Newslaundry Hindi
मिलिए कश्मीर की सीक्रेट सुपरस्टार मीनेम से
महक अशरफ़ की उम्र 17 साल है और अभी से उन्हें कश्मीर की पहली महिला रैपर का खिताब दे दिया गया है. उनके फेसबुक पन्ने के बायो में लिखा है कि वे संगीतकार, गीतकार और ‘हिप हॉप क्वीन ऑफ कश्मीर’ हैं. अमेरिकी रैपर इमिनेम से प्रेरित होकर 12 साल की उम्र से ही महक ने गाना शुरू कर दिया था.
अब श्रीनगर में 12वीं की छात्र महक ने अपना नाम इमिनेम के उल्टे नाम मीनेम पर रखा है. वे कहती हैं कि हिप हॉप के माध्यम से वह अपने भाव व विचार उसी तरह से अभिव्यक्त कर पाती हैं, जैसे वो चाहती हैं. वे रैप में कश्मीर की हकीकत बयां करती हैं. वह सब कह पाती हैं जो अपने आसपास देखती हैं.
जब वे 12 वर्ष की थी, इमिनेम के गाने सुना करती थी. तभी से उनके मन में कश्मीर के लिए ऐसा ही कुछ करने का विचार पैदा हुआ था. “तब मैं खुद लिखने लगी”, वे बताती हैं. “और फिर मैं अपना ही लिखा गाया करती.”
शुरुआत में वे बताती हैं, उनके अभिभावक गाने के प्रति अड़ियल बने रहे और परिवार की तरफ से कोई ज्यादा सहयोग नहीं मिल रहा था. उन्हें मालूम था कि उनके लिए कश्मीर में रैपर बनना मुश्किल था. वे कहती हैं, “क्योंकि राज्य में महिलाओं के किसी अन्य पेशे में काम करने की संभावना न के बराबर ही होती है.”
लेकिन उन्होंने अपना जुनून नहीं छोड़ा. वह जो कर रही थी उसमें उन्हें भरोसा था. वे चाहती थी कि उनके परिजन भी उनपर भरोसा करें. वे बताती हैं, “मैंने अपने अभिभावकों व परिजनों को समझाया कि अगर लड़के रैप कर सकते हैं तो कश्मीर में मेरे जैसी लड़कियां भी रैप कर सकती हैं.” वे पूरे भरोसे से बताती हैं कि अब परिवार वालों का सहयोग उन्हें मिलने लगा है. अब मैं जो भी कर रही हूं, वे उसे लेकर निश्चिंत हैं.
यूट्यूब पर अपने वीडियो प्रोफाइल में वे लिखती हैं- “मुझे कश्मीरी होने पर गर्व है, जो राज्य के हालात को संगीत और रैप के माध्यम से बयां करती हैं. राजनीतिक तौर पर हम यहां शोषित हैं, और दर्द में हैं,”
वे जोर देकर कहती हैं- “लेकिन हम सब अपना संगीत कर रहे हैं… बेहतर करने की कोशिश कर रहे हैं जिससे कि हमारे लोगों को गर्व हो.”
“प्यार करने वाले अब नहीं बचे,” यह उनके एक हिप हॉप गीत के बोल हैं जिन्हें वो रैप स्टाइल में गाती हैं. वे विवाद में पीड़ित परिवारों की दशा की तरफ ध्यान आकर्षित करती हैं- “…और वे हताशा में हैं.”
वे रैप में कहती हैं- “उस निराश बाप से पूछिए, मेहमूद-अल-हसन, जिसके दोनों बेटों मार दिए गए. यह दमन से भरा हुआ है.”
“रोती हैं मां, बाप और बेटी, वे दमन में रहती हैं… कश्मीर में अलगाव और पतन की अपनी नीति है. और अगर यह जारी रहता है, वहां गुस्सा और उपद्रव होगा ही.”
“दो नाबालिग बच्चों की हत्या के आरोपियों को सज़ा होने में 23 साल लग गए, यह हमारी न्यायिक व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा करता है,” वे गाती जाती हैं. “यह लोकतंत्र की रखवाली करने वालों के लिए शर्म की बात है.”
इंटरनेट पर उपलब्ध अपने एक अन्य वीडियो में, वे कहती हैं, जब उन्हें कश्मीर के वर्तमान राजनीतिक हालात के ऊपर रैप करना होता है, पहले वे राजनीतिक घटनाओं के बारे में पढ़ती हैं या कुछ त्रासदियों या पीड़ितों के बारे में जानकारी इकट्ठा करती हैं, यह सब उन्हें प्रभावित करती हैं.
वे आगे लिखती हैं, फिर अपने हिप हॉप स्टाइल में उसे गाती हैं. “अगर मैं राजनीतिक रैप कर रही हूं, मैं अपने लोगों के लिए कर रही हूं, क्योंकि मैं एक कश्मीरी नागरिक हूं,” वे जोर देकर कहती हैं.
“अभी हाल में कश्मीर में हमारे काफी लोग शहीद हुए और आंखों की रोशनी खो बैठे. मैंने इन सब घटनाओं पर रैप तैयार किया.”
हाल ही में जब सोशल मीडिया पर उनके हिप हॉप वीडियो को अपलोड और ऑनलाइन शेयर किया गया, उन्हें प्रोत्साहित करने वाले कई संदेश मिले लेकिन कुछ लोगों को यह पसंद नहीं भी आया.
“मैं रैप करती रहूंगी, लोगों को जो मन आए कहते रहें,” वे कहती हैं. वे वीडियो पर आए नाकारात्मक कमेंट से विचलित नहीं होती. “आप जो कर रहे हैं वह सबको पसंद आ भी नहीं सकता,” वो कहती हैं.
महक कहती हैं कि वे मेहनत करती हैं और राज्य के हालात और लोगों की दुर्दशा पर रैप करती रहेंगीं. “मुझे उम्मीद है कि मैं एक दिन सफल रैपर बनूंगी,” वे बहुत आत्मविश्वास के साथ जोड़ती हैं. मैं यह सब अपने लोगों के लिए कर रही हूं.
भविष्य में महक कश्मीर में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों, नारी सशक्तिकरण और घरेलू हिंसा जैसे मुद्दों पर भी रैप करना चाहती हैं.
अभी के लिए वे साकारात्मक बनी रहना चाहती हैं. लोगों की प्रतिक्रिया से महक गदगद हैं और वे कहती हैं, “हिप हॉप को करियर बनाने का विरोध करने वाले आलोचकों व नफरत करने वालों को ठेंगा.”
मुझे आगे बढ़ना है, वे चेहरे पर मुस्कान के साथ कहती हैं. ढृढ़ निश्चय के साथ कहती हैं, “जैसा कहा जाता है, न चाहने वाले आपको फेमस बनाते हैं!”
Also Read
-
Two-thirds of Delhi does not have reliable air quality data
-
FIR against Gandhis: Decoding the National Herald case
-
TV Newsance 323 | Distraction Files: India is choking. But TV news is distracting
-
‘Talks without him not acceptable to Ladakh’: Sonam Wangchuk’s wife on reality of normalcy in Ladakh
-
Public money skewing the news ecosystem? Delhi’s English dailies bag lion’s share of govt print ads