया गया ट्वीट पूरे दिन वायरल होता रहा और कई लोग इसके शिकार हुए। आज तक की शाम के कार्यक्रम का पुरे एक मिनट का परिचय इस ट्वीट पर आधारित था, जिसको यह लेख लिखते समय तक 2600 से अधिक बार ट्वीट किया गया था।
मौलाना कादरी का हवाला देता हुआ यह ट्वीट सोशल मीडिया और मुख्यधारा की मीडिया दोनों के लिए एक समाचार का जरिया बन गयी। तो क्या वास्तव में उन्होंने कोई फ़तवा जारी किया है जैसा कि कहा जा रहा है? यह ट्वीट टाइम्स नाउ के ट्विटर हैंडल से नहीं बल्कि टाइम्स हाउ (T-I-I-M-E-S H-O-W) एक पैरोडी अकाउंट से किया गया था। इस अकाउंट का परिचय स्पस्ट रूप से खुद को पैरोडी/व्यंग अकाउंट बताता है। लेकिन टाइम्स नाउ जैसा दिखने वाले इसके लोगो की वजह से इस ट्वीट ने बड़ी संख्या में लोगों को बेवकूफ बनाया। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। कुछ दिन पहले, मधु किश्वर भी इसी खाते से किये गए ट्वीट को सच मानकर भूल कर बैठी थी। नीचे दिखाए गए स्क्रीनशॉट में बाईं ओर वास्तविक खाते और पैरोडी खाते के लोगो में अंतर दिखाया गया है। इसके अलावा, आधिकारिक टाइम्स नाउ का अकाउंट एक नीला टिक वाला सत्यापित अकाउंट है।
Indiatimes.com जो द टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप की एक कंपनी है, ने भी एक लेख में इस ट्वीट को प्रकाशित किया जिसमें मौलाना का उद्धृत किया गया और बताया गया कि गीत के माध्यम से धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने के लिए प्रिया वारियर के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है।
सिर्फ मुख्यधारा की मीडिया ही नहीं बल्कि सोशल मीडिया भी इसकी शिकार बनी। उपयोगकर्ताओं ने व्यापक रूप से सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों पर ट्वीट के स्क्रीनशॉट को साझा किया है।
तो क्या वाकई ऐसा कोई फतवा जारी किया गया है? नहीं, लेकिन कुछ मुस्लिम युवकों ने हैदराबाद में फलकनामा थाने में एक शिकायत दर्ज की थी, जिसने आरोप लगाया था कि उनके अभिव्यक्ति के माध्यम से प्रिया वारियर ने उनकी भावनाओं को चोट पहुंचाई है। उन्होंने यह भी दावा किया कि पैगंबर के जीवन को संदर्भित करता हुआ यह गीत के कारण इस्लाम का अपमान हुआ है।
12 फरवरी, 2018 को वरिष्ठ पत्रकारों में से एक के अनुबंध की समाप्ति पर आलोचना के जवाब में, इंडिया टुडे ने अपने बचाव में कहा था कि यह संगठन ‘पत्रकारिता के स्वर्ण मानक’ का पालन करता है। इंडिया टुडे की यह जिम्मेदारी खुद सवालों के घेरे में आ गयी, जब आज तक पर ठीक उसके अगले दिन उपरोक्त कार्यक्रम प्रकाशित किया गया।
अंजना ओम कश्यप ने अपना ट्वीट अब डिलीट कर लिया है जिसमें मौलाना कादरी को हवाला देते हुए उन्होंने कहा था, “मौलाना कादरी को गुस्सा इस बात पर है कि नमाज के लिए आँखे बंद करने पर उन्हें इस लड़की का चेहरा दिखता है!”
एक समाचार संगठन जो ‘विश्वसनीय पत्रकारिता का स्वर्ण मानक’ होने का दावा करता है और कथित तौर पर एक कर्मचारी की ट्वीट की वजह से उसकी सेवाओं को समाप्त करने का फैसला लेता है। वहीं दूसरी ओर एक पैरोडी खाते से किया गया ट्वीट जिसका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं था, आज तक ने टीआरपी बढ़ाने और इसे सनसनीखेज रिपोर्ट बताकर कार्यक्रम में प्रकाशित किया। आज तक की यह रिपोर्ट दर्शाती है कि खबर को सनसनीखेज बनाने के लिए मीडिया हाउस तथ्य से समझौता करने के लिए तैयार है।
(यह लेख मूल रूप से ऑल्ट न्यूज़ डॉट इन में प्रकाशित हो चुका है.)
Also Read
-
Can truth survive the fog of war? Lessons from Op Sindoor and beyond
-
Bogus law firm and fake Google notices: The murky online campaign to suppress stories on Vantara
-
Bearing witness in Leh: How do you report a story when everyone’s scared to talk?
-
Happy Deepavali from Team NL-TNM! Thanks for lighting the way
-
As Punjab gets attention, data suggests Haryana, UP contribute to over a third of Delhi’s PM 2.5